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गरजदरी जलाशय की दीवार फूटने से खिराला गांव में घुसा पानी
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पूर्णा जलाशय के 9 दरवाजे खोले गये
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सापन जलाशय के भी दो दरवाजे खोले गये है
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मोर्णा को बाढ, अनेक घरों में घूसा पानी
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वाशिम में बारिश का कहर, नदियों को बाढ, पाझर तालाब फूटा
अमरावती/प्रतिनिधि दि.22 – लंबी प्रतीक्षा के बाद अमरावती, अकोला और वाशिम जिले में कल रात से मूसलाधार बारिश ने हाजरी लगायी है. अनेक जगहों पर अतिवृष्टि के कारण नदी-नालों को बाढ आ गयी है. अमरावती जिले में पिछले 48 घंटे से बारिश ने हाजरी लगायी है. बारिश के कारण खेती काम रूके पडे है. वहीं सतपुडा की पहाडियों से घिरे मेलघाट की छोटी-बडी नदियां उफान पर बहने लगी है. इस कारण जिला मुख्यालय से अनेक गांवों का संपर्क टूट गया है. चिखलदरा तहसील में स्थित गरजदरी जलाशय की दीवार फूटने से खिराला गांव में बारिश का पानी घुस गया है. वहीं मेलघाट के हरिसाल नदी को भी जबर्दस्त बाढ आयी हुई है. वहीं चांदूर बाजार तहसील के पूर्णा जलाशय के 9 दरवाजे आज सुबह 20 सेंटीमीटर से खोले गये है. जिसमें से 122.14 घनमीटर प्रति सेकंद की रफ्तार से पानी छोडा जा रहा है. जलाशय के दरवाजे खोले जाने से पूर्णा नदी के किनारे रहनेवाले लोगों को अलर्ट कर दिया गया है. इसी बीच अचलपुर तहसील के सापन जलायश के दो दरवाजे खोले गये है. वहां से 6.96 घनमीटर प्रति सेकंद से पानी छोडा जा रहा है. लगभग यहीं स्थिति संभाग के अकोला और वाशिम जिले की है. पिछले 48 घंटों से अकोला जिले में मूसलाधार बारिश हो रही है. जिससे जिले की मोर्णा नदी को बाढ आने से नागरी बस्ति में पानी घुस चुका है. वहीं अकोला शहर के निचले हिस्से की बस्तियां जैसे की जुने शहर के डाबकी रोड, बालापुर नाका क्षेत्र में पानी घुसने से अनेकों लोगों को रातभर जागना पडा है.
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अमरावती तहसील के अनेकों गांवों में पानी
अमरावती जिले के ग्रामीण क्षेत्र में दो दिनों से मूसलाधार बारिश शुरू रहने से तहसील के अनेेक गांवों में पानी घुस गया है. जिला प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शिराला, वलगांव, ब्राह्मणवाडा भगत, देवरा पुनर्वास, रोहनखेडा, पर्वतापुर गांव के अनेक घरों में पानी घुसा है. वहीं अंजनगांव सूर्जी तहसील के दहीगांव रेचा में 4 से 5 घरों में पानी घुसने की खबर है. अचलपुर तहसील के चमक चौसाला व नवसाला गांव में दो घरों की दीवारे गिरने की खबर है. वहीं चिखलदरा तहसील के सायखेडा, भिलखेडा, सोमवारखेडा में अनेक खेतों में पानी घुसा है.
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मेलघाट का गडगा प्रकल्प ओवरफ्लो
धारणी से लगभग 15 किमी दूरी पर मानसू धावडी में पिछले दस वर्ष से गडगा मध्यम प्रकल्प का काम शुरू है. फिलहाल इस प्रकल्प का काम अंतिम चरण में है. मेलघाट का सबसे बडा 494 करोड का गडगा सिंचाई प्रकल्प पहली ही बारिश में ओवरफ्लो हो गया है. इस प्रकल्प का काम फिलहाल अंतिम चरण में है. सैंकडों आदिवासी व गैर आदिवासी किसानों के लिए सिंचाई हेतु गडगा प्रकल्प संजीवनी साबित होगा. वहीं पर्यटकों के लिए बडा आकर्षण रहनेवाला है. मुंबई की एफ. ए. कन्स्ट्रक्शन कंपनी की ओर से प्रकल्प का काम फिलहाल शुरू है. पिछले सप्ताह से मेलघाट में दमदार बारिश शुरू रहने से किसानों के चेहरे खिल गये है. वहीं गडगा प्रकल्प भी ओवरफ्लो होने से भविष्य में यह प्रकल्प किसानों के लिए यह प्रकल्प संजीवनी साबित होगा.
