रिजल्ट को लेकर ‘महर्षि’ में हंगामा
अभिभावकों ने स्कूल प्रबंधन पर लगाया लापरवाही का आरोप
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खराब रिजल्ट को देखकर रोते-बिलखते दिखे बच्चे
अमरावती/प्रतिनिधि दि.31 – एक दिन पहले ही केंद्रीय माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी सीबीएसई द्वारा कक्षा 12 वीं का परिणाम घोषित किया गया. चूंकि इस बार कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए कक्षा 12 वीं की लिखीत परिक्षाएं नहीं ली गई थी. ऐसे में कक्षा 10 वीं व कक्षा 11 वीं के 30-30 फीसद अंकों के साथ ही कक्षा 12 वीं के पाठ्यक्रम पर ऑनलाईन तरीके से ली गई मौखिक व प्रात्यक्षिक परीक्षाओं के 40 फीसद अंकों को ग्राह्य मानते हुए अंतर्गत मूल्यांकन पध्दति के जरिये कक्षा 12 वीं के परीक्षा परिणाम घोषित किये गये. जिसके तहत सभी बच्चों को उत्तीर्ण घोषित किया गया, किंतु स्थानीय नवसारी रिंगरोड स्थित महर्षि पब्लिक स्कूल में पढनेवाले कई मेधावी बच्चे रिजल्ट देखकर बेहद भौचक रह गये, क्योंकि उनके रिजल्ट का स्तर 95 फीसद के आसपास रहने के बावजूद उन्हें अंतर्गत मूल्यांकन पध्दति के जरिये घोषित किये गये रिजल्ट में केवल 80 से 85 फीसद अंक दिये गये है. ऐसे में रिजल्ट घोषित होने के दूसरे दिन शनिवार 31 जुलाई को महर्षि पब्लिक स्कूल में 40 से 50 बच्चों के अभिभावकों का जमावडा लग गया और संतप्त अभिभावकोें द्वारा इस खराब रिजल्ट को लेकर स्कुल प्रबंधन को जमकर आडे हाथ लिया जाने लगा. साथ ही यहां पर स्कूल प्रबंधन को कई अभिभावकों के गुस्से व रोष का शिकार भी होना पडा.
महर्षि पब्लिक स्कूल में पढनेवाले कई मेधावि बच्चों के माता-पिता का कहना रहा कि, इस स्कूल की कक्षा 12 वीं में करीब 153 छात्र-छात्राएं पढते है. जिसमें से अधिकांश का ‘एकेडॅमिक रिकॉर्ड’ पहले से काफी शानदार रहा है और कई बच्चों ने कक्षा 10 वीं की परीक्षा 95 प्रतिशत से अधिक अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी. यदि कक्षा 12 वीं की बोर्ड द्वारा लिखीत परीक्षा ली जाती, तो भी इसमें से अधिकांश बच्चे 90 से 95 फीसद अंक जरूर लाते. किंतु अंतर्गत मूल्यमापन पध्दति के जरिये इन बच्चों का रिजल्ट महज 80 से 85 फीसद दिया गया है. यह सीधे-सीधे इन बच्चों के लिए अन्यायकारक व निराशाजनक बात है. संतप्त अभिभावकों के मुताबिक कक्षा 12 वीं में हासिल किये गये अंक भविष्य के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण होते है और इन अंकों के आधार पर ही बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए अगली कक्षाओं में प्रवेश मिलता है. साथ ही आगे चलकर विदेशोें में जाकर नौकरी करने या पढाई करने के लिए भी कक्षा 12 वीं में हासिल अंकों को देखा जाता है. किंतु इसके बावजूद महर्षि पब्लिक स्कूल द्वारा अंतर्गत मूल्यांकन पध्दति रहने के बावजूद लापरवाह पूर्ण ढंग से अंकदान किया गया और अपने ही हाथों अपने ही शाला के बच्चों का नुकसान किया गया. सभी अभिभावकों का यह भी कहना रहा कि, चूंकि अभी अंक पत्रिकाएं छपना बाकी है. ऐसे में महर्षि पब्लिक स्कूल के छात्रों को दिये गये अंकों पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए और नये सिरे से अंकदान व मूल्यांकन की प्रक्रिया को अमल में लाया जाना चाहिए. इन अभिभावकों का यह आरोप भी रहा कि, शनिवार की सुबह से महर्षि पब्लिक स्कूल पर संतप्त अभिभावकों का जमावडा होने के बावजूद स्कूल प्रबंधन का कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति अभिभावकों से बात करने हेतु यहां पर उपस्थित नहीं हुआ और इस तरह का रिजल्ट कैसे तैयार किया गया, इसे लेकर कोई जानकारी उन्हें नहीं दी जा रही.