वाशिम/ दि.20 – शिरपुर जैन में कुछ दिनों पहले ही 42 वर्ष पुराने विवाद का हल कर प्रसिध्द मंदिर के ताले खोले गए थे. जिसके बाद रविवार को जैन समाज ने जुलूस निकाला तो गुजरी चौक के निकलंक भवन के सामने श्वेतांबर और दिगंबर समाज के लोग आपस में उलझ गए. वहां भयंकर राडा हो गया. जुलूस पर पथरबाजी के साथ ही कुर्सियां भी एक-दूसरे को फेंककर चोट पहुंचाने का प्रयास किया गया. खबर है कि, झगडे में 3 लोग जख्मी हुए हैं. घटना के बाद पुलिस बंदोबस्त तैनात किया गया है.
राडे को लेकर तरह-तरह की चर्चा सुनने मिल रही. जिसके अनुसार श्वेतांबर जैन समाज के जुलूस को पुलिस ने अनुमति दी थी क्या? ऐसे ही वहां से हजारों जैन बांधवों का जुलूस गुजरी चौक पर आया और वहां राडा हुआ. पुलिस ने उचित इंतजाम क्यों नहीं किया. जैन मंदिर में शांतिपूर्ण दर्शन शुरु थे. जिसके बाद अतिरिक्त सतर्कता पुलिस प्रशासन को बरतना चाहिए था, ऐसा भी कुछ लोग कह रहे हैं.
मंदिर बंद कराने की साजिश
ऐलक श्री सिध्दांत सागरजी ने आरोप लगाया कि, 4 दशकों के बाद कोर्ट के निर्देश से शुरु हुआ श्री अंतरिक्ष पार्श्वनाथ मंदिर को दोबारा बंद कराने की साजिश की जा रही है. इसी साजिश के तहत रविवार को नाहक विवाद किया गया. उन्होंने कहा कि, जैन समाज अहिंसा का पूजारी है. मंदिर में बाउंसर तैनात करने की आवश्यकता नहीं है. कुछ बाउंसर वहां आये, भाविकों के साथ असभ्य बर्ताव कर रहे है, ऐसी शिकायतें मिल रही है. यह मंदिर बंद कराने का षडयंत्र है. सिध्दांत सागरजी ने कहा कि, मूर्तिलेप प्रक्रिया पारदर्शी होनी चाहिए, इसमें हर्बल लेप का उपयोग किया जाए, लेप प्रक्रिया में श्वेतांबरी जैन समाज ने दिगंबर जैन समाज को भी साथ लेना चाहिए. प्रशासन ने भी हमने यह मांग की है. मंदिर को 24 घंटे खुला रखने के कोर्ट के निर्देश है. उन निर्देशों का पालन सभी का कर्तव्य हैं.