मुंबई./दि.1 – विगत कुछ समय से राज्य में चल रही राजनीतिक उठापठक को देखते हुए राज्य में एक बार फिर अपनी सरकार बनेगी, ऐसी उम्मीद महाविकास आघाडी के घटक पक्षों में बंधती नजर आ रही है. जिसके चलते राष्ट्रवादी कांग्रेस व ठाकरे गुट के नेताओं द्बारा अगले मुख्यमंत्री को लेकर अलग-अलग बयान देने शुरु कर दिए गए है. इसी बीच कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ने एक ऐसा बयान दिया है. जिसके चलते महाविकास आघाडी में शामिल अन्य सहयोगी दलों का सिरदर्द बढ सकता है. नाना पटोले ने अपने बयान में कहा कि, अगला मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसका निर्णय जनता ही करेगी. जिस पार्टी को जनता आशीर्वाद देगी, उसी पार्टी का मुख्यमंत्री बनेगा. साफ है कि, नाना पटोले महाविकास आघाडी की ओर से पहले ही मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किए जाने वाले नाम पर राजी होने को तैयार नहीं है और चाहते है कि, चुनाव के बाद सदन में जिस पार्टी का संख्याबल अधिक हो, उस पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद पर दावा किया जाए.
इस संदर्भ में पत्रकारों द्बारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए नाना पटोले ने कहा कि, इस समय कोई चुनाव नहीं हो रहे है. ऐसे में मुख्यमंत्री पद को लेकर चर्चा करने में कोई मतलब नहीं है. जो लोग यह चर्चा कर रहे है, वे करते रहे. लेकिन कांग्रेस के लिए इस समय जनता के प्रश्न बेहद महत्वपूर्ण है और जनता को न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस लड रही है. जहां तक अगले मुख्यमंत्री का सवाल है, तो जिस पार्टी को जनता आशिर्वाद देगी, उसी पार्टी का मुख्यमंत्री बनेगा. इसके साथ ही नाना पटोले ने यह भी कहा कि, समूचे राज्य में हुए कृषि उत्पन्न बाजार समितियों के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने सबसे अव्वल स्थान पर रहकर जीत हासिल की है और आम जनता का कांग्रेस पार्टी पर विश्वास और अधिक मजबूत हुआ है. चूंकि भारतीय जनता पार्टी किसान विरोधी है. ऐसे में बाजार समिति के चुनाव में भाजपा समर्थित पैनलों को कोई सफलता नहीं मिली.
इसके साथ ही महाराष्ट्र राज्य के विकास को लेकर भी नाना पटोलेे ने भाजपा की जमकर आलोचना करते हुए कहा कि, महाराष्ट्र राज्य की स्थापना होने के बाद इसे देश में पहले नंबर का स्थान दिलाने में कांग्रेस की सरकारों का सबसे बडा योगदान है. स्व. यशवंतराव चव्हाण से लेकर पृथ्वीराज चव्हाण तक कांग्रेस के सभी मुख्यमंत्रियों ने राज्य को प्रगती पर आगे रखा. लेकिन विगत कुछ वर्षों से दिल्ली के आदेश पर भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्बारा महाराष्ट्र को अधोगति की ओर ले जाया जा रहा है. जिसे रोकते हुए महाराष्ट्र को एक बार फिर प्रगतीपथ पर आगे बढाने का काम करना होगा.