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प्रा. श्रीकांत देशपांडे की जीत इस बार भी सुनिश्चित

  •  उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने जताया विश्वास

  •  पत्रवार्ता में देशपांडे की जीत के लिए वातावरण को बताया पोषक

अमरावती/प्रतिनिधि दि १९ – इस समय संभाग के शिक्षा क्षेत्र में जिस तरह का वातावरण है, वह शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में महाविकास आघाडी की ओर से प्रत्याशी बनाये गये प्रा. श्रीेकांत देशपांडे की जीत के लिए बेहद पोषक है. साथ ही प्रा. श्रीकांत देशपांडे के साथ उनके द्वारा विगत 6 वर्षों के दौरान किए गए कार्यों की ताकद भी है. जिसके दम पर प्रा. श्रीकांत देशपांडे की जीत पूरी तरह से सुनिश्चित है. इस आशय का विश्वास राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने जताया.
शिक्षक आघाडी के अध्यक्ष तथा महाविकास आघाडी के प्रत्याशी के तौर पर विधान परिषद सीट हेतु शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव लड रहे प्रा. श्रीकांत देशपांडे के प्रचारार्थ अमरावती के दौरे पर आये उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने स्थानीय हव्याप्रमं में आयोजीत प्रचार सभा में हिस्सा लेने के बाद यहां बुलायी गयी पत्रकार परिषद को संबोधित करते हुए उपरोक्त प्रतिपादन किया. इस समय स्थानीय मीडिया से मुखातिब होते हुए उच्च व तंत्रशिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कहा कि, राज्य की महाविकास आघाडी सरकार द्वारा बीते एक वर्ष के दौरान शिक्षा क्षेत्र एवं शिक्षकों के लिए कई प्रभावी फैसले लिये गये है और वरिष्ठ महाविद्यालयों के प्रिंसिपल व प्राध्यापकों को लेकर कई सारे काम करते हुए अनुशेष को दूर करते हुए ही प्रभावी कदम उठाये जा रहे है. जिसके बारे में इस समय आचारसंहिता जारी रहने के चलते घोषणा नहीं की जा सकती.
इस समय पुरानी पेन्शन योजना व अनुदान के संदर्भ में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा कि, यह मामला उच्च व तंत्र शिक्षा विभाग के अंतर्गत नहीं बल्कि शालेय शिक्षा विभाग के अंतर्गत आता है. ऐसे में इस पर कुछ नहीं कह सकते. जिसके चलते पत्रवार्ता में उपस्थित शालेय शिक्षा राज्यमंत्री बच्चु कडू ने कहा कि, पुरानी पेन्शन योजना व अनुदान को लेकर शालेय शिक्षा विभाग द्वारा आवश्यक पहल की जा रही है और आचारसंहिता के खत्म होने के बाद इस बारे में घोषणा की जायेगी.
वहीं दूसरी ओर विगत दिनों विश्वविद्यालयों द्वारा ली गयी परीक्षाओं में कई तरह की गडबडियां उजागर होने की ओर ध्यान दिलाये जाने पर उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने कहा कि, राज्य सरकार तो पहले से ही विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाएं लिये जाने के खिलाफ भी, किंतु सुप्रीम कोर्ट के आदेश एवं यूजीसी के निर्देश पर हमें यह परीक्षा आयोजीत करनी पडी. ऐन समय पर काफी दौडभाग करते हुए तमाम संसाधन जुटाकर राज्य के विभिन्न विद्यापीठों ने ऑनलाईन परीक्षाएं आयोजीत की. जिसमें कुछ हद तक गडबडियां सामने आयी है. ऐसे में इन गडबडियों की जांच करने हेतु दो संचालकों के समावेशवाली जांच समिती गठित की जायेगी. जो पडताल करने के बाद अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाये जानेवाले लोगों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जायेगी, ऐसा भी उन्होंने इस पत्रवार्ता में बताया है.

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