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जनता कर्फ्यू समस्या का हल नहीं, जनता करे अनुशासन का पालन

  • जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर का आवाहन

  • बोलीं – कोरोना के साथ ही जीने की आदत डालनी होगी अब

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२३  – इस समय कोरोना संक्रमण की बढती रफ्तार और कोरोना संक्रमितों की बढती संख्या को देखते हुए कई लोगों द्वारा अमरावती शहर सहित जिले में कुछ दिनों का जनता कफ्र्यू लगाये जाने की मांग की जा रही है. यह एक तात्कालीक और स्वाभाविक प्रतिक्रिया है. जिसका कोई खास असर नहीं पडेगा और जैसे लॉकडाउन खुलते ही लोगबाग बेतहाशा ढंग से सडकों पर निकल आये थे, वैसे ही जनता कफ्र्यू खत्म होते ही हालात दिखाई देंगे. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, जनता कर्फ्यू के तहत जबरन अपने घरों में रहने की बजाय सभी लोग स्वयंस्फूर्त ढंग से मास्क व सैनिटाईजर का प्रयोग करे और सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन करे. इतना करते हुए भी कोरोना की बीमारी से बडी आसानी के साथ बचा जा सकता है, और यदि हर कोई केवल इतनीही ऐहतियात बरत लें, तो जनता कफ्र्यू की जरूरत नहीं पडेगी और कोरोना के संक्रमण की स्थिति भी नियंत्रित हो जायेगी. इस आशय का आवाहन राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने किया है.
अमरावती जिले में कोरोना संक्रमण की लगातार बिगडी स्थिति तथा जिला प्रशासन, पुलिस महकमे व स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये जा रहे कामों सहित इन दिनों निजी कोविड अस्पतालों द्वारा की जा रही मरीजों की आर्थिक लूट जैसे विषयों को लेकर दैनिक अमरावती मंडल ने जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर के साथ विशेष तौर पर बातचीत की. इस समय उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही पालकमंत्री एड. ठाकुर ने कहा कि, विगत छह माह से जिला प्रशासन, पुलिस महकमे एवं स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी व कर्मचारी जि-जान के साथ दिन-रात मेहनत कर रहे है. जिसमें गलतियां अथवा खोट निकालने का यह वक्त नहीं है, बल्कि इस समय छोटी-मोटी गलतियों को अनदेखा करते हुए प्रशासन का पूरी तरह से साथ दिया जाना जरूरी है.क्योँकि प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग में बैठे लोग भी हमारी आपकी तरह इंसान ही है और लॉकडाउन के दौरान जब सभी लोग अपने-अपने घरों में सुरक्षित बैठे हुए थे, तब इन्हीं लोगों द्वारा अपनी जान का खतरा उठाते हुए काम किया जा रहा था. ऐसे में हम सभी को चाहिए कि, हम उन तमाम प्रयासों एवं कामों का सम्मान करते हुए सरकार एवं प्रशासन द्वारा जारी दिशानिर्देशों का पूरी गंभीरता के साथ पालन करे.
यदि हर कोई घर से बाहर निकलते समय मास्क व सैनिटाईजर का प्रयोग पूरी गंभीरता के साथ करता है, तो निश्चित तौर पर जनता कफ्र्यू लगाने की जरूरत नहीं पडेगी और कोरोना के संक्रमण की चेन अपने आप ही टूट जायेगी. इन दिनों निजी कोविड अस्पतालों द्वारा मरीजों से अनाप-शनाप राशि के बिल वसूले जाने के संदर्भ में मिल रही शिकायतों की ओर ध्यान दिलाये जाने पर पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि, अगर ऐसी एक भी शिकायत सही पायी जाती है, तो संबंधितों के खिलाफ कडी से कडी कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि, उन्होंने दो दिन पूर्व शहर के सभी कोविड अस्पताल संचालकों, डॉक्टरों व केमिस्टों की एक बैठक बुलाकर साफ तौर पर कहा था कि, यह वक्त मुनाफा कमाने का नहीं है, बल्कि इस समय सभी ने एक-एक कोरोना संक्रमित मरीज की जान बचाने के लिए समर्पित भाव से अपनी सेवाएं प्रदान करनी चाहिए. इसके अलावा पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने यह भी कहा कि, सरकार एवं प्रशासन द्वारा निजी कोविड अस्पतालों को अनुमति देने के बाद वहां चल रहे सभी क्रियाकलापों पर पूरी नजर रखी जा रही है. और इन अस्पतालों के एक-एक बिल का ऑडिट किया जा रहा है. जिसमें इस समय तक कोई गडगडी नहीं पायी गयी है. लेकिन यदि इसके बावजूद भी किसी के पास किसी निजी कोविड अस्पताल को लेकर कोई शिकायत है तो वे इस संदर्भ में जिला प्रशासन व मनपा प्रशासन से संपर्क साधकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते है. जिसे लेकर संबंधितों के खिलाफ जांच व कार्रवाई अवश्य की जायेगी.

