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घोटाले में शामिल अधिकारी को बचाने का प्रयास
अमरावती/प्रतिनिधि दि.१२ – मेलघाट स्थित धारणी प्रादेशिक कार्यालय अंतर्गत धान खरेदी में घोटाला होने की बात उजागर हुई है. जिसकी जांच करने पर पता चला है कि, धान खरेदी करने के बाद सातबारा लिया गया. यानि एक तरह से धान की व्यापारिक खरेदी की गई. वहीं दूसरी ओर मेलघाट में इंटरनेट का अभाव रहने के चलते सातबारा को खरेदी के बाद डाउनलोड किये जाने की बात जांच के दौरान तत्कालीन प्रादेशिक व्यवस्थापक द्बारा कहीं गई है. ऐसे में संदेह व्यक्त किया जा रहा है कि, संबंधित दोषी अधिकारियों को बचाने के लिए रिपोर्ट में स्पष्टता न देते हुए सब गोलमाल जवाब दिये जा रहे है.
इस मामले को लेकर मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2015-16 के सीजन में धारणी प्रादेशिक कार्यालय अंतर्गत कलमखार केंद्र सहित अन्य स्थानों पर धान की खरेदी की गई. किंतु इसमें पहले माल की खरेदी हुई और इसके करीब एक महीने पश्चात सातबारा डाउनलोड किया गया. विशेष उल्लेखनिय यह है कि, इस दौरान प्रादेशिक व्यवस्थापक व विपनन निरिक्षक ऐसे दोनों पदों का पदभार आशिष वसावे के पास था. उन्होंने 22 जनवरी 2016 से 30 जनवरी 2016 यानि 8 दिनों तक यह पदभार अपने पास रखा था और पश्चात प्रभारी प्रादेशिक व्यवस्थापक का पदभार छोड दिया था. यानि एक ही अधिकारी ने दोनों स्थानों पर अपनी जबाबदारी को पूर्ण किया. इसी दौरान अरविंद मालवीय से करीब सव्वा दो लाख रुपए मूल्य का 29 क्विंटल धान खरीदा गया. साथ ही भगीरथा भिलावेकर से भी धान की खरेदी की गई. लेकिन दोनों से सातबारा नहीं लिया गया. वहीं रामू भिलावेकर द्बारा 1 क्विंटल धान अपने सिर पर लाये जाने की बात दर्ज करते हुए कहा गया कि, इसके लिए सातबारा के उतारे की कोई जरुरत भी नहीं थी. साथ ही साथ पीकपेरा यानि फसल विवरण में धान की जानकारी दर्ज नहीं रहने के बावजूद भी ऐसे किसानों से धान खरीदा गया. लेकिन रिपोर्ट में इसे लेकर कोई अभिप्राय नहीं दिया गया है. ऐसे में माना जा रहा है कि, उस घोटाले में शामिल अधिकारियों को बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है.