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22 हजार करोड की लागत से चमक रही जिले की सडकें

पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे के कामों का दिख रहा सार्थक परिणाम

  • शहर सहित ग्रामीण इलाकों की सडकों पर भी स्ट्रीट लाईट की जगमग

  • साढे पांच साल के मंत्रीत्व कार्यकाल में तोडे विकास कामों के रिकॉर्ड

अमरावती प्रतिनिधि/दि.21 – इस समय अमरावती शहर सहित जिले के विभिन्न ग्रामीण इलाकों में सिमेंट सडकें बनकर तैयार हो चुकी है और रिहायशी इलाकों की भीतरी सडकों सहित एक इलाके से दूसरे इलाकों को जोडनेवाली कनेक्टींग सडकें भी रात के समय स्ट्रीट लाईटों से जगमगा रही है. जिसका पूरा श्रेय जिले के पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान उठाये गये कदमोें को दिया जा सकता है. बता दें कि, पूर्व जिला पालकमंत्री प्रवीण पोटे ने अपने कार्यकाल में सीआरएफ फंड से 22 हजार करोड रूपयों की निधी से अमरावती शहर सहित जिले में सिमेंट सडकों के निर्माण और स्ट्रीट लाईट लगवाने का काम शुरू करवाया था. जिसमें से करीब साढे तीन सौ करोड रूपयों के काम अकेले अमरावती शहर में ही किये गये है. जिसकी वजह से आज कठोरा-रेवसा, पंचवटी-नवसारी-चांगापुर, विद्यापीठ रोड, राजापेठ-बडनेरा रोड जैसे प्रमुख रास्तों के साथ-साथ शहर के भीतरी इलाकों की सडकें चकाचक और जगमग हो गयी है. इसी तरह ग्रामीण क्षेत्र में सीआरएफ फंड से मोर्शी, चांदूर बाजार, परतवाडा, अंजनगांव व चिखलदरा तहसीलों की सडकों का काम किया गया. साथ ही तीन हजार करोड रूपयों की लागतवाले हाईब्रीड ऍन्युईटी के तहत भातकुली व चांदूर रेल्वे परिसर में शानदार सडके बनायी गयी. इसी तरह जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में पालकमंत्री पगडंडी रास्ता योजना के तहत पक्की सडकें बनाने का काम शुरू किया गया, जो आगे चलकर पूरे महाराष्ट्र राज्य में लागू हुई.
उल्लेखनीय है कि, इन दिनों कठोरा चौक से कठोरा एवं रेवसा परिसर की ओर जानेवाली सडकों को देखकर लगता है मानो हम किसी महानगर की सडक से होकर गुजर रहे है. इस सडक के निर्माण और यहां पर स्ट्रीट लाईट लगाने हेतु करीब 65 करोड रूपये खर्च किये गये. साथ ही कठोरा-रेवसा मार्ग का निर्माण करीब 35 करोड रूपये की लागत से किया गया है. ऐसे में किसी समय पूरी तरह से ग्रामीण इलाका दिखाई देनेवाला यह पूरा परिसर इन दिनों महानगरीय रंग में रंगा हुआ नजर आ रहा है. इसी तरह आगामी दो माह में तोमोय स्कुल से नागपुर हाईवे की ओर जानेवाले रास्ते का भी पूरी तरह से कायाकल्प कर दिया जायेगा.

  • पंचवटी चौक पर बनेगा नया फ्लायओवर

जानकारी के मुताबिक इस समय गाडगेबाबा समाधि मंदिर एवं जिला स्टेडियमके बीच जो फ्लायओवर बना हुआ है, उसे जल्द ही तोड दिया जायेगा और यहां पर एक नया फ्लायओवर बनवाया जायेगा. जिसके प्रारूप को मंजूरी भी मिल चुकी है. यह नया फ्लायओवर शेगांव नाका चौक के पास से शुरू होगा और जिला स्टेडियम के पास उतरेगा. साथ ही इसका एक छोर नागपुर रोड पर पीडीएमसी के मुख्य प्रवेश द्वार एवं पंचवटी चौक से आरटीओ की ओर जानेवाली सडक पर उतरेगा.साथ ही एक छोर होटल महफिल की ओरजानेवाली सडक पर भी उतारा जायेगा. उल्लेखनीय है कि, इस समय जो फ्लायओवर बना हुआ है, वह वन-वे है, लेकिन नया फ्लायओवर दोनों ओर के यातायात हेतु बनाया जायेगा. इसके साथ ही शेगांव नाका से कठोरा नाका के बीच भी एक फ्लायओवर बनाने की योजना प्रस्तावित है, ताकि विमवि व शासकीय अभियांत्रिकी कॉलेज सहित अन्य कई नामांकित शिक्षा संस्था रहनेवाले इस परिसर में सडक पर यातायात के दबाव को कम किया जा सके.

