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हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा

जिला न्यायाधीश का फैसला

अमरावती/प्रतिनिधि दि.28 – स्थानीय जिला न्यायाधीश बेंच 1 के न्यायमूर्ति एस.एस.अडकर ने आरोपी वंदना टेकाडे को हत्या के आरोप में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास व 20 हजार रुपए दंड तथा दंड नहीं भरने पर एक साल के साधे कारावास के अलावा धारा 452 के आरोप में भी दोषी पाते हुए 7 साल के कारावास व 5 हजार रुपए का दंड व दंड नहीं भरने पर 6 माह के साधे कारावास की सजा सुनाई है.
इस्तेगासे के अनुसार वलगांव पुलिस थाना क्षेत्र में 29 दिसंबर 2014 की शाम 5.30 बजे के करीब निशा जिरापुरे यह अपने घर में थी. इस समय आरोपी वंदना टेकाडे ने निशा के चारित्र्य पर संदेह उठाते हुए बदनामी करते हुए झगडा किया व घर में प्रवेश कर मृतक के घर की डबकी में रखा घासलेट शिकायतकर्ता के शरीर पर उंडेल दिया. वहीं सिगडी पर रखी आग की डिब्बी से तिल्ली जलाकर उसे जलाया व जान से मारने का प्रयास किया. इसके बाद वहां वह भाग निकली. मृतक के पति सुरेश जिरापुरे घर पहुंचने पर निशा को बचाने की कोशिश की, लेकिन इसमें वह भी 69 फीसदी झुलस गया व मृतक निशा भी 78 फीसदी झुलस गई. मृतक निशा के बयान व जांच के बाद आरोपी के खिलाफ धारा 307, 452, 504 के तहत वलगांव पुलिस थाने में अपराध दर्ज किया गया. सुरेश जिरापुरे की 6 जनवरी 2015 में जिला सामान्य अस्पताल में उपचार के दौरान मोैत हो गई. जिसके बाद इस मामले में धारा 304 का अपराध भी दर्ज किया गया. इसके अलावा निशा जिरापुरे की 8 जनवरी 2015 में जिला सामान्य अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई. जिसपर धारा 302 के तहत अपराध दर्ज किया गया. दोनों मृतकों के डीडी बयान पर 302, 452, 504, 304 के तहत दोषारोपपत्र न्यायालय में प्रविष्ट किया गया. इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से कुल 15 गवाहों के बयान जांचे गए. इस मामले की जांच वलगांव थाने के पीएसआई प्रशांत बांबल ने की. इस मामले में आरोपी के खिलाफ धारा 302, 452 के तहत अपराध सिध्द होने पर जिला न्यायालय क्रमांक 1 के न्यायाधीश एस.एस.अडकर ने आरोपी को धारा 302 के तहत आजीवन सश्रम कारावास व 20 हजार रुपए दंड, दंड नहीं भरने पर एक साल का साधा कारावास के अलावा धारा 452 के तहत 7 साल के कारावास व 5 हजार रुपए दंड तथा दंड नहीं भरने पर 6 माह के साधे कारावास की सजा सुनाई. यह दोनों सजाएं आरोपी को एकसाथ भुगतनी है. इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से सहायक सरकारी वकील प्रशांत देशमुख ने युक्तिवाद किया. वहीं इस मामले में पैरवी अधिकारी विजय वाट व अरुण हटवार ने काम संभाला.

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