
वाशिम /दि.29- शिवसेना उबाठा के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कभी किसी के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया है और आपसी रिश्तों का उनकी नजरों में कभी कोई माल भी नहीं रहा. यहीं वजह है कि, आज साये की तरह साथ रहने वाले 40 विधायक व 13 सांसद उनका साथ छोड कर चले गए है और उद्धव ठाकरे केवल कुछ चाटूकारों के साथ अकेले रह गए. लेकिन इसके बावजूद भी आत्मचिंतन करने की बजाय वे दूसरों को लेकर बेतुके बयान दे रहे है. इस आशय का प्रतिपादन शिवसेना शिंदे गुट की सांसद भावना गवली द्बारा किया गया.
बता दें कि, हिंगोली की सभा में उद्धव ठाकरे ने सांसद भावना गवली पर निशाना साधते हुए कहा था कि, गत वर्ष के रक्षाबंधन पर पीएम मोदी को राखी बांधते हुए एक फोटो सामने आया था. इधर पीएम की कलाई पर राखी बांधी गई और उधर इडी की जांच ठंडे बस्ते में चली गई. उद्धव ठाकरे के इस बयान पर पलटवार करते हुए सांसद भावना गवली ने कहा कि, वे पांच बार सांसद चुनकर आयी है और विगत 24 वर्षों से अपने निर्वाचन क्षेत्र में रक्षाबंधन का कार्यक्रम आयोजित कर रही हैै. इसके अलावा उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी व भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण अडवानी को भी रक्षाबंधन पर राखी बांधी है. वहीं उद्धव ठाकरे ने कभी भी रिश्तों के बंधन का पालन नहीं किया. यहीं वजह है कि, आज खुद ठाकरे परिवार बिखरा हुआ पडा है तथा शिवसेना के लिए अपना सबकुछ समर्पित कर देने वाले राज ठाकरे जैसे नेता को शिवसेना से बाहर निकलकर अपनी अलग पार्टी बनानी पडी.