मुंबई/दि.13- वर्ष 2022 में राज्य के 18 आईएएस अधिकारी सेवानिवृत्त होनेवाले है. एक कैलेंडर वर्ष के दौरान 18 प्रशासनिक अधिकारियों के सेवानिवृत्त होने का यह पहला मौका है. इससे पहले जॉनी जोसेफ के मुख्य सचिव रहते समय एक वर्ष के दौरान 10 आईएएस अधिकारी सेवानिवृत्त हुए थे.
आगामी 31 जनवरी को नागपुर के विभागीय आयुक्त संजय देवरे सेवानिवृत्त होंगे. वहीं 28 फरवरी को राज्य के प्रभारी मुख्य सचिव देबाशिष चक्रबोर्ती, शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव वंदना क्रिष्णा तथा प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष आबासाहब जराड के कार्यकाल की अंतिम तारीख रहेगी. हालांकि जराड इस समय प्रदूषण नियंत्रण मंडल के अध्यक्ष है. अत: अगले आदेश तक वे इस पद पर कार्यरत रहेंगे. इसी तरह दिल्ली में प्रति नियुक्ति पर रहनेवाले केमिकल व पेट्रो केमिकल विभाग के अतिरिक्त सचिव समीर विश्वास, ओबीसी व बहुजन मंडल के संचालक दिलीप हलदे व डेअरी फेडरेशन के व्यवस्थापकीय संचालक श्यामसुंदर पाटील आगामी 31 मार्च को सेवानिवृत्त होंगे. वहीं आगामी 30 अप्रैल को नगरविकास विभाग के प्रधान सचिव महेश पाठक तथा मुंबई मनपा के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकाणी सेवानिवृत्त होनेवाले है. इसके पश्चात 31 मई को जलापूर्ति विभाग के अतिरिक्त सचिव तथा 30 जून को अन्न व नागरी आपूर्ति विभाग के सचिव विलास पाटील एवं सैनिक कल्याण मंडल के संचालक प्रमोद यादव सेवानिवृत्त होंगे. साथ ही 31 जुलाई को उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव बलदेव हरपालसिंह एवं 31 अगस्त सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव मैरी केरिकट्टा की सेवानिवृत्ती होगी. इसके बाद 30 नवंबर को अल्पसंख्यक व सामाजिक न्याय विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जयश्री मुखर्जी एवं 30 नवंबर को एक्साईज कमिश्नर कांतीलाल उमप व मराठी भाषा विभाग के सहसचिव मिलींद गावंडे सेवानिवृत्त होंगे. वहीं 31 दिसंबर को आईएएस अधिकारी श्याम तागडे के कार्यकाल का अंतिम दिन होगा. तागडे फिलहाल पोस्टिंग की प्रतीक्षा में है.
महाराष्ट्र राज्य के लिए आईएएस अधिकारियों के 438 पद मंजूर है. किंतु जनवरी 2021 की सुची के अनुसार राज्य में 340 आईएएस अधिकारी कार्यरत है. जिसमें से 18 अधिकारी जारी वर्ष में सेवानिवृत्त होंगे. वहीं वर्ष 2021 में सीताराम कुंटे, प्रवीण परदेसी तथा श्यामलाल गोयल जैसे कई अधिकारी सेवानिवृत्त हो गये. ऐसे में इस समय आईएएस अधिकारियों के कुल मंजूर पदों में करीब 70 से 80 पद रिक्त है. इसमें से भी पांच फीसद अधिकारी प्रशिक्षण के लिए जाते है. ऐसे में कई अधिकारियो के पास अतिरिक्त पदभार सौंपा जाता है. जिससे अधिकारियों पर काम का बोझ बढने के साथ ही कामकाज काफी हद तक प्रभावित भी होता है. अत: महाराष्ट्र में आईएएस अधिकारियों के सभी पदों पर नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार द्वारा प्रयास किये जाने की सख्त जरूरत है.