नागपुर/दि.९ – राज्य सरकार के निर्देशों के मुताबिक ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन करना राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के लिए काफी महंगा साबित होगा.
विवि को कम से कम 50 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. इसकी भरपाई करने के लिए फीस बढ़ाने के अलावा विवि के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं होगा. इतने खर्च के पीछे वजह यह है कि विवि के साथ ही संबद्ध महाविद्यालयों में कम्प्यूटर बेस्ड ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है.
लिहाजा परीक्षा के आयोजन की जिम्मेदारी निजी हाथों को सौंपनी होगी. जानकारों के मुताबिक यदि विवि परीक्षा के लिए किसी एजेंसी को साथ लेता है तो उसे प्रति विद्यार्थी 500 से 700 रुपए देना होगा. इसके अलावा अन्य खर्च भी विवि को उठाने होंगे. इसमें प्रश्न पत्र तैयार करने वाले शिक्षकों का मानदेय आदि का खर्च शामिल है.
कुल मिलाकर 50 करोड़ रुपए का खर्च आएगा. जानकारों के मुताबिक कम्प्यूटर बेस्ड परीक्षा केवल नागपुर जैसे शहर में लेना संभव है. लेकिन संभाग के अन्य जिलों में लेना संभव नहीं है. कारण, वहां पर परीक्षा के लिए आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है. कॉलेजों में परीक्षा का आयोजन करना संभव नहीं है.
कारण, कुछ ही कॉलेजों में अत्याधुनिक कम्प्यूटर लैब हैं. हालांकि विवि परीक्षा विभाग मोबाइल एप्प के माध्यम से परीक्षा के आयोजन की योजना बना रहा है. जबकि जानकारों की मानें तो बहुवैकल्पिक प्रश्नों पर आधारित परीक्षा मोबाइल एप्प के जरिए लेना संभव नहीं है. यदि मोबाइल के जरिए परीक्षा ली जाती है तो विद्यार्थियों को भारी दिक्कतों का सामना करना होगा. विद्यार्थियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.
उल्लेखनीय है कि विवि ने पहले ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों मोड से परीक्षा लेने का फैसला किया था. लेकिन पिछले दिनों नागपुर के दौरे पर आए उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत ने ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन करने की घोषणा की थी. बॉक्स सरकार के खिलाफ जाएगा विवि सामंत ने भले ही ऑनलाइन परीक्षा लेने की घोषणा की हो, लेकिन विवि इस फैसले के खिलाफ जा सकता है.
ऑनलाइन की बजाय ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड से वह परीक्षा ले सकता है. इस बात के संकेत विवि की विद्वत परिषद की बैठक में मिले हैं. बैठक में ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों मोड से परीक्षा लेने का फैसला किया गया है. इसकी पुष्टि करते हुए विवि प्र-कुलपति डॉ. संजय दुधे ने कहा कि विवि ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही मोड से परीक्षा का आयोजन करेगा. इस संबंध में मंगलवार को विद्वत परिषद की आपात बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया है.