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अमरावती में निजी लैब में रैपीड एंटीजन टेस्ट बंद होने का मामला राष्ट्रीय स्तर पर गूंजा

  •  सभी सोशल मीडिया साईट्स पर घूम रही यही खबर

  •  निजी लैब की रिपोर्ट्स को लेकर पैदा हो रहा अविश्वास का भाव

  •  अमरावती को लेकर हर ओर चल रही तरह तरह तरह की चचाएं

अमरावती/प्रतिनिधि दि. 26 – विगत दिनों राज्य सरकार के निर्देश पर स्थानीय जिला प्रशासन ने अमरावती जिले में कई निजी पैथॉलॉजी लैब में रैपिड एंटीजन टेस्ट करने की अनुमति खारिज कर दी. साथ ही कुछ निजी अस्पतालों को आयपीडी मरीजों की ही रैपीड एंटीजन टेस्ट करने की अनुमति दी गई और ओपोडी मरीजों की आरटीपीसीआर टेस्ट करने कहा गया. इसके पीछे मुख्य वजह यह थी कि निजी लैब में की जानेवाली रैपीड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट संबंधितों द्वारा उसी दिन सरकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं की जा रही थी. साथ ही ऐसी टेस्ट में पॉजीटिव पाये जानेवाले मरीज वहीं से होम आयोलेशन में भेजे जा रहे थे, जिनमें से अधिकांश के द्वारा होम आयसोलेशन के नियमों का पूरी तरह से पालन भी नहीं किया जा रहा था. ऐसी ही तमाम बातों के चलते जिले में कोरोना को लेकर स्थिति एक बार फिर अनियंत्रित व विस्फोटक होती चली गई, जिसके चलते प्रशासन ने निजी टेस्ट लैब में की जानेवाली रैपिड एंटीजन टेस्ट पर प्रतिबंध लगा दिया. लेकिन चूंकि इस समय कोरोना संक्रमितों के लगातार बढ़ते भारी-भरकम आंकड़े को लेकर अमरावती जिला पूरे देश की मीडिया में चर्चा का विषय बना हुआ है, तो अमरावती में निजी लैब में कोविड टेस्ट बंद किये जाने को लेकर भी कई तरह की चर्चाएं चल रही हैं.
उल्लेखनीय है कि इस समय कोरोना संक्रमण जहां एक ओर तेजी से फैल रहा है और कोरोना संक्रमितों की संख्या में काफी इजाफा हो रहा है, वहीं दूसरी ओर इस बीमारी को लेकर लोगों में कई तरह की भ्रामक खबरे भी फैल रही हैं, जिसकी वजह से कुछ हद तक असमंजस व भ्रम की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में जितने मुंह उतनी बातें वाले हालात हैं. इन दिनों कुछ चीजें बड़ी तेजी के साथ घटित हुई हैं, जिसकी वजह से अविश्वास व भ्रम फैलने को हवा मिली. विगत दिनों जहां एक ओर सरकार व प्रशासन ने निजी कोविड टेस्ट लैब में रैपीड एंटीजन टेस्ट करने पर कुछ तकनीकी कारणों प्रतिबंध लगा दिया, वहीं इस दौरान अमरावती में कुछ लोगों ने यह खबर फैला दी कि यहां पर कोविड बीमा पॉलिसी का लाभ उठाने के लिए फर्जी तरीके से कोविड पॉजीटिव रिपोर्ट दी जा रही है. इसमें निजी पैथॉलॉजी लैब की मिलीभगत है. ऐसे में दोनों बातें एक साथ सामने आने के चलते दोनों ही बातें एक दूसरे के साथ गुत्थमगुत्था हो गई और लोगों में यह भ्रामक संदेश गया कि चूंकि निजी कोविड लैब के जरिए गलत तरीके से कोविड पॉजीटिव रिपोर्ट दी जा रही थी, अत: प्रशासन ने निजी लैब में रैपिड एंटीजन टेस्ट करने पर पाबंदी लगा दी है. और इन दिनों अमरावती सहित समूचे देश में अलग अलग वाट्सएप ग्रुप्स पर कुछ इसी तरह की खबरें वायरल हैं, इससे उन शहरों में भी कोरोना संक्रमण तथा निजी लैब की कोविड टेस्ट रिपोर्ट को लेकर अविश्वास का भाव देखा जा रहा है. जबकि हकीकत यह है कि सरकार व प्रशासन द्वारा कोविड मरीजों की जानकारी जल्द से जल्द मिलने और पूरी प्रक्रिया में पारदर्शकता रखने के उद्देश्य से निजी लैब में रैपिड एंटीजन टेस्ट करने की अनुमति नकारी गई हैय
यहां यह उल्लेखनीय है कि निजी लैब में रैपीड एंटीजन टेस्ट बंद होने के बाद भी कोरोना संक्रमितों की संख्या में लगातार उछाल जारी है और सरकारी लैब में की जानेवाली आरटीपीसीआर टेस्ट में बड़े पैमाने पर लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आ रही है. ऐसे में रिपोर्ट को लेकर किसी भी तरह के संदेह की कोई गुंजाईश ही नहीं है. बता दें कि प्रशासन द्वारा बीते 17 फरवरी को निजी लैब में रैपीड एंटीजन टेस्ट करने से मना किया गया, इसके बाद 18 फरवरी को 587, 19 फरवरी को 598, 20 फरवरी को 727, 21 फरवरी को 709, 22 फरवरी को 673, 23 फरवरी को 926, 24फरवरी को 802 तथा 25 फरवरी को 906 लोगों की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजीटिव आई है. जिसका सीधा मतलब है कि सरकारी लैब द्वारा किये जानेवाले आरटीपीसीआर टेस्ट में भी लोग-बाग कोविड पॉजीटिव पाये जा रहे हैं.
इस संदर्भ में एक जानकारी यह भी पता चली है कि इससे पहले रैपीड एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव आने पर जरूरी रहने के बावजूद लोद-बाग अपनी आरटीपीसीआर टेस्ट करने के लिए तैयार नहीं होते थे. साथ ही जिन लोगों की रिपोर्ट पॉजीटिव आती थी, वे भी अपना इलाज करने हेतु अस्पताल में भर्ती होने की बजाय खुद को होम आयसोलेट करना चाहते थे. वहीं दूसरी ओर निजी लैब द्वारा रोजाना पॉजीटिव मरीजों के आंकड़ों को सरकारी पोर्टल पर अपलोड नहीं किया जाता था, जिससे प्रशासन को रोजाना पाये जानेवाले कोरोना संक्रमितों की सही जानकारी मिलने के साथ ही उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग निकालने में भी प्रशासन को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. ऐसे में प्रशासन ने कोरोना संक्रमितों की संख्या व स्थिति को लेकर पूरी पारदर्शकता रखने के लिहाज से निजी लैब में रैपीड एंटीजन टेस्ट बंद करने का निर्णय लिया था. लेकिन इसी बीच कुच ऐसी भ्रामक खबरें व अफवाहें सामने आई, जिसकी वजह से लोगों में काफी हद तक संभ्रम व असमंजस की स्थिति बन गई.

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