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लॉकडाऊन से अटकी बीएस-4 वाहनों की बिक्री

सरकार ने समयावधि बढाकर नहीं दी

  •  शोरूम में ही फंसे पडे है हजारों वाहन

  •  शोरूम संचालकों का बडे पैमाने पर पैसा भी फंसा

अमरावती/प्रतिनिधि दि.31 – केंद्र सरकार द्वारा पर्यावरण व प्रदूषण की स्थिति को देखते हुए आदेश जारी किया गया था कि, देश में 31 मार्च 2020 के बाद बीएस-4 श्रेणीवाले वाहनों की बिक्री व पंजीयन नहीं किया जा सकेगा. अत: इस तारीख से पहले सभी शोरूम संचालक अपने यहां उपलब्ध बीएस-4 वाहनों की बिक्री खत्म कर ले और उन वाहनों का पंजीयन करवा ले. जिसके चलते मार्च-2020 में बीएस-4 वाहनों की कीमतों में गिरावट देखी गई, ताकि अधिक से अधिक वाहनों की बिक्री हो जाये. लेकिन अभी यह प्रक्रिया चल ही रही थी कि, 23 मार्च-2020 से समूचे देश में कोविड संक्रमण के खतरे को देखते हुए लॉकडाऊन लागू कर दिया गया. जिसकी वजह से सभी तरह के व्यापार-व्यवसाय ठप्प हो गये और वाहनों की खरीदी-बिक्री व पंजीयन का काम रूक गया. ऐसे में उम्मीद थी कि, जिस तरह लॉकडाऊन काल के दौरान ड्राईविंग लाईसेन्स व फिटनेस के नूतनीकरण संबंधी कामों के लिए समयावृध्दि दी गई है. उसी तरह बीएस-4 वाहनों की बिक्री व पंजीयन के लिए भी समय बढाकर दिया जायेगा. किंतु विगत वर्ष से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने के बाद से लेकर अब तक बीएस-4 वाहनों की बिक्री हेतु कोई समयावृध्दि बढाकर नहीं दी गई है. जिसकी वजह से बीएस-4 मेड के हजारों चारपहिया व दो पहिया वाहन शोरूम में ही अटके पडे है और चूंकि अब उनकी बिक्री व पंजीयन को सरकार अनुमति नहीं दे रही, तो इस वजह से शोरूम संचालकों का पैसा भी फंसा हुआ है.
बता दें कि, विगत वर्ष बीएस-4 वाहनों की बिक्री एवं पंजीयन के लिए ‘वाहन-4’ नामक पोर्टल शुरू किया गया था. जहां पर 31 मार्च 2020 से पहले बेचे जानेवाले बीएस-4 वाहनों की जानकारी पंजीयन हेतु अपलोड की जानी थी. किंतु 23 मार्च 2020 से लागू किये गये लॉकडाउन के बाद जब 5 जून 2020 से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू की गई और कई वाहन विक्रेताओं ने जब इस पोर्टल को खंगाला, तो पोर्टल पर जानकारी दी गई कि, बीएस-4 वाहनों के बिक्री व पंजीयन की अवधि 31 मार्च 2020 को ही खत्म हