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रेड्डी की जमानत नकारी, लेकिन कार्रवाई अभी तक नहीं

दीपाली चव्हाण आत्महत्या का मामला

अमरावती/प्रतिनिधि दि. 15 – हरिसाल वनपरिक्षेत्र अधिकारी दीपाली चव्हाण आत्महत्या मामले में पुलिस विभाग समेत वन विभाग की भी जांच समिति गठीत कर इस मामले की जांच पिछले 15 दिन से ज्यादा समय से शुरु है. किंतु इस मामले में केवल गवाह व कर्मचारियों के इर्दगिर्द ही यह जांच भटक रही है. निलंबित क्षेत्र संचालक श्रीनिवास रेड्डी के जांच से दूर रखा गया है. जिससे उन्हें इस मामले से बचाने का प्रयास तो नहीं हो रहा है, इस तरह की आशंका व्यक्त की जा रही है.
रेड्डी की गिरफ्तारी पूर्व जमानत अचलपुर सत्र न्यायालय ने नकारी है. वह नकारते ही न्यायालय ने इस फैसले का विस्तृत विश्लेषण भी किया. उसमें शिवकुमार की ओर से होने वाले त्रासदी से दिवंगत दीपाली चव्हाण ने रेड्डी को अवगत कराने के बाद भी उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए अर्जी करने का अर्थ आप भी इस घटना के लिए उतने ही जिम्मेदार है, इस तरह के स्पष्ट विचार न्यायालय ने नोंद किये. गिरफ्तारी पूर्व जमानत नकारने को पूरे आठ दिने से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन अभी भी रेड्डी पर कार्रवाई बाबत ठोस कदम नहीं उठाए गए. उनपर निलंबन के अलावा कोई भी कार्रवाई नहीं हुई.
दीपाली की मां ने उसकी गिरफ्तारी के लिए लिखीत शिकायत भी दर्ज की गई है. दीपाली के पति राजेश मोहिते का भी बयान दर्ज किया गया है. जिसमें उन्होंने रेड्डी पर आरोप किये है. अब जांच समिति के सामने रेड्डी की शिकायत का पाढा पढा जा रहा है. उसी में उनपर कार्रवाई बाबत के कोई भी संकेत न मिलने से रेड्डी को इस मामले से बचाने का प्रयास तो नहीं हो रहा, इस तरह की आशंका व्यक्त की जा रही है.

श्रीनिवास रेड्डी का इस मामले में बयान दर्ज किया गया है. जांच के दौरान समय समय पर उनके विचार दर्ज किये जायेंगे. पिछले 15 दिनों में हमने काफी जांच की है और वह शुरु है. किंतु जांच क्या की और कार्रवाई क्या शुरु है, यह हम नहीं बता सकते.
– पूनम पाटिल, उपविभागीय पुलिस अधिकारी अमरावती

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