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समृद्धि पर चली बस का पीयूसी निकालना पडा भारी

पीयूसी केंद्र की मान्यता व लाईसेंस रद्द

* 1 जुलाई को ही निकाली गई थी पीयूसी
* बीमा लाभ के लिए ट्रैवल्स संचालक ने की होशियारी
यवतमाल/दि.6 – विगत 1 जुलाई की रात समृद्धि एक्सप्रेस वे पर विदर्भ ट्रैवल्स की बस में सडक हादसे के बाद आग लग गई थी. जिसमें 25 लोग जिंदा जलकर मारे गए थे. इस ट्रैवल्स के पीयूसी प्रमाणपत्र की मुदत मार्च माह में खत्म हो गई थी. वहीं मामले की जांच में पता चला कि, बस के ड्राइवर को झपकी लगने की वजह से यह हादसा हुआ था. ऐसे में पीयूसी नहीं रहने के चलते बीमा का लाभ नहीं मिलने का डर होने पर ट्रैवल्स के संचालक दरने परिवार ने अगले दिन 1 जुलाई की ‘बैक डेट’ में जलकर खाक हो चुकी बस की पीयूसी निकलवाई. यह बात सामने आते ही यवतमाल आरटीओ ने जांच शुरु करने के साथ ही हादसे के बाद पीयूसी देने वाले पीयूसी केंद्र के लाईसेंस को रद्द कर दिया.
उल्लेखनीय है कि, यवतमाल में बडे पैमाने पर ट्रैवल्स का व्यवसाय किया जाता है. जिसके तहत आरटीओ एवं पुलिस महकमें के अधिकारियों व कर्मचारियों ने इस व्यवसाय में अच्छा खासा निवेश करते हुए लक्झरी बसों को चलाना शुरु किया है. इससे पहले ही विगत अक्तुबर माह में ही यवतमाल के चिंतामणी ट्रैवल्स की लक्झरी बस के साथ हादसा घटित हुआ था. जिनमें 12 लोगों की जलकर मौत हो गई थी. उस बस में क्षमता से अधिक यात्री सवार थे तथा पूरे सफर के दौरान कहीं पर भी आरटीओ के उडनदस्ते द्बारा उस बस की चेकिंग नहीं हुई थी. वहीं अब समृद्धि एक्सप्रेस वे पर 25 लोगों की चिता बनकर खाक हुई विदर्भ ट्रैवल्स की बस एक पुलिस उपनिरीक्षक की पत्नी के नाम पर है. इस लक्झरी बस के सभी दस्तावेज अपटूडेट है. लेकिन पीयूसी की मुदत मार्च माह में खत्म हो गई थी. जिसकी वजह से किसी भी तरह का कोई आरोप न लगाया जाए और बीमा का लाभ प्राप्त करने में किसी तरह की कोई दिक्कत न आए. इस बात के मद्देनजर उक्त लक्झरी बस के सडक हादसे का शिकार होने के साथ ही पूरी तरह से जलकर खाक हो जाने के बाद 1 जुलाई की बैक डेट में पीयूसी निकाली गई. जिससे ऑनलाइन पीयूसी की हकीकत उजागर होकर सबके सामने आयी है. पता चला है कि, यवतमाल आरटीओ कार्यालय के सामने रहने वाले रॉयल पीयूसी सेंटर से लक्झरी बस क्रमांक एमएच-29/बीई-1819 की ऑनलाइन पीयूसी जारी की गई थी. यह पीयूसी देने वाले मिंटों उर्फ साकीब असलम के खिलाफ कार्रवाई करते हुए आरटीओ ने उसके लाईसेंस को हमेशा के लिए रद्द कर दिया. साथ ही उक्त ट्रैवल्स बस की मालिक प्रगती भास्कर दरने को जवाब देने हेतु बुलाया. प्रगती दरने की ओर से उनके पति भास्कर दरने ने लिखित जवाब पेश करते हुए बताया कि, संभवत: व्यवसायिक प्रतिस्पर्धा के चलते किसी ने जानबूझकर सडक हादसे का शिकार होने के बाद उनकी बस का पीयूसी सर्टीफिकेट निकाला.

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