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सास के हत्यारे को आजीवन कारावास की सजा

जिला न्यायाधीश क्रमांक 1 का फैसला

अमरावती/ दि.1 – स्थानीय जिला न्यायाधीश क्रमांक 1 के न्यायमूर्ति एस.एस.अडकर के कोर्ट ने धारा 302 के आरोपी को आजीवन कारावास व 10 हजार रुपए दंड तथा दंड नहीं भरने पर 6 माह के साधे कारावास की सजा सुनाई है.
इस्तेगासे के अनुसार भातकुली तहसील के दाढीपेढी में रहने वाले व हाल ही में दहिसाथ में रहने वाले आरोपी घनश्याम जोशी यह रतनगंज में रहने वाली मृतक अरुणाबाई बेलसरे का दामाद है. आरोपी की शादी निलीमा के साथ हुई थी. आरोपी और मृतक दोनों कार्य प्रसंग के दौरान आचारी का काम करते थे. आरोपी को शराब पीने की आदत थी और हमेशा पत्नी निलीमा के अलावा सास अरुणाबाई के साथ बार बार झगडा करता था व उन्हें जान से मारने की धमकी देता था. घटना 21 अप्रैल 2015 की है. अक्षय तृतिया का त्यौहार होने से मृतक अरुणाबाई ने अपनी बडी बेटी माधुरी बाहेकर व निलीमा को भोजन के लिए घर बुलाया था. दोनों बेटियां घर पर भोजन के लिए आने के बाद दोपहर 2 बजे के करीब आरोपी अपनी सास अरुणाबाई के घर पहुंचा और उसने झगडा कर गालीगलौच करते हुए वहां से निकल गया. इसके बाद आरोपी रात 9.30 बजे के करीब अपनी सास अरुणाबाई के घर पहुंचा और अरुणाबाई के साथ गालीगलौच की.
इस समय अरुणाबाई ने उसे घर से बाहर जाने की बात कही. जिसके बाद आरोपी ने अचानक हाथ का चाकू से अरुणाबाई के सिने पर व शरीर के अन्य हिस्सों पर वार किये. घटना के समय आरोपी की पत्नी निलीमा व माधुरी भी घर में मौजूद थी. चाकू काफी जोर से मारने से चाकू का हैंडल घटनालस्थल पर टूटकर गिर गया. उसके बाद आरोपी चाकू का पत्ता लेकर घर के बाहर गया. इसके बाद जख्मी अरुणाबाई को अस्पताल लाया गया. जहां पर चिकित्सकों ने अरुणाबाई को मृत घोषित किया. मृतक की बडी बेटी माधुरी ने तुरंत नागपुरी गेट पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई. आरोपी के खिलाफ धारा 302 के तहत अपराध दर्ज किया गया. इस मामले में सरकारी पक्ष की ओर से सहायक सरकारी वकील दिपक आंबलकर ने 11 गवाहों के बयान दर्ज किये. उनमें से कुछ गवाह अपने बयान से पलट गए. घटना के समय मौजूद बेटियों व डॉक्टरों के बयान को प्राथमिकता दी गई और उनकी गवाही को ग्राह्य मानते हुए न्यायाधीश एस.एस.अडकर ने आरोपी को धारा 302 के तहत दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास व 10 हजार रुपए दंड तथा दंड नहीं भरने पर 6 माह के साधे कारावास की सजा सुनाई. इस मामले में पुलिस निरीक्षक दत्ता गावडे व पुलिस उपनिरीक्षक भारती इंगोले ने जांच अधिकारी के रुप में काम संभाला व इस मामले में सरकारी अभियोक्ता की ओर से सहायक सरकारी वकील दिपक आंबलकर ने सफलतापूर्वक युक्तिवाद किया.

 

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