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वाशिम जिले में काटेपूर्णा नदी को बाढ
पिछले दो दिनों से वाशिम जिले में मूसलाधार बारिश शुरू है. काटेपूर्णा नदी को बाढ आने से कुत्तरडोह इस गांव का संपर्क पिछले दो दिनों से टूटा हुआ है. अमनवाडी से कुत्तरडोह गांव के पास रहनेवाले रास्ते में उपरी स्तर पर रहनेवाले कम उंचाई के पुलिया पर पानी बहने से पिछले दो दिनों से कुत्तरडोह स्थित कुछ किसान, मजदूर अमानवाडी शिवार में फंसे हुए है. पिछले 50 वर्षों से इस पुलिया की उंचाई के संदर्भ में किसी भी जनप्रतिनिधी ने प्रयास नहीं किये. पिछले वर्ष बाढ आने से कोथली स्थित दो युवक दुपहियां के साथ बह जाने की घटना हुई थी. उस समय रिसोड के विधायक अमीत झनक ने इस पुलिया की उंचाई बढाने के संदर्भ में प्रयास किये जायेंगे, इस तरह का आश्वासन दिया था. किंतु एक वर्ष होकर भी कोई भी प्रयास होते नहीं दिखाई दिये. जिले की मंगलरू तहसील के सावरगांव कान्होबा में नदी का पानी खेत में घुसने से खडी फसलें बह गयी. जिससे सावरगांव के अनेक किसानों का नुकसान हुआ है. वहीं दूसरी ओर भंडारी, राजना, ब्राह्मणवाडा गांव का भी संपर्क टूट गया है.
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अकोला में बारिश का कहर, मोर्णा नदी को बाढ
लंबी प्रतीक्षा के बाद बारिश ने समूचे अकोला जिले में बुधवार रात भर जमकर हाजरी लगायी. अनेकों जगह बादल फटने समान बारिश बरसने से जिले के नदी-नालों को बाढ आयी है. अकोला शहर में निचली बस्ती में बडी मात्रा में पानी जमा हो जाने से लोग घरों में फंसे है. मोर्णा नदी को पिछले कई वर्षों बाद बडी बाढ आयी है. नदी किनारे के हिस्सों में स्थित बस्तियों में बाढ का पानी घुसा हुआ है. बुधवार शाम से ही अकोला शहर व जिले में जबर्दस्त बारिश की शुरूआत हुई है. मध्यरात्री के दौरान बारिश ने जोर पकडा. सुबह तक धो-धो कर बारिश बरस रही थी. जिससे शहर की निचली बस्ती में पानी बढ गया. जुने शहर के डाबकी रोड, बालापुर नाका क्षेत्र में नाले का पानी घुसने से अनेक लोगों को रात जागकर बितानी पडी. बडी उमरी परिसर में भी निचली बस्तियों में पानी घुस गया. अनेकों के घरों में कमर तक पानी घुसा था. खडकी, कौलखेड, सिंदी कैम्प परिसर में मोर्णा नदी की बाढ का पानी नागरी बस्ति में घुस गया. बाढ में फंसे तकरीबन 50 लोगों को तत्काल सुरक्षित स्थल पर ले जाया गया. खडकी परिसर के श्रध्दा नगर, सूर्या हाईट, श्मशान भूमि आदि परिसर में मोर्णा नदी का पानी घुसा. अकोला शहर से जानेवाले राष्ट्रीय महामार्ग पर मोर्णा नदी की पुलिया का कुछ हिस्सा पानी से टूट गया. सुदैव से इस समय यातायात न रहने से बडी दुर्घटना टल गई. वहीं अकोला तहसील के मोर्णा नदी के किनारे बसे सांगवी खुर्द गांव में बाढ का पानी घुसने से भारी नुकसान हुआ है. बाढ के पानी में उमेश श्रीकृष्ण मोरे का ट्रैक्टर बह जाने की बात ग्रामीणों ने कही.
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अकोला के खेतान नगर के 50 घर पानी में
मोर्णा और विद्रुपा नदी के संगमस्थल पर रहनेवाले न्यु खेतान नगर के तकरीबन 50 घरों में बाढ का पानी घुसा था. वहां रहनेवाले लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने रेस्क्यू टीम की मदद ली गई है. साथ ही शहर के अनिकट, कौलखेड, एमरॉड कालोनी, खोलेश्वर के निचले हिस्से में पानी घुसा है. इस बाढ में फंसे लोगों का बचाव करना प्रशासन ने शुरू किया है तथा बाढ के पानी में तकरीबन 150 मकान पानी में डूबे है तथा यहां के लोगोें को भी समय पर सुरक्षित जगह पर स्थानांतरित किया गया है. पिछले 15 वर्ष की यह सबसे बडी बाढ रहने की बात नागरिकों ने कही है.
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समूचे विदर्भ में ऑरेंज अलर्ट
– चंद्रपुर-गडचिरोली में अतिवृष्टि, नागपुर में मुसलाधार
विदर्भ में मूसलाधार बारिश की संभावना रहने का अनुमान भारतीय मौसम विभाग ने दिया है. इस कारण विदर्भ में दो दिन ऑरेंट अलर्ट जारी किया गया है. विदर्भ के चंद्रपुर, गडचिरोली में अतिवृष्टि की चेतावनी दी गई है. वहीं नागपुर में मूसलाधार बारिश की संभावना मौसम विभाग ने व्यक्त की है. भारतीय मौसम विभाग के नागपुर विभाग के संचालक मोहनलाल शाह ने यह जानकारी दी है.