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चार की बजाय तीन सदस्यीय प्रणाली से होंगे मनपा चुनाव

ठाकरे सरकार ने लिया फैसला

  • मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय

  • मुंंबई छोडकर सभी मनपा क्षेत्रों में होंगे तीन सदस्यीय प्रभाग

  • मुंबई मनपा व नगर पंचायतों में एक सदस्यीय वॉर्ड पध्दति

  • नगर पालिका व नगर परिषद में दो सदस्यीय प्रभाग

अमरावती/प्रतिनिधि दि.२३ – आगामी वर्ष में अमरावती महानगरपालिका सहित राज्य की कुल 15 महानगरपालिकाओं का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है. ऐसे में वहां पर प्रभाग रचना किस तरह से होगी, इसे लेकर विगत लंबे समय से उत्कंठा देखी जा रही थी, जो अब खत्म हो गई है. क्योंकि गत रोज बुलाई गई मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि, मुंबई मनपा क्षेत्र को छोडकर राज्य की अन्य सभी महानगरपालिकाओं के तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति होगी. जिसका सीधा मतलब है कि, अमरावती महानगरपालिका में तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति के जरिये चुनाव करवाये जायेंगे. उल्लेखनीय है कि, इससे पहले अमरावती मनपा क्षेत्र में पिछला चुनाव चार सदस्यीय प्रभाग पध्दति से लिया गया था. वहीं इस बार एक अथवा दो सदस्यीय प्रभाग पध्दति रहने का अनुमान जताया जा रहा था. किंतु राज्य सरकार द्वारा ऐसी संभावनाओं को खारिज करते हुए तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति को मान्यता दी गई है.
इस विषय को लेकर गत रोज हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में तय किया गया कि, मुंंबई महानगरपालिका में एक सदस्यीय वॉर्ड पध्दति अमल में लायी जायेगी. वहीं अन्य मनपा क्षेत्रों में तीन व नगर पालिका व नगर परिषदों में दो सदस्यीय प्रभाग पध्दति से चुनाव करवाये जायेंगे. इसके अलावा नगर पंचायतों में भी एक सदस्यीय प्रभाग पध्दति पर अमल होगा.

  • कांग्रेस एक सदस्यीय व राकांपा दो सदस्यीय प्रभाग की कर रही थी मांग

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस द्वारा राज्य के सभी मनपा क्षेत्रों में एक सदस्यीय वॉर्ड पध्दति से चुनाव करवाये जाने पर जोर दिया जा रहा था. जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस दो सदस्यीय प्रभाग पध्दति के समर्थन में थी. ऐसे में गत रोज हुई मंत्रिमंडल की बैठक में शिवसेना ने दोनों कांग्रेस की मांग को परे रखते हुए मुंबई मनपा को छोडकर अन्य सभी महानगरपालिकाओं में तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति से चुनाव करवाने का फैसला किया. पता चला है कि, सीएम उध्दव ठाकरे द्वारा घोषित किये गये इस फैसले के बाद कुछ देर के लिए मंत्रिमंडल की बैठक में विरोध के स्वर भी उठे. लेकिन सीएम उध्दव ठाकरे अपने फैसले पर पूरी तरह से अडे रहे. जिसके बाद इस फैसले को कांग्रेस व राकांपा के कोटे से मंत्री रहनेवाले नेताओं द्वारा भी अपनी सहमति दी गई.

  • मनपा प्रशासन लगा काम पर

ज्ञात रहे कि, आगामी फरवरी-मार्च माह के दौरान अमरावती मनपा का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है और फरवरी माह में महानगरपालिका का चुनाव होना अपेक्षित है. ऐसे में राज्य सरकार द्वारा तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति पर अंतिम मूहर लगा दिये जाने के चलते मनपा प्रशासन प्रभाग रचना सहित अन्य तैयारियों के काम में आज से जुट गया है और प्रभागों की प्रारूप रचना व परिसिमन का काम शुरू कर दिया गया है. बता दें कि, अमरावती मनपा का पिछला चुनाव चार सदस्यीय प्रभाग पध्दति से हुआ था. जिसमें 22 प्रभागों को ‘अ’, ‘ब’, ‘क’ व ‘ड’ उपविभाग में विभाजीत किया गया था. वहीं अब तीन सदस्यीय प्रभागों का नये सिरे से परिसिमन करते हुए उन्हें ‘अ’, ‘ब’ व ‘क’ उपविभाग में विभाजीत किया जायेगा, यानी इस बार अमरावती मनपा क्षेत्र में करीब 29 प्रभाग होंगे. जिनके परिसिमन हेतु मनपा प्रशासन को काफी माथापच्ची करनी पडेगी.

