बर्तनों पर कम करें टैक्स, मुफ्त योजनाएं बंद करें
बजट से अमरावती के जानकारों की उम्मीदें
अमरावती/दि.18- अब से 5 दिनों पश्चात वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन देश का बजट प्रस्तुत करने जा रही है. वे इस बार बजट में कौन से महत्वपूर्ण प्रावधान करनेवाली है, इस पर सभी की नजरें और उम्मीदें लगी है. इसी कडी में अमरावती मंडल ने शहर के उद्योग, व्यापार और व्यवसाय जगत के जानकारों से बजट को लेकर उनकी उम्मीदे, अपेक्षाओं के बारे में जानना चाहा तो अनेक ने कहा कि हाल के वर्षो में मुफ्त काफी कुछ देने की योजनाएं कुछ राज्यों में चल रही हैं. यह लोक लुभावन नीति देश के लिए घातक हैं. ऐसी योजनाएं तत्काल बंद हो जानी चाहिए.
* बर्तनों पर टैक्स घटाएं
मेटल मर्चंट असो. के अध्यक्ष श्रीकिसन व्यास ने कहा कि बर्तनों पर 12 प्रतिशत टैक्स लिया जा रहा है. यह सामान्य लोगों के लिए ठीक नहीं. बर्तन तो जीवनावश्यक वस्तु है. उस पर टैक्स की रेट 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए. उसी प्रकार व्यवसाय कर का चलन अब बंद हो जाना चाहिए. व्यास ने यह भी कहा कि व्यापार करने सरकार की नीतियां स्पष्ट और सरल होनी चाहिए. व्यापार जितना सुगम होगा, उतनी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी. बेरोजगारी हटेगी. व्यापारियों को अपने काम के लिए ही समय कम पडता है. इसलिए प्रशासकीय कार्यवाही सरल रखना सभी के हित में होगा. व्यापारी आसान व्यवस्था रहने पर शासन- प्रशासन से सहयोग करने सदैव तत्पर रहे हैं. आयकर की छूट सीमा 5 लाख की गई है. उसे और बढाना चाहिए. इस प्रकार की हमारी अपेक्षाएं निर्मला मैडम के बजट से हैं.
* बंद करें मुफ्त का चंदन घिस ….
महानगर व्यापारी संगठन के सचिव घनश्याम राठी ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था अभी ठीक लग रही है. देश की अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवें क्रमांक पर पहुंच गई है. उसके अगले कुछ वर्षो में विश्व में तीसरे क्रमांक पर आने की संभावना सरकार के अलावा निजी रेटिंग एजेंसियां भी व्यक्त कर रही है. ऐसे में अर्थव्यवस्था को और सुदृढ करनेवाले अर्थसंकल्प की अपेक्षा निर्मला मैडम से हैं. एक बडी बात या कह लीजिए अनुरोध सभी राजनीतिक दलों से करना चाहते हैं. देश का अथवा राज्य का बजट हो, मुफ्त में कुछ भी देने की घोषणा या योजना नहीं होनी चाहिए. इससे देश की अर्थव्यवस्था के अलावा अन्य महत्वपूर्ण मदों के प्रावधान पर प्रभाव पडता है. शिक्षा और स्वास्थ्य का बजट गडबडा सकता है. हाल के वर्षो में बिजली मुफ्त, पानी मुफ्त, एसटी बस मुफ्त ऐसी अनेक घोषणाएं, योजनाएं चल रही है. अब तो सीधे खाते में ही पैसे कैश दिए जा रहे हैं. देश की आर्थिक मजबूती के लिए ऐसी योजनाएं ठीक नहीं. सीतारामन मैडम से अपेक्षा है कि वे अपने बजट में मुफ्तखोरी को प्रोत्साहन नहीं देगी.