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धार्मिक यात्रा, उत्सव व जुलूस को फिलहाल अनुमति नहीं

जिलाधीश शैलेश नवाल ने जारी की गाईडलाईन

अमरावती प्रतिनिधि/दि.२४- इस समय यद्यपि राज्य सरकार द्वारा मिशन बिगेन अगेन के तहत अमरावती शहर व जिले में सभी तरह के धार्मिक स्थलों व प्रार्थना स्थलों को कोरोना काल के बाद कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का पालन करते हुए खुलने की अनुमति दी गई है. लेकिन जिले में अब भी आपत्ती व्यवस्थापन अधिनियम 2005 तथा महामारी प्रतिबंधक अधिनियम 1987 सहित फौजदारी प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 (1), (2), (3) लागू है. ऐसे में जिले में कहीं पर भी भीडभाडवाली स्थिति उत्पन्न न हो, इस बात के मद्देनजर किसी भी तरह की यात्रा, उत्सव, जुलुस, समारोह व महोत्सव को फिलहाल अनुमति नहीं दी गई है. इस आशय की जानकारी जिला आपत्ति व्यवस्थापन प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा जिलाधीश शैलेश नवाल द्वारा दी गई है.
यहां जारी एक परिपत्रक में जिलाधीश कार्यालय द्वारा बताया गया कि, सभी धार्मिक स्थलों व प्रार्थना स्थलों को लंबे समय बाद खुलने की अनुमति देते समय उनके व्यवस्थापन व प्रबंधन कमेटियों को कोरोना प्रतिबंधात्मक उपायों पर कडाई से अमल करने के निर्देश दिये गये है. जिसके तहत सभी धार्मिक स्थलों पर लोगोें को मास्क व सैनिटाईजर का प्रयोग एवं सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन करते हुए प्रवेश करने की अनुमति दी गई है. लेकिन इन दिनों कोरोना का खतरा एक बार फिर बढता दिखाई दे रहा है. ऐसे में लगातार बढते खतरे के मद्देनजर जिले में कहीं पर भी धार्मिक यात्रा, उत्सव, समारोह, महोत्सव, स्नेह सम्मेलन, सामूहिक कार्यक्रम, सभा, बैठक, जुलूस, रैली आदि को फिलहाल अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया गया है, क्योेंकि ऐसे तमाम आयोजनोें में भारी भीडभाड होती है. जिसकी वजह से कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा काफी अधिक बढ जाता है. ऐसे में आगामी 30 नवंबर तक जबावबंदी, संचारबंदी के आदेशों पर कडाई से अमल किया जायेगा और किसी भी स्थान पर पांच अथवा उससे अधिक लोगोें के एकसाथ इकठ्ठा होने पर प्रतिबंध रहेगा. साथ ही इन नियमों व निर्देशों का उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ भादंवि की धारा 188 के तहत अपराध दर्ज किया जायेगा.

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