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राणे का पत्ता कटा, चव्हाण, मेधा कुलकर्णी व डॉ. गोपछडे को भाजपा ने बनाया प्रत्याशी

मुंबई दि.14 – राज्यसभा चुनाव के लिए भाजपा ने महाराष्ट्र से अपने तीन उम्मीदवारों के नाम घोषित किये है. जिसके तहत उम्मीद के मुताबिक कांग्रेस से भाजपा में आये पूर्व सीएम अशोक चव्हाण को राज्यसभा की उम्मीदवारी दी गई है. साथ ही पुणे की भाजपा नेत्री मेधा कुलकर्णी की नाराजगी दूर करते हुए उन्हें भी राज्यसभा में भेजने का निर्णय लिया गया है. इसके अलावा नांदेड में रहने वाले पार्टी के पुराने व निष्ठावान कार्यकर्ता डॉ. अजीत गोपछडे को राज्यसभा की टिकट देते हुए सोशल इंजिनियरिंग के फार्मूले को साकार किया गया. इन सबके अलावा बेहद आश्चर्यजनक तरीके से केंद्रीय मंत्री नारायण राणे का इस बार पत्ता काट दिया गया है और उन्हें राज्यसभा में जाने हेतु टिकट नहीं दी गई है.
उल्लेखनीय है कि, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक चव्हाण ने जैसे ही विधायक पद से इस्तीफा देते हुए भाजपा में प्रवेश किया था. उसी समय से उन्हें भाजपा द्वारा राज्यसभा हेतु उम्मीदवारी दिये जाने की संभावना जताई जा रही थी और उम्मीद के मुताबिक अशोक चव्हाण का नाम राज्यसभा के दावेदारों की सूची में सामने आया है. जिसके बाद अब यह भी उम्मीद जतायी जा रही है कि, अशोक चव्हाण के प्रदीर्घ अनुभव को देखते हुए उन्हें मोदी सरकार द्वारा अपने आगामी मंत्रिमंडल में भी शामिल किया जा सकता है.
उधर पुणे से वास्ता रखने वाली भाजपा नेत्री मेधा कुलकर्णी विधानसभा चुनाव में अपनी टिकट कटने से नाराज थी. जिनके स्थान पर भाजपा के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल को पुणे से टिकट दी गई थी. जिसके बाद से ही मेधा कुलकर्णी पार्टी से नाराज चल रही थी. जिनकी नाराजगी को दूर करने हेतु खुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी उनके घर पर गये थे. वहीं अब मेधा कुलकर्णी का पुनर्वसन करने हेतु उन्हें भाजपा की ओर से राज्यसभा के चुनाव हेतु टिकट प्रदान किया गया है.
इसके अलावा नांदेड में रहने वाले एमडी पदवी प्राप्त डॉ. अजीत गोपछडे नामांकित डॉक्टर है तथा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में भी काम कर चुके है. साथ ही उनका संघपरिवार से काफी नजदीकी संबंध है और पिछली भाजपा सरकार के दौरान उनके तत्कालीन सीएम देवेंद्र फडणवीस से भी अच्छे संबंध रहे. यद्यपि पार्टी में कार्यकर्ता के तौर पर डॉ. गोपछडे का कोई उल्लेखनीय काम नहीं है, लेकिन चूंकि वे लिंगायत समाज के वास्ता रखते है. ऐसे में सोशल इंजिनियरिंग के चलते उनके नाम की लॉटरी लग गई है.

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