दुष्कर्मी को 10 साल के सख्त कारावास की सजा
दंड नहीं भरने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास
अमरावती/प्रतिनिधि दि.13 – स्थानीय जिला न्यायालय क्रमांक 4 के न्यायाधीश एस.ए.सिन्हा ने दुराचारी युवक जयराम शिलू को जबरन दुष्कर्म मामले में 10 साल के सख्त कारावास और 10 हजार रुपए दंड की सजा सुनाई है. दंड नहीं भरने पर 6 माह की अतिरिक्त कारावास की सजा भी सुनाई है.
इस्तगासे के अनुसार वरुड के साने गुरुजी कॉलोनी की झोपडपट्टी में रहने वाली पीडिता अपने माता-पिता के साथ रहती थी. पीडिता के घर के नजदीक ही आरोपी जयराम शिलू भी रहता था. 3 नवंबर 2018 में पीडिता अपने माता-पिता के साथ भोजन कर सोई थी. इस बीच पीडिता शौचविधि के लिए बाहर आयी थी. तभी आरोपी ने पीडिता के साथ बात करने की कोशिश की और उसे जबरन उठाकर एक कच्चे घर में ले गया. यहां पर उसने पीडिता के साथ जबरन दुराचार किया. इस बीच पीडिता की मां की नींद खुली. उसने पीडिता को घर में देखा तो वह दिखाई नहीं दी. इसलिए पीडिता की मां व पिता ने घर के बाहर आकर उसे ढुंढना शुरु किया. पीडिता बाजू में के ही कच्चे मकान में पडी हुई दिखाई दी. दुष्कर्म करने के बाद आरोपी वहां से फरार हो गया था. पीडिता ने संपूर्ण घटना की जानकारी माता-पिता को दी. इसके बाद 4 नवंबर 2018 में पीडिता की मां ने आरोपी के खिलाफ वरुड पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 (2), 450, 506, उपधारा 3, 4, पोस्कोे के तहत अपराध दर्ज कर दोषारोपपत्र न्यायालय में पेश किया. न्यायालय में सरकारी पक्ष की ओर से कुल 6 गवाहों के बयान जांचे गए. इस मामले में सरकारी वकील रणजित भेटालू ने युक्तिवाद किया. इस मामले में आरोपी ने पीडिता की अज्ञानता और उम्र का फायदा उठाते हुए उसके साथ जबरन दुराचार किये जाने की बात सामने आयी. जिसके बाद न्यायाधीश एस.ए.सिन्हा ने आरोपी जयराम शिलू को दोषी मानते हुए 10 साल के सख्त कारावास व 10 हजार रुपए जुर्माना भरने की सजा सुनाई, जुर्माना नहीं भरने पर 6 माह की अतिरिक्त सख्त कारावास की सजा सुनाई. इतना ही नहीं तो दंड की रकम पीडिता को नुकसान भरपाई के रुप में देेने के निर्देश भी दिये. इस मामले में जांच अधिकारी के रुप में पीएसआई प्रिया उमाले ने काम किया. वहीं पैरवी अधिकारी के रुप में पवार ने काम संभाला. इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से सहायक सरकारी वकील रणजित भेंटालू ने युक्तिवाद किया.