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रेस्टॉरेंट व बार को रात 11 बजे तक खुलने की अनुमति मिले

बार, रेस्टॉरेंट व लॉजींग संचालकों ने उठायी पत्रवार्ता में मांग

अमरावती/प्रतिनिधि दि.5 – विगत 3 अगस्त को राज्य सरकार व जिलाधीश कार्यालय द्वारा जारी आदेश में अमरावती जिले के बार व रेस्टॉरेंट को सोमवार से शुक्रवार तक रोजाना दोपहर 4 बजे तक खुलने की अनुमति दी गई है और शनिवार व रविवार को प्रतिष्ठान बंद रखते हुए केवल पार्सल सुविधा शुरू रखने कहा गया है. जबकि इसी आदेश में मॉल, व्यापारिक प्रतिष्ठानों सहित वाईन शॉप व देशी शराब की दुकानों को रात 8 बजे तक शुरू रहने की छूट दी गई है. यह एक तरह से परमीट यम व बार संचालकों के साथ अन्याय है. अत: सभी बार व रेस्टॉरेंट को रात 11 बजे तक शुरू रखने की अनुमति दी जानी चाहिए. इस आशय की मांग जिला परमीट एसो. तथा अमरावती रेस्टॉरेंट एन्ड लॉजींग एसो. द्वारा संयुक्त रूप से यहां बुलायी गई पत्रकार परिषद में की है.
जिला मराठी पत्रकार संघ के वालकट कंपाउंड परिसर स्थित मराठी पत्रकार भवन में आहूत पत्रवार्ता में कहा गया कि, भारी-भरकम लाईसेन्स शुल्क व 5 फीसद वैट अदा करनेवाले परमीट रूम व बार संचालकोें के लिए शाम का वक्त ही व्यवसाय का मुख्य समय होता है और उनके लिए वाईन शॉप के दामों पर शराब बेचना बिल्कुल भी संभव नहीं होता. ऐसे में परमीट रूम व बार की बजाय ग्राहक को वाईन शॉप से शराब खरीदना सस्ता पडता है. जिसकी वजह से परमीट रूम व बार संचालकों का व्यवसाय नहीं होता. ऐसे में परमीट रूम व बीयरबार को रात 11 बजे तक खुलने की अनुमति दी जानी चाहिए. इसी तरह रेस्टॉरेंट में भी मुख्य तौर पर शाम के समय ही ग्राहकों की आवाजाही होती है और लोगबाग शाम के समय ही अपने परिवार सहित आउटिंग करने हेतु बाहर निकलते है. इसी तरह शनिवार व रविवार को ही लोगबाग विक एन्ड मनाने के लिए परिवार सहित होटलों व रेस्टॉरेंट में आते है. किंतु सरकार व प्रशासन द्वारा ऐन व्यवसायवाले समय पर ही व्यवसाय बंद रखने का आदेश दिया गया है. ऐसे में अनलॉक के इस आदेश से बार, रेस्टॉरेंट व लॉजींग व्यवसायियों को कोई राहत नहीं मिली है, बल्कि वे अन्याय का शिकार हुए है. जिसे जल्द से जल्द दूर किया जाना चाहिए.
इस पत्रवार्ता में नितीन मोहोड, रविंद्र उर्फ बिट्टू सलूजा, नितीन कदम, नितीन देशमुख, समीर देशमुख, नंदू जयस्वाल, यश जयस्वाल, संजय उमक, राहुल गुप्ता, शैलेश अजमिरे, संजय छाबडा, विनोद भगत, आशिष देशमुख, सुरेश चांदवानी, सारंग राउत, हर्ष केशरवानी सहित जिला परमीट रूम एसो. एवं अमरावती रेस्टॉरेंट एन्ड लॉजींग एसो. के पदाधिकारी व सदस्य उपस्थित थे.

  • … अन्यथा कल से व्यापार बंद कर प्रशासन को सौंपी जायेगी चाबियां

इस पत्रवार्ता के बाद रेस्टॉरेंट व बार संचालकों द्वारा जिलाधीश कार्यालय जाकर जिलाधिकारी पवनीत कौर को अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा गया. साथ ही कहा गया कि, यदि बार व रेस्टॉरेंट को रात 11 बजे तक खुलने की अनुमति नहीं दी गई, तो कल सभी बार व रेस्टॉरेंट संचालक अपने व्यवसाय पूरी तरह से बंद रखेंगे और अपने प्रतिष्ठानों की चाबियां जिलाधीश के सुपुर्द करते हुए जिलाधीश कार्यालय के सामने आमरण अनशन करेंगे.
बार व रेस्टॉरेंट व्यवसायियों का कहना रहा कि कोविड संक्रमण काल के दौरान लॉकडाउन के चलते विगत डेढ वर्ष से उनका व्यापार व व्यवसाय पूरी तरह से ठप्प पडा हुआ है. इस दौरान उन्हेें सरकार की ओर से कोई राहत नहीं दी गई. ऐसे में अपने कर्मचारियों का वेतन अदा करने और खुद के परिवार का भरन-पोषण करने में उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. लेकिन सरकार उनके साथ दूजाभाव कर रही है. एक ओर तो मॉल सहित सभी व्यापारिक प्रतिष्ठानों को खुलने की अनुमति दी गई है. वहीं दूसरी ओर बार व रेस्टॉरेंट पर तमाम तरह के प्रतिबंध लागू किये गये है. जो कि अन्यायकारक है. ऐसे में ज्यादा बेहतर है कि, बार, होटल व रेस्टॉरेंट का व्यवसाय ही बंद कर दिया जाये.

 

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  •  विधायक खोडके को सौंपा गया मांगोें का निवेदन

इसके साथ ही बार, रेस्टॉरेंट व लॉजींग व्यवसायियों के एक प्रतिनिधि मंडल ने शहर की विधायक सुलभा खोडके को भी ज्ञापन सौंपते हुए उन्हें अपनी मांगों से अवगत कराया तथा सरकारी आदेश की वजह से हो रहे अन्याय की उन्हें जानकारी भी दी. लॉजींग व रेस्टॉरेंट संचालकों का कहना रहा कि, स्थानीय जनप्रतिनिधी होने के नाते विधायक सुलभा खोडके ने इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए और होटल व लॉजींग व्यवसायियों को राहत दिलाने हेतु प्रयास करने चाहिए. जिस पर विधायक सुलभा खोडके ने सकारात्मक रूख दिखाते हुए जल्द से जल्द समस्या के समाधान का आश्वासन दिया.

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