राठोड, कडू के बाद मोंगा की भी जमानत खारीज
मामला जिला मध्यवर्ती बैंक में कमिशन घोटाले का
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अमरावती न्यायालय ने सुनाया फैसला
अमरावती/प्रतिनिधि दि. 13 – जिले में किसानों की अपनी बैंक समझी जाने वाली जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक व्दारा निवेश किये गए 700 करोड रुपए के बदले में 3 करोड 39 लाख 23 हजार 319 रुपए का ब्रोकरेज दिया गया था. इस मामले में कोतवाली पुलिस थाने में 15 जून को बैंक के कर्मचारी और शेअर व म्युच्यूअल फंड ब्रोकर समेत कुल 11 लोगों पर अपराध दर्ज किये गए थे. इनमें से अमरावती न्यायालय ने अब तक 3 आरोपियों की गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी खारीज कर दी है. कल जिला बैंक के तत्कालीन मैनेजिंग डायरेक्टर जयसिंग राठोड और कर्मचारी राजेंद्र गणेशराव कडू के बाद आज निप्पान कंपनी के अमरावती के व्यवस्थापक अजितपालसिंग मोंगा की गिरफ्तारी पूर्व जमानत की अर्जी न्यायालय ने खारीज कर दी. सेकंड एडॉप्ट अग्रवाल के न्यायालय ने आज यह फैसला सुनाया.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में अमरावती जिला मध्यवर्ती सहकारी बैंक में 700 करोड रुपए का निवेश म्युच्यूअल फंड में किया था. बैंक व्दारा किया गया यह निवेश आरबीआई और नाबार्ड के नियम व शर्तों का उल्लंघन माना जाता है. आरबीआई के नियम के अनुसार बैंक अपने कुल लाभांश के 10 प्रतिशत रकम ही निवेश कर सकती हेै, लेकिन बैेंक व्दारा किया गया 700 करोड का निवेश यह बैंक के कुल लाभांश के 35 प्रतिशत के करीब आता है. इसके अलावा बैंक ने म्युच्यूअल फंड में किया हुआ निवेश यह ब्रोकर मार्फत करने से 3 करोड 39 लाख 23 हजार 319 रुपये का कमिशन यह ब्रोकर को मिला. हालांकि यह रकम बैंक ने अपनी तरफ से नहीं दी, यह कमिशन ब्रोकर को कंपनी ने दिया है, लेकिन यहीं व्यवहार अगर बैंक ब्रोकर के माध्यम से न करते हुए स्वयं करती तो यह 3 करोड 39 लाख का कमिशन भी बैंक को ही मिलता, यह बात जिला मध्यवर्ती बैंक व्दारा किये गए इन्व्हेस्टमेंट ऑडिट में स्पष्ट होने के बाद बैंक पर नियुक्त प्रशासक संदीप जाधव ने 15 जून को कोतवाली पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की थी. जिसपर कोतवाली पुलिस ने बैंक के तत्कालीन कर्मचारी व ब्रोकर इस तरह कुल 11 लोगों पर विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किये थे. इस मामले की जांच फिलहाल आर्थिक अपराध शाखा के पीआई शिवाजी बचाटे कर रहे है.