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निजी अस्पतालों की ओपीडी में रैपिड एंटीजन टेस्ट हुई बंद

  •  केवल आयपीडी मरीजों के लिए ही रैपिड टेस्ट की जा सकेगी

  •  ओपीडी मरीजों के लिए आरटीपीआर टेस्ट कर सकेंगे

अमरावती/प्रतिनिधि दि. 20 – विगत दिनों राज्य सरकार की ओर से जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए स्थानीय जिला प्रशासन द्वारा सभी निजी अस्पतालों व दवाखानों में कोरोना संदेहितों की नाक के जरिए की जानेवाली रैपीड एंटीजन टेस्ट को बंद करवा दिया गया, इसकी बजाय अब सभी निजी अस्पतालों को गले से थ्रोट स्वैब सैम्पल लेकर की जानेवाली आरटीपीसीआर टेस्ट की जायेगी. हालांकि जिन अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करते हुए उनका इलाज व शल्यक्रिया करने की सुविधा उपलब्ध है, वहां आंतररूग्ण विभाग में भर्ती किये जानेवाले मरीजों की भर्ती करने से पहले रैपीड एंटीजन टेस्ट की जा सकेगी.
इस संदर्भ में प्रशासनिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इन दिनों कई निजी अस्पतालों व दवाखानों में बड़े धड़ल्ले के साथ लोगों की रैपिड एंटीजन टेस्ट की जा रही थी तथा पॉजीटिव रिपोर्ट रहनेवाले मरीजों को संबंधित अस्पतालों द्वारा ही हेम आयसोलेट किया जा रहा था. साथ ही इन लोगों की जानकारी सरकारी पोर्टल पर अपलोड करने में भी कुछ विलंब हो रहा था. ऐसे में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमण की स्थिति को नियंत्रित करने हेतु जहां एक ओर होम आयसोलेशन की संख्या को घटाने का निर्णय लिया है, वहीं दूसरी ओर रैपिड एंटीजन की बजाय आरटीपीसीआर टेस्ट का प्रमाण बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है, ताकि थ्रोट स्वैब सैम्पलों के जरिए वायरस की जनुकीय संरचना के बारे में भी जानकारी प्राप्त की जा सके और जरूरत पड़ने पर कुछ सैम्पलों को जांच हेतु पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु प्रयोगशाला भिजवाया जा सके. बता दें कि इसी प्रयोगशाला से मिली रिपोर्ट से यह साफ हुआ है कि इस समय अमरावती व यवतमाल जिले में कोविड वायरस का नया स्वरूप फैल रहा है. इसी बात के मद्देनजर हालात को नियंत्रित करने सरकार एवं प्रशासन द्वारा रैपीड एंटीजन टेस्ट की बजाय आरटीपीसीआर टेस्ट करने पर जोर दिया जा रहा है. यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि सरकारी कोविड टेस्ट सेंटरों में भी अब केवल आपात व गंभीर स्थिति में रहनेवाले मरीजों की ही रैपिड एंटीजन टेस्ट की जायेगी तथा अधिकतम संदेहितों की आरटीपीसीआर टेस्ट ही करवाई जायेगी. इसके अलावा अब होम आयसोलेशन के नियम भी काफी कड़े कर दिये गये हैं और अधिक से अधिक संक्रमितों को संस्थात्मक आयसोलेशन में रखा जायेगा.

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