बलात्कार पीडिता को 2 माह की सजा व जुर्माना
अदालत में अपने बयान से पलटना पडा भारी
बुलढाणा/दि.22 – दुराचार पीडित फिर्यादी महिला द्बारा अदालत में सुनवाई के दौरान अपने मूल बयान को बदल दिए जाने के चलते बलात्कार के आरोपी की निर्दोष रिहाई हो गई. ऐसे में झूठी गवाही देने के चलते अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायालय ने बलात्कार पीडित फिर्यादी महिला को 2 माह के कारावास व 500 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई.
जानकारी के मुताबिक चिखली तहसील में रहने वाली 27 वर्षीय विवाहित महिला ने अमडापुर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि, उसके साथ उसके पति के मित्र ने बलात्कार किया है. जिसके चलते पुलिस ने आरोपी व्यक्ति पर बलात्कार का अपराध दर्ज करते हुए चिखली के न्यायदंडाधिकारी के समक्ष पीडित महिला का बयान दर्ज किया था. साथ ही मामले की जांच पूरी करते हुए अदालत ने चार्जशीट दाखिल की थी. परंतु जिला व अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश मेहत्रे की अदालत में सुनवाई के दौरान बलात्कार पीडित महिला ने अपने पहले वाले बयान से मुकरते हुए कहा कि, आरोपी ने उसके साथ कोई बलात्कार नहीं किया है. एसेे में फिर्यादी महिला द्बारा अदालत में बयान बदल दिए जाने के चलते बलात्कार के आरोपी की निर्दोष मुक्तता हो गई. वहीं इस मामले में न्या. मेहत्रे ने कहा कि, पीडित फिर्यादी महिला ने अदालत में झूठी गवाही दी. यह साफ दिखाई दे रहा है. अत: उस महिला के खिलाफ फौजदारी प्रक्रिया संहिता की धारा 344 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही खुद न्या. मेहत्रे ने उक्त महिला के खिलाफ अपनी ही अदालत में इ-फाइलिंग के जरिए फौजदारी आवेदन दाखिल किया. यह अपनी तरह का पहला मामला है. इस मामले में संबंधित महिला को उसका पक्ष रखने हेतु अदालत ने 15 दिन का समय दिया था. पश्चात इस मामले को लेकर 20 फरवरी को सुनवाई हुई. इस समय अभियोजन पक्ष का कहना रहा कि, फिर्यादी महिला ने झूठी शिकायत देकर पुलिस एवं अदालत को बेवजह काम पर लगाया तथा पुलिस व अदालत का समय नष्ट किया. साथ ही अदालत के सामने खडे रहकर झूठी गवाही दी. इस युक्तिवाद को ग्राह्य मानकर अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश आर. एन. मेहरे ने उस महिला को 2 माह के कारावास व 500 रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई.