मनपा संकुलों का किराया नई दरों से ही होगा वसूल
निगमायुक्त प्रशांत रोडे नई दरों को लागू करने कृतसंकल्प
* सत्ताधारी दल कर रहा प्रशासन के फैसले का विरोध
अमरावती/दि.14– अमरावती मनपा क्षेत्र में स्थित मनपा के व्यापारिक संकुलों में किराये से दी गई दुकानों के किराये को बढाने का मसला विगत अनेक वर्षों से प्रलंबित है और कई किरायेदारों के साथ किये गये करारनामे की अवधि भी खत्म हो चुकी है. इसके साथ ही अब सरकार द्वारा रेडीरेकनर की नई दरों के अनुसार किराया वसूली किये जाने को हरी झंडी भी दिखा दी गई है. ऐसे में मनपा आयुक्त प्रशांत रोडे मनपा व्यापारिक संकुलों की दुकानों के लिए संशोधित किराया दर लागू करने को लेकर पूरी तरह से कृतसंकल्प है. वहीं दूसरी ओर मनपा के पदाधिकारियों व पार्षदों द्वारा प्रशासन के इस कदम का विरोध किया जा रहा है, ताकि इस फैसले के चलते आगामी चुनाव में वोटों का समीकरण न बिगड जाये.
बता देें कि, 25 वर्ष पूर्व मनपा के व्यापारिक संकुलों की दुकाने केवल एक रूपये चौरस फूट की दर से किराये पर दी गई थी और इन 25 वर्षों के दौरान एक बार भी किराया दरों में वृध्दि नहीं की गई. साथ ही इस दौरान कई किरायेदारों के साथ मनपा द्वारा किये गये करारनामे की अवधि भी खत्म हो गई. ऐसे में प्रशासन द्वारा नये करारनामे व नई किराया दरों को लेकर आवश्यक कदम उठाये जाने शुरू किये गये. जिसका व्यापारिक संकुलों में किरायेदार रहनेवाले व्यापारियों व व्यवसायियों द्वारा विरोध किया जाने लगा. वहीं आगामी फरवरी माह में होनेवाले मनपा चुनाव को ध्यान में रखते हुए मनपा का सत्ता पक्ष भी प्रशासन के फैसले के खिलाफ किरायेदारों के साथ खडा हो गया है. साथ ही इस प्रस्ताव को आमसभा में प्रलंबित रखा गया है, ताकि इसकी वजह से चुनाव में खामियाजा न उठाना पडे. किंतु निगमायुक्त प्रशांत रोडे हर हाल में संशोधित किराया दर को लागू करने हेतु कृतसंकल्प है और उन्होंने पहले ही साफ कर दिया है कि, किराये की नई दरों व नये करारनामे को लेकर व्यापारियों की ओर से दर्ज कराये गये आपत्तियों व आक्षेपों पर सुनवाई व निपटारा करने के बाद ही नई किराया दरें लागू की जायेगी. साथ ही बकाया रहनेवाले किराये की भी अनिवार्य तौर पर वसूली की जायेगी.
* 20 दिसंबर की आमसभा में गूंजेगा मामला
इन्हीं तमाम बातों के बीच आगामी 20 दिसंबर को मनपा की आसमभा होने जा रही है, जो डेढ वर्ष बाद ऑफलाईन तरीके से आयोजीत होनेवाली पहली आमसभा होगी. साथ ही यह मनपा के मौजूदा पदाधिकारियों व पार्षदों की अंतिम आमसभा भी हो सकती है. ऐसे में व्यापारिक संकुलों के बकाया किराये की वसुली और नई किराया दरों को लागू करने के संदर्भ में सत्ता पक्ष, विपक्ष व प्रशासन के बीच जबर्दस्त टकराव तथा हंगामेवाली स्थिति इस अंतिम आमसभा में भी दिखाई दे सकती है.
* कई संकुलों में मार्च 2018 में एग्रीमेंट समाप्त
मनपा के चार व्यापारिक संकुलों में रहनेवाले किरायेदारों तथा मुख्य प्रशासकीय इमारत में स्थित बैंक कार्यालय के साथ पुरानी दर से किराये का करारनामा मार्च 2018 में ही समाप्त हो गया. जिसके बाद सरकार द्वारा जिलाधीश की अध्यक्षता में गठित समिती की ओर से व्यापारिक संकुलों की दुकानों हेतु संशोधित किराये की दरें घोषित की गई. यदि किराये की नई दरों को लागू कर दिया जाता है, तो मनपा की आय में अच्छी-खासी वृध्दि हो सकती है. जिससे मनपा की आर्थिक स्थिति में व्यापक स्तर पर सुधार हो सकता है. किंतु आगामी चुनाव के मद्देनजर फिलहाल मनपा का सत्ता पक्ष व्यापारिक हितों के साथ किसी तरह का कोई समझौता नहीं करना चाह रहा, क्योंकि व्यापारियों द्वारा किराया वृध्दि के फैसले का व्यापक स्तर पर विरोध किया जा रहा है. ऐसे में यदि चुनाव से पहले नई किराया दरें लागू हो जाती है, तो इसे लागू करवानेवाले दल को आगामी चुनाव में काफी नुकसान का सामना करना पड सकता है. ऐसे में सत्ता पक्ष सहित विपक्ष भी फिलहाल इस मामले को लेकर फूंक-फूंक कर कदम उठा रहे है.