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जनवरी में शुरू हो जायेगा राजापेठ रेल्वे क्रॉसिंग का अंडरपास

जबर्दस्त बारिश की वजह से रूक गया था काम

  • दीपावली के बाद काम के गति पकडने के आसार

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२९- विगत लंबे समय से राजापेठ रेलवे ओवर ब्रिज (Rajapeth Railway Over Bridge) तथा रेलवे क्रॉसिंग अंडरपास (Railway crossing underpass) अमरावती में चर्चा का विषय बने रहे है. इसमें से विगत अप्रैल माह में रेलवे ओवर ब्रिज को तो लोगों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया. वहीं अंडरपास का काम अब भी काफी हद तक बचा हुआ है. संभावना जतायी जा रही है कि, ओवरहेड काम के पूरी तरह खत्म हो जाने के बाद अब दीपावली पश्चात अंडरपास का काम गति पकडेगा और संभवत: आगामी 15 से 20 जनवरी तक यह अंडरपास आम लोगों की आवाजाही के लिए खोल दिया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि, राजापेठ रेलवे ओवर ब्रिज का काम जारी रहने के दौरान अंडरपास का काम काफी धीमी गति से हो रहा था और बेहद बुनियादी कामों को ही किया जा रहा था. जैसे ही राजापेठ से दस्तुरनगर की ओर जानेवाले आरओबी का ओवरहेड काम खत्म हुआ, जमीन के नीचे से होकर गुजरनेवाले अंडरपास के काम को युध्दस्तर पर शुरू किया गया, लेकिन इसी बीच बारिश का मौसम शुरू हो गया और रेलवे अंडरपास के लिए खोदे गए गढ्ढों में चार से पांच फीट तक बारिश का पानी भर गया. साथ ही विगत दिनों मान्सून की वापसी के समय भी बारिश ने भी यहां चल रहे कामकाज को अच्छाखासा प्रभावित किया और काम लगभग रूका पडा रहा. ऐसे में अब चूंकि बारिश पूरी तरह से खत्म हो गयी है, तो उम्मीद जतायी जा रही है कि, दीपावली के बाद यह काम गति पकडेगा और जनवरी माह तक इस अंडरपास की दो साईड को आम लोगों की आवाजाही के लिए खोल दिया जायेगा.
इस संदर्भ में जानकारी हेतु संपर्क किये जाने पर इस अंडरपास का काम कर रहे जूझर कन्स्ट्रक्शन के संचालक जूझर सैफी ने बताया कि, यह अंडरपास तीन हिस्सों में बनाया जा रहा है. जिसके तहत दो साईड राजापेठ से दस्तुर नगर-कंवर नगर की ओर आने-जाने हेतु बनायी जा रही है. वहीं तीसरी साईड शंकरनगर की ओर जाने के लिए बनायी जा रही है. इसमें से शंकर नगर की ओर जानेवाली साईड पर फिलहाल कोई काम नहीं चल रहा. क्योंकि उस ओर भुमि अधिग्रहण के मसले की समस्या बनी हुई है. वहीं दस्तुर नगर की ओर जानेवाली दो साईड में से एक साईड का काम लगभग पूरा हो चुका है तथा दूसरी साईड का काम बारिश की वजह से रूका हुआ था. जिसे दीवाली के बाद युध्दस्तर पर शुरू करते हुए डेढ-दो माह में खत्म कर लिया जायेगा. तथा पूरी उम्मीद है कि, इस अंडरपास के इन दो साईड को जनवरी माह तक आम लोगों की आवाजाही के लिए खोल दिया जायेगा. वहीं जब तक शंकर नगर की ओर जानेवाले अंडरपास के लिए भुमि अधिग्रहण का मसला हल नहीं होता, तब तक उस ओर किये गये खोदकाम को अस्थायी रूप से बंद कर दिया जायेगा, ताकि वहां किसी तरह की कोई दुर्घटना न हो.
विगत दिनों शंकरनगर की ओर जानेवाली साईड हेतु खोदे गये गढ्ढे में गिरकर एक व्यक्ति की मौत हो जाने की घटना को बेहद दुर्भाग्यशाली बताते हुए जूझर सैफी ने बताया कि, इस पास अंडरपास निर्माण स्थल के चारों तरफ बैरिकेट लगाये गये है तथा लोगों को उस ओर आने-जाने से मना किया गया है. बावजूद इसके कई लोग वहां उबड-खाबड मिट्टी के ढेर से होते हुए आना-जाना करते है. यह काफी खतरनाक हो सकता है. इस समय जूझर सैफी ने स्पष्ट किया कि, इस काम का वर्कऑर्डर 11 नवंबर 2019 को जारी किया गया था और उन्हें 10 नवंबर 2020 तक एक वर्ष के दौरान यह काम पूरा करना था. जिसके लिए उन्होंने तमाम आवश्यक तैयारियां कर ली थी. लेकिन मार्च माह से शुरू हुए लॉकडाउन का लंबे समय तक असर रहा और अब भी मजदूरों की पूरी तरह से वापसी नहीं हुई है. वहीं दूसरी ओर अक्तूबर माह तक चली बारिश की वजह से भी कामकाज बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ऐसे में उन्होंने संबंधित प्रशासन से उन्हें कुछ समयावृध्दि दिये जाने का निवेदन किया है, ताकि वे इस काम को गुणवत्तापूर्ण ढंग से और सुचारू तरीके से पूरा कर सके. जूझर सैफी ने भरोसा जताया कि, यदि सबकुछ ठीकठाक रहा और कामकाज नियोजन के हिसाब से चलता रहा, तो वे जनवरी माह के दौरान ही इस अंडरपास को लोगों की आवाजाही शुरू करने लायक बना देेंगे. इसके बाद अदालती फैसले और प्रशासन के निर्देशानुसार शंकरनगर की ओर जानेवाले अंडरपास का काम शुरू किया जायेगा. उस काम को भी ज्यादा से ज्यादा चार-पांच माह में पूरा कर लिया जायेगा.

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