पूरी जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की नहीं, जनता भी अपनी जिम्मेदारियों को समझे

इन दिनों चहुंओर से उठ रही जनता कफ्र्यू की मांग को लेकर पूछे गये सवाल पर पालकमंत्री यशोमति ठाकुर का कहना रहा कि, एक लंबे समय तक चली लॉकडाउन की प्रक्रिया के समय जो लोग जल्द से जल्द लॉकडाउन को खत्म करने और अनलॉक प्रक्रिया के तहत अधिक से अधिक छूट प्राप्त करने के लिए लालाईत है, आज छूट मिल जाने के बाद जब हालात बिगडने लगे है, तो वहीं लोग अब जनता कफ्र्यू लगाने की मांग कर रहे है, लेकिन सभी को एक बात समझ लेनी होगी की लॉकडाउन या जनता कफ्र्यू इस समस्या का हल नहीं है. ्नयोेंकि जनता कफ्र्यू की वजह से कई लोगों को बेरोजगारी व भूखमरी का सामना करना पड सकता है. ऐसा हम इससे पहले लॉकडाउन काल के दौरान देख चुके है. ऐसे में जब तक कोरोना के खिलाफ कोई कारगर वै्िनसन या दवाई नहीं आ जाती, तब तक हम सभी ने पूरी ऐहतियात बरतते हुए इस खतरे के साथ जीने की आदत डाल लेनी चाहिए. साथ ही लोगों ने यह भी समझना चाहिए कि, इस बीमारी से लडने की जिम्मेदारी केवल मुख्यमंत्री, स्वास्थ्यमंत्री, पालकमंत्री, जिलाधीश, जिला शल्य चिकित्सक, मनपा आयुक्त व पुलिस आयुक्त अथवा प्रशासनिक अधिकारियों व कर्मचारियों की ही नहीं है, बल्कि हर एक व्यक्ति को अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर जिम्मेदार व जागरूक बनना ही होगा.

सडक मार्ग से किया ४० हजार किमी का सफर

इस बातचीत के दौरान जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर ने कहा कि, कोरोना काल के दौरान महाविकास आघाडी सरकार के मुखिया सीएम उध्दव ठाकरे सहित हर एक मंत्री दिन-रात काम में जुटा हुआ है. इस दौरान खुद उन्होंने राज्य के १२ अलग-अलग जिलों का दौरा करते हुए सडक मार्ग के जरिये करीब ४० हजार किलोमीटर की यात्रा की है. इसी दौरान उन्होंने अमरावती के सुपर स्पेशालीटी अस्पताल के भीतर जाकर वहां भरती मरीजों से संवाद साधा. साथ ही राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा करते समय संबंधित प्रशासनिक अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए वहां चल रहे कोरोना प्रतिबंधात्मक उपायों का भी जायजा लिया. इस दौरान उन्होंने कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से बचने के लिए तमाम जरूरी एहतियात बरते. ठीक इसी तरह हर एक व्यक्ति को अपने दैनिक जीवन संबंधी कामकाज करते समय एहतियात बरतना बेहद जरूरी है.

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