जलजमाव को टालने रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की जरूरत
-
घरों के सामने सिमेंट रोड व पेविंग ब्लॉक के साथ-साथ नाली रहना भी जरूरी
-
निगमायुक्त प्रशांत रोडे की दैनिक अमरावती मंडल से विशेष बातचीत
अमरावती/प्रतिनिधि दि.13 – विगत दो दिनों के दौरान हुई झमाझम बारिश की वजह से अमरावती शहर में लगभग चहुंओर जलजमाव की स्थिति बन गई और केवल आधे घंटे की बारिश की वजह से शहर के कई व्यापारिक स्थल व रिहायशी इलाके अगले कई घंटों तक पानी में डूबे रहे. ऐसे में मनपा प्रशासन द्वारा मान्सून पूर्व कामों को लेकर किये गये दांवों की पोल खुलती नजर आयी. साथ ही इन दावों पर सवालिया निशान भी लगते नजर आये. जिसके संदर्भ में जानकारी व प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किये जाने पर अमरावती मनपा के निगमायुक्त प्रशांत रोडे ने बताया कि, हकीकत में समस्या कही और है. जिसके लिए खुद नागरिकों को भी अपनी ओर से थोडी बहुत कोशिशें करनी होगी. इसके बाद ही इस समस्या का हल निकाला जा सकता है.
निगमायुक्त प्रशांत रोडे के मुताबिक अमरावती महानगरपालिका के स्वच्छता विभाग ने गत वर्ष की तरह इस वर्ष भी शहर में सभी नालियों एवं नालों की साफ-सफाई का काम किया गया और मान्सून पूर्व कामों को भी सही तरीके से निपटाया गया, लेकिन इन दिनों सबसे बडी समस्या यह है कि, पहले जितना पानी तीन-चार दिन की झडी में बरसता था, अब उतना ही पानी अचानक घंटे-डेढ घंटे में फटाफट बरस जाता है. जिसकी वजह से जमीन के भीतर पानी के रिसाव के लिए समय ही नहीं मिलता. दूसरी सबसे बडी समस्या शहर में हुए बेतहाशा कांक्रीटीकरण की वजह से भी पैदा हुई है. इन दिनों हर कोई यह चाहता है कि उसके मकान व दुकान के दरवाजे तक सिमेंट का रास्ता अथवा पेविंग ब्लॉक बनाया जाये, लेकिन घर और दूकान के सामने से कोई भी व्यक्ति नाली का गुजरना बर्दाश्त नहीं करता. ऐसे में अगर हर ओर सिमेंट के रास्ते व पेविंग ब्लॉक ही बनाये जायेंगे तथा नालियां नहीं बनने दी जायेगी, तो बारिश के पानी की निकासी कैसे होगी.
आयुक्त प्रशांत रोडे के मुताबिक विगत करीब दस वर्षों से लगातार रेन वॉटर हार्वेस्टिंग को लेकर भी जनजागृति की जा रही है. किंतु शहर में अब तक अधिकांश लोगों ने अपनी रिहाशयी व व्यवसायिक इमारतों पर रेन वॉटर हार्वेस्टिंग नहीं करवायी है. यदि ऐसा करवाया जाता, तो इमारतों की छतों से नीचे उतरनेवाला बारिश का पानी सीधे भूगर्भ में चला जाता. किंतु यह व्यवस्था नहीं रहने की वजह से यह पानी नालियों और सडकों पर जमा होता है. इसके साथ ही आयुक्त प्रशांत रोडे ने यह भी कहा कि, मनपा प्रशासन और मनपा क्षेत्र के नागरिक दो अलग-अलग पक्ष नहीं है, बल्कि दोनों एक-दूसरे के पुरक है. यह बात आम नागरिकों ने भी समझनी चाहिए और प्रशासन के साथ आवश्यक सहयोग भी करना चाहिए. यदि आम नागरिक मनपा की ओर से किये जाते स्वच्छता संबंधी कामों में सहयोग दे, अपनी इमारतों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग करवाये तथा घरों से निकलनेवाला कचरा खुले स्थानों व नालियों में फेंकने की बजाय कचरा संकलन हेतु आनेवाली गाडी में डाले, तो आधे से अधिक समस्या को हल किया जा सकता है. इसके अलावा नागरिकों को चाहिए कि वे थर्माकोल और प्लास्टिक से बनी वस्तुओं का प्रयोग करना भी टाले, क्योंकि एक तो यह वस्तुएं लंबे समय तक नष्ट नहीं होती और यदि जमीन पर प्लास्टिक व थर्माकोल के कचरे का स्तर बीछ गया, तो आसमान से बरसनेवाला पानी जमीन के भीतर रिसाव नहीं कर पाता. वहीं दूसरी ओर इन वस्तुओं की वजह से नालियों व बडे नालों में भी कचरा फंसने की समस्या पैदा होती है. जिसकी वजह से बारिश के मौसम में पानी आगे नहीं बढ पाता और जलजमाव की स्थिति बन जाती है. ऐसे में बदलते मौसम चक्र और हालात के मद्देनजर नागरिकों को भी प्रशासन के साथ सहयोगात्मक रवैय्या अपनाते हुए जागरूक रहना होगा. तभी इस समस्या का यथोचित समाधान हो पायेगा.
-
समस्या की मुख्य वजहें
– शहर में लगातार बढता बेतहाशा कांक्रीटीकरण.
– रिहायशी इलाकों में जलनिकासी हेतु नालियों का अभाव.
– रेन वॉटर हार्वेस्टिंग के प्रति लोगों की उदासिनता.
– कचरा फेंकने की आदत में लापरवाही.
– प्लास्टिक एवं थर्माकोल की वस्तुओं का प्रयोग .
– अपने परिसर की साफ-सफाई के प्रति लोगों की अनदेखी.
-
ऐसे हो सकता है समस्या का समाधान
– प्लास्टिक व थर्माकोल की वस्तुओं का प्रयोग टाले.
– घर से निकलनेवाले कचरे को सर्विस गली या नालियों में न फेंके, बल्कि कचरा गाडी में ही डाले.
– रिहायशी व व्यवसायिक इमारतों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग जरूर करवाये.