  • कहीं खुशी, कहीं गम का माहौल

बता दें कि, वर्ष 2019 में नागपुर में हुए विधान मंडल अधिवेशन में मनपा चुनाव के लिए एकल वॉर्ड पध्दति पर अमल करने का निर्णय लिया गया था. ऐसे में सभी को उम्मीद थी कि, अमरावती मनपा का अगला चुनाव एक सदस्यीय वॉर्ड पध्दति से लिया जायेगा. चूंकि बहु सदस्यीय प्रभाग पध्दति की बजाय एकल वॉर्ड पध्दति का चुनाव लडने में खर्च अपेक्षाकृत तौर पर काफी कम होता है. साथ ही वॉर्ड विकास से संबंधित काम निपटाने और विकास निधी प्राप्त करने में काफी आसानी होती है. ऐसे में कई लोग एक सदस्यीय वॉर्ड पध्दति की सोच को दिमाग में रखते हुए पार्षद बनने का सपना देखने लगे थे और अपने जनसंपर्क अभियान में भी जुट गये थे. किंतु सरकार द्वारा अब तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति से चुनाव करवाने का निर्णय लिया गया है. जिसकी वजह से कई इच्छुकों के अरमानों पर पानी फिर गया है. क्योंकि बहु सदस्यीय प्रभाग पध्दति में प्रभाग का दायरा काफी बडा रहता है और चुनाव प्रचार में काफी अधिक खर्च होता है. साथ ही बहु सदस्यीय प्रभाग पध्दति में पार्षदों को मिलनेवाली वॉर्ड विकास निधी से केवल वॉर्ड ही नहीं बल्कि पूरे प्रभाग में विकास कार्य कराने होते है. जिसके लिए निधि पर्याप्त नहीं पडती. जबकि प्रभागवासियों व मतदाताओं की अपेक्षा काफी अधिक रहती है. इसके अलावा निर्दलीय चुनाव लडने की इच्छा रखनेवालों के लिए प्रभाग पध्दति काफी खर्चिली साबित होती है. जबकि राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों के लिए इस पध्दति को कुछ हद तक मुफीद माना जाता है. ऐसे में सरकार के इस फैसलों को लेकर कहीं खुशी-कहीं गम का माहौल है. हालांकि इससे पहले वर्ष 2003 में भी अमरावती मनपा के चुनाव तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति से ही कराये गये थे.

  • कब-कब कितने सदस्यीय रहे प्रभाग

बता दें कि, अमरावती महानगरपालिका का पहला आम चुनाव वर्ष 1992 में एकल वॉर्ड पध्दति के जरिये हुआ था तथा वर्ष 1997 में हुए दूसरे आम चुनाव के लिए भी एकल वॉर्ड पध्दति ही अमल में लायी गई थी. इसके बाद वर्ष 2002 में पहली बार तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति से चुनाव करवाया गया. पश्चात वर्ष 2007 में एक बार फिर एकल वॉर्ड पध्दति से ही चुनाव हुआ. इसके बाद वर्ष 2012 में द्वि सदस्यीय एवं वर्ष 2017 में चार सदस्यीय प्रभाग पध्दति से मनपा का चुनाव करवाया गया. वहीं अब फरवरी-2022 में होनेवाला चुनाव तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति से होगा.

  • अब तक ऐसे हुए चुनाव

सन 1992 – एक सदस्यीय
सन 1997 – एक सदस्यीय
सन 2002 – तीन सदस्यीय
सन 2007 – एक सदस्यीय
सन 2012 – दो सदस्यीय
सन 2017 – चार सदस्यीय

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  • कांग्रेस के लिए पोषक

तीन सदस्यीय प्रभाग पध्दति कांग्रेस के लिए काफी हद तक पोषक है. इसमें निर्दलीयों के लिए कोई अवसर नहीं होता. आगामी चुनाव में कांग्रेस स्पष्ट बहुमत के साथ मनपा की सत्ता में आयेगी.
– बबलु शेखावत
नेता प्रतिपक्ष व कांग्रेस शहराध्यक्ष

  • हमने ही लायी थी बहु सदस्यीय पध्दति

बहु सदस्यीय प्रभाग पध्दति का भाजपा द्वारा हमेशा ही समर्थन किया जाता रहा है और पालिका चुनाव में भाजपा द्वारा ही सबसे पहले बहु सदस्यीय प्रभाग पध्दति लायी गई थी. इससे पहले भी बहु सदस्यीय पध्दति से हुए चुनाव में भाजपा बहुमत के साथ विजयी हुई थी. वहीं इस बार भी प्रत्येक प्रभाग में अपनी संगठनात्मक मजबूती के जरिये हम अपनी सत्ता साबित करेंगे.
– तुषार भारतीय
गुट नेता भाजपा

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