  • वलगांव में पेढी नदी पर बनेगा समानांतर पूल

इसके साथ ही पूर्व जिला पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील के कार्यकाल में किये गये कामों के चलते बहुत जल्द वलगांव में पेढी नदी पर मौजूदा पूल के समानांतर एक नया पूल बनाया जायेगा, ताकि पुराने पूल पर यातायात की भीड को कम किया जा सके. ये दोनोें पूल अलग-अलग छोर से वन-वे रहेंगे. ऐसे में यातायात को आने व जाने के लिहाज से विभाजीत किया जा सकेगा. जिसके चलते पेढी नदी के पूल पर सडक हादसों की संभावना को कम किया जा सकेगा.

  • बेलोरा विमानतल के विकास व विस्तार को मिलेगी गति

पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील के कार्यकाल में बेलोरा विमानतल की विस्तारीकरण प्रक्रिया को जबर्दस्त गति मिली थी. किंतु विगत कुछ समय से यह काम ठंडे बस्ते में पडा दिखाई दे रहा है. जानकारी है कि, आगामी जनवरी माह में पूर्व पालकमंत्री व विधान परिषद सदस्य प्रवीण पोटे पाटील बेलोरा विमानतल पर चल रहे कामों का मुआयना कर सकते है. जानकारी के मुताबिक इस समय बेलोरा विमानतल पर सुरक्षा दीवार एवं जोड रास्ते का काम पूरा हो चुका है. वहीं आगामी माह में रन-वे सहित नाईट लैण्डींग सुविधा, हैंगर व एटीसी बिल्डींग आदि से संबंधित कामों को जबर्दस्त गति मिल सकती है.

  • मैं किसी निर्वाचन क्षेत्र की सीमा से नहीं बंधा, पूरा जिला मेरा कार्यक्षेत्र

इन दिनों अमरावती शहर सहित जिले का जो स्वरूप बदला हुआ दिखाई दे रहा है, उसके संदर्भ में चर्चा करने पर पूर्व राज्यमंत्री व पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे पाटील ने कहा कि, विधान परिषद सदस्य रहने के नाते वे किसी विशिष्ट निर्वाचन क्षेत्र से नहीं जुडे है, बल्कि विधान परिषद में पूरे जिले का प्रतिनिधित्व करते है. साथ ही यदि कोई विधानसभा सदस्य भी मंत्री बनता है, तो उसके कामों का दायरा अपने निर्वाचन क्षेत्र के अलावा पूरा जिला व पूरा राज्य होना चाहिए. लेकिन अमूमन ऐसा होता नहीं. परंतू उन्होंने जिला पालकमंत्री बनने के बाद पूरे जिले और राज्यमंत्री के तौर पर पूरे राज्य में विकास कामों पर अपनी विशिष्ट कार्यशैली से ध्यान देना शुरू किया. इसमें उन्होंने अमरावती जिले को कुछ अधिक झुकता माप दिया. इसमें कोई संदेह नहीं है. उनके द्वारा   Pravin-Pote-Patil-amravati-mandal अमरावती जिले में शुरू की गई पालकमंत्री पगडंडी योजना और मुख्यमंत्री सडक योजना पर बाद में पूरे राज्य में अमल किया गया. साथ ही उन्होंने अमरावती शहर व जिले में भविष्य की जरूरत को देखते हुए सडकों के चौडाईकरण का काम शुरू किया था. जिसमें से अधिकांश काम पूर्ण हो चुके है. वहीं कई काम पूर्णत: की ओर अग्रेसर है. इसके अलावा जल्द ही परतवाडा-यवतमाल फोरलेन हाईवे का महत्वाकांक्षी प्रकल्प भी शुरू किया जायेगा. जिसे आगे धारणी तक जोडा जायेगा, ताकि इस आदिवासी बहुल क्षेत्र में यातायात की सुचारू सुविधाएं उपलब्ध हो तथा धारणी होते हुए इंदौर तक का सफर आसानी से पूर्ण हो सके. पूर्व पालकमंत्री प्रवीण पोटे के मुताबिक 2019 के बाद यद्यपि उनके पास मंत्री पद नहीं रहा और अब राज्य में सत्ता परिवर्तन भी हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद विकास के मामले में किसी तरह का कोई समझौता नहीं किया जा रहा और वे जिले के विकास हेतु आज भी पहले की तरह पूर्ण रूप से प्रतिबध्द है.

 

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