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बेड और वैक्सीन को लेकर चिंता ना करे जिलावासी

  •  जिलाधीश शैलेश नवाल ने किया सभी को आश्वस्त

  •  जरूरत के लिहाज से सभी प्रबंध पूरे रहने की बात कही

  •  बाहरी मरीजों में नया स्ट्रेन रहने के आरोप को नकारा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.13 – एक-दो दिन पहले जिले में कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के स्टॉक की कुछ किल्लत पैदा हुई थी, किंतु सोमवार को 20 हजार डोज का नया स्टॉक मिल गया है तथा आज अथवा कल में और भी नई खेप आ जायेगी. साथ ही साथ अब हर दो-तीन दिन में वैक्सीन का नया स्टॉक मिलता रहेगा. ऐसे में वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर जिले में किसी को भी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. इसके अलावा इस समय भले ही मानवीयता के आधार पर अन्य जिलों के मरीजों को अमरावती के कोविड अस्पतालों में भरती करने की अनुमति दी गई है, किंतु स्थानीय मरीजों के लिए भी बेड आरक्षित रखे गये है. अत: बेड की उपलब्धता को लेकर भी कोई चिंता नहीं की जानी चाहिए. इस आशय का प्रतिपादन जिलाधीश शैलेश नवाल द्वारा किया गया.
इस संदर्भ में दैनिक अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए जिलाधीश नवाल ने कहा कि, इस समय सरकारी कोविड अस्पतालों में प्रशासन की देखरेख के तहत बाहरी जिलों के मरीजों को भरती किया जा रहा है. ठीक उसी तरह अब निजी कोविड अस्पतालों को भी बाहरी जिलों के मरीजों को भरती करने से पहले प्रशासन से अनुमति लेनी होगी. क्योंकि सरकारी अस्पतालों में तो स्थानीय मरीजों के लिए बेड आरक्षित रखे गये है. लेकिन कई निजी अस्पतालों में बाहरी मरीजों की संख्या अधिक हो जाने की वजह से हाउसफुल वाली स्थिति है. इसके साथ ही जिलाधीश नवाल ने यह भी कहा कि, यदि अमरावती जिले में संक्रमितों की संख्या बढती है और यहां के मरीजों हेतु बडे पैमाने पर बेड की जरूरत पडने लगती है, तो बाहरी जिलों के मरीजों को अमरावती लाये जाने का काम रोका भी जा सकता है.
इस समय लॉकडाउन के बावजूद शहर सहित जिले के विभिन्न हिस्सो में लगातार देखी जा रही भीडभाड के बारे में पूछे जाने पर जिलाधीश नवाल ने कहा कि, इस समय कई तरह की जीवनावश्यक वस्तुओं की दुकानों के साथ-साथ बैंक व सरकारी कार्यालय खुले हुए है. ऐसे में लोगोें की आवाजाही तो सडकोें पर दिखाई देगी ही, किंतु इसके अलावा यदि अन्य कोई आस्थापना या प्रतिष्ठान खुले रहते है, तो उनके खिलाफ प्रशासन द्वारा आवश्यक कार्रवाई भी की जा रही है. इसके तहत अब तक कई लोगों से दंड वसूलते हुए उन पर कानूनी कार्रवाई की गई है.

  •  मुश्किल नहीं है संक्रमण की चेन को तोडना

जिलाधीश नवाल ने इस बातचीत में यह भी दोहराया कि, कोविड संक्रमण की चेन को तोडना और हालात को नियंत्रित करना कोई बहुत बडा और मुश्किलभरा काम नहीं है. केवल इसमें सभी नागरिकों का भरपुर सहयोग मिलना आवश्यक है. यदि हर कोई मास्क, सैनिटाईजर व सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पूरी कडाई के साथ पालन करे, तो एक सप्ताह के भीतर ही कोविड संक्रमण की चेन को तोडा जा सकता है और एक माह के भीतर हालात सामान्य हो सकते है. ऐसे में जिले के सभी नागरिकों को चाहिए कि, वे प्रशासन की ओर से जारी दिशानिर्देशों का कडाई के साथ पालन करे.

  •  बाहरी मरीजों से नहीं कोई खतरा

इन दिनों कहा जा रहा है कि, बाहरी जिलों के मरीजों में कोविड संक्रमण के कुछ अलग लक्षण है और उनकी वजह से अमरावती जिले में कोरोना के नये स्वरूप का संक्रमण फैलने का खतरा है. इस बारे में पूछे जाने पर जिलाधीश शैलेश नवाल ने कहा कि, समूचे विदर्भ सहित महाराष्ट्र के किसी भी जिले में कोरोना वायरस के नये स्वरूप के पाये जाने की पुष्टि अब तक नहीं हुई है. अत: बाहरी जिलों के मरीजों की वजह से अमरावती जिले के लिए किसी तरह का कोई खतरा नहीं है. वे भी हमारे आप के तरह सामान्य इन्सान है और हमारे अपने है. इस भावना को इस समय सबसे उपर रखा जाना चाहिए और इसी भावना के साथ हम अन्य जिलों के मरीजों की भी जान बचाने की कोशिश कर रहे है.

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