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रकम और दोनों वाहन सुपुर्दनामे पर वापिस लौटाये गये

मामला साढे तीन करोड रूपये की नकद बरामदगी का

* अदालत ने कमलेश शाह के दावे को पाया सही

* एड. मनोज मिश्रा की सफल पैरवी

अमरावती/दि.16- विगत 27 जुलाई को स्थानीय फरशी स्टॉप चौक परिसर से नाकाबंदी के दौरान राजापेठ थाना पुलिस ने दो स्कार्पिओ वाहनों को पकडा था और इन दोनों वाहनों से करीब साढे तीन करोड रूपयों की नकद राशि बरामद की गई थी. साथ ही कुल 6 लोगों को हिरासत में लिया गया था. जिसके बाद गुजरात के अहमदाबाद निवासी कमलेश शाह नामक कारोबारी व्यक्ति ने अपने वकील एड. मनोज उर्फ अमित मिश्रा के जरिये राजापेठ पुलिस स्टेशन व स्थानीय अदालत के समक्ष पेश होकर इस रकम पर अपना दावा जताया था. साथ ही रकम सहित जप्त किये गये वाहनों के दस्तावेज भी पेश किये थे. इस मामले में कई तारीखों पर हुई सुनवाई के बाद अदालत ने कमलेश शाह के दावे को सही मानते हुए सुपुर्दनामे पर साढे तीन करोड रूपये की रकम और दोनोें वाहन वापिस लौटाने के आदेश पुलिस को दिये है.
बता दें कि, विगत 27 जुलाई को स्थानीय फरशी स्टॉप चौक परिसर से नाकाबंदी के दौरान राजापेठ थाना पुलिस ने दो स्कार्पिओ वाहनों को पकडने के साथ ही दो वाहनों से करीब साढे तीन करोड रूपयों की नकद राशि बरामद की गई थी. साथ ही कुल 6 लोगों को हिरासत में लिया गया था. जिसके बाद यह अनुमान जताया गया था कि, संभवत: यह हवाला रैकेट से संबंधित मामला है. किंतु अगले ही दिन 28 जुलाई को गुजरात के अहमदाबाद निवासी कमलेश शाह नामक व्यक्ति ने खुद राजापेठ थाने में उपस्थित होकर यह रकम अपनी रहने का दावा किया था. इस समय तक राजापेठ थाना पुलिस ने यह मामला अदालत के समक्ष पेश कर दिया था और आरोपी के तौर पर धरे गये सभी 6 लोगों को अदालत के समक्ष पेश किया गया था. जहां से उन्हें जमानत मिल गई थी. उस समय राजापेठ पुलिस ने दफा 124 के तहत इस मामले की जांच करने हेतु अदालत से अनुमति मांगी थी. जिसके बाद अदालत ने राजापेठ पुलिस को धारा 124 के तहत मामले की जांच करने हेतु अनुमति देने के साथ ही राजापेठ पुलिस को अपना पक्ष रखने यानी ‘से’ दाखिल करने के लिए 4 अगस्त तक मोहलत दी थी. पश्चात 4 अगस्त को राजापेठ थाना पुलिस द्वारा अपना ‘से’ दाखिल करते हुए अदालत को यह भी बताया था कि, चूंकि मामला नकद धनराशि से संबंधित है, तो यह रकम आयकर विभाग के सुपुर्द कर दी गई है. चूंकि उस समय आयकर विभाग के वकील अदालत में उपस्थित नहीं थे. अत: अदालत ने आयकर विभाग को ‘से’ दाखिल करने के लिए 7 अगस्त तक मोहलत दी और 7 अगस्त को आयकर विभाग की ओर से पेश होते हुए एड. जलतारे ने पहली बार ‘से’ दाखिल करने के लिए कुछ और मोहलत मांगी. जिस पर अदालत ने मामले की सुनवाई व ‘से’ दाखिल करने हेतु सोमवार 16 अगस्त की तारीख मुकर्रर की, लेकिन 16 अगस्त को आयकर विभाग के वकील एड. जलतारे ने एक बार फिर ‘से’ दाखिल करने हेतु अतिरिक्त समय मांगा. जिस पर अदालत ने 28 अगस्त की तारीख मुकर्रर की. इस तरह यह मामला तारीख-दर-तारीख आगे बढता रहा और कमलेश शाह की ओर से एड. मनोज मिश्रा हर तारीख पर अदालत के समक्ष पेश होकर उक्त साढे तीन करोड रूपए की रकम के पूरी तरह से वैध होने तथा कमलेश शाह के कारोबार की रहने को लेकर हर तरह की दलील देते रहे. एड. मिश्रा द्वारा दी गई दलीलों को ग्राह्य मानते हुए गुरूवार 16 सितंबर को अदालत ने पुलिस द्वारा जप्त की गई रकम और दोनों वाहन सुपुर्दनामे पर कमलेश शाह को वापिस लौटाने का आदेश दिया है. वहीं इस मामले में कल शुक्रवार 17 सितंबर को आयकर विभाग की ओर से अदालत के समक्ष उपस्थित रहकर अपना पक्ष रखा जायेगा.

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