चिखलदरा/प्रतिनिधि दि.12 – चिखलदरा शहरवासियों को जलापूर्ति करानेवाले एकमात्र जलस्त्रोत शक्कर तालाब का काम पूरी तरह से रामभरोसे चल रहा है. जिसके चलते कार्य को लेकर शंकाएं बढ़ने लगी है.आगामी महीनों में बारिश शुरु होगी. ऐसे में बारिश से पूर्व काम पूरा होता है या नहीं, यदि होता भी है तो कार्य का दर्जा कैसा होगा? इसकी कोई गारंटी नहीं दी जा सकती. दस वर्ष में लगातार दूसरी बार मरम्मत किये जा रहे इस तालाब का लिकेज दूर करने के लिए 1 करोड़ 25 लाख रुपए खर्च किये जा रहे हैं. लेकिन खास बात यह है कि जिस वजह से यह तालाब लिकेज हुआ था, ब्लास्टिंग का फिर से उपयोग कर उसे दुरुस्त कर लिकेज बंद करने की जिम्मेदारी लेने वाले डिप्टी इंजीनियर मोहिते का तबालदा हो गया है. साथ ही तहसीलदार माने के सामने तथा गांव के प्रतिष्ठित नागरिकों के सामने इस्टीमेट में न रहने वाले 10 फूट की दलदल निकालने का आश्वासन भी मोहिते ने दिया था. लेकिन उनके तबादले के बाद ही वरिष्ठ अधिकारी गोडे ने इस्टीमेट का हवाला देते हुए दलदल निकालने से मना किया. सिडको व्दारा तालाब की मरम्मत तथा पानी की उपलब्धता बढ़े, इसलिए 1 करोड़ 93 लाख रुपए उपलब्ध कराये गये. बावजूद इसके इस्टीमेंट बनाने वाले अधिकारियों ने इस्टीमेट बनाते समय दलदल निकालने का प्रोविजन को दरकिनार कर दिया. जिससे जल संचय का मुख्य उद्देश्य जस का तस रह गया. इस मामले की जांच करने की मांग करने वाला कोई भी पदाधिकारी दिखाई नहीं दे रहा है. काम की सूध भी नहीं ली जा रही है. जिसके चलते शक्कर तालाब का काम अब भी पूरी तरह से रामभरोसे नजर आ रहा है. पहले एक महीने तक शक्कर तालाब का काम बंद था, वहीं अब यह कार्य बीते आठ दिनों से बंद पड़ा हुआ है.