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विदेशी डॉक्टर बताकर रिटायर्ड शिक्षिका को 14 लाख से ठगा

फेसबुक पर जनवरी महिने में हुई थी पहचान

  •  पहचान के बाद पहले विदेशी गिफ्ट भेजने का लालच

  •  ऑनलाइन धोखाधडी में महिला आरोपी का भी समावेश

  •  पहले कस्टम से गिफ्ट छुडाने पैसे मांगे, फिर शैक्षणिक खर्च के लिए पैेसे भेजने की गुहार लगाई

अमरावती/प्रतिनिधि दि.28 – स्थानीय वलगांव रोड पर स्थित ट्रान्सपोर्ट नगर परिसर के पास रहने वाली सेवानिवृत्त शिक्षिका के साथ फेसबुक पर पहचान होने के बाद एक बदमाश ने खुद को युएस में डॉक्टरी पढाई करने वाला युवक बताया, फेसबुक पर पहचान बढाने के बाद शुरुआत में इस सेवानिवृत्त शिक्षिका को विदेशी गिफ्ट भेजने का झांसा दिया. इस बदमाश ने महिला का विश्वास बढाने अपनी ऑनलाइन धोखाधडी की इस साजिश ने एक युवती की मदत ली. इस युवती ने वह कस्टम ऑफिस से बोलकर आपका युएस से आया हुआ विदेशी पार्सल छुडाने 31 हजार भेजने की बात कही. तब पहली बार इस सेवानिवृत्त शिक्षिका ने 31 हजार रुपए भेजे. उसके बाद फिर एक व्यक्ति का कस्टम अधिकारी के नाम से ही फोन आया और कहा कि पार्सल में विदेशी डॉलर उसे छुडवाने 61 हजार भेंजे. तब इस सेवानिवृत्त शिक्षिका ने फिर 61 हजार रुपए भेजे. लगभग 1 लाख के करीब रकम भेजने के बाद किसी प्रकार का पार्सल इस महिला तक नहीं पहुंचा तब युएस में बैठे इस कथीत बदमाश ने फिर महिला को फोन किया और कहा कि हो सकता है पार्सल छुडाने आपके व्दारा भेजे गए पैसे कस्टम में जमा हुए है, लेकिन मैं फिलहाल तो आपको यह पैसे नहीं लौटा सकता क्योंकि युएस में फिलहाल मेरी डॉक्टरी पढाई शुरु है, और मैं स्वयं आर्थिक संकट में फंसा हूं, अगर आप मेरी मदत करेंगे तो मैं आपके पैसे दुगुने वापस लौटाउंगा, इस तरह बदमाश ने इस सेवानिवृत्त शिक्षिका को भावनिक मैसेज भेजकर उससे पैसे ऐठना शुरु किया. विशेष यह कि मई और जून इन दो माह में ही इस महिला ने बदमाश व्दारा बताये गए एसडीएफसी के बैंक खाते में 14 लाख रुपए डाले. विशेष यह कि कल फिर महिला के मोबाइल पर 1 लाख 90 हजार रुपए भेजने की मांग की. तब महिला को इस कथित विदेशी डॉक्टर पर संदेह हुआ और आज सुबह उन्होंने आयुक्तालय पुलिस के सायबर सेल में जाकर उनके साथ हुई ऑनलाइन धोखाधडी की शिकायत दर्ज की. दोपहर 3 बजे तक इस सेवानिवृत्त शिक्षिका से विस्तृत जानकारी पुलिस उनकी शिकायत दर्ज की.
जानकारी के अनुसार वलगांव रोड पर ट्रान्सपोर्ट नगर के करीब पैराडाईज कॉलोनी में जिला परिषद से सेवानिवृत्त हुई यह 60 वर्षीय शिक्षिका रहती है. जीवन में की हुई जिला परिषद की नौकरी के रिटायर्ड होने के बाद उन्हें जो पैसे मिले थे, वह इस जालसाज ने फेसबुक पर पहचान बढाकर पहले गिफ्ट भेजने का बहाना कर इस महिला की मदत करने की लिमिट जान ली, जब यह सेवानिवृत्त शिक्षिका ने उसपर विश्वास रखकर और इसी बदमाश व्दारा बताई गई. किसी नकली कस्टम अधिकारी महिला के कहने पर दो किश्तों में 92 हजार भेंजे. तब इस कथित विदेशी डॉक्टर ने महिला से आर्थिक मदत की मांग की और मदत की रकम दुगुनी कर भेजने की बात कही और महिला उसके जाल में फंसती गई. बाद में बदमाश ने आप यह रकम विदेश कैसे भेजेंगी इस कारण अपनी किसी भारतीय महिला रिश्तेदार का नंबर उन्हें दिया और इस सेवानिवृत्त महिला उसके खाते पर जून महिने में तीन बार ढाई लाख रुपए उसके बाद 3 लाख 60 हजार रुपए और शेष रकम आरटीजीएस व अन्य माध्यम से उसे भेजी, खबर है कि अधिकतर रकम स्थानीय पंजाबराव देशमुख बैंक से एचडीएफसी बैंक के खाते में भेजी गई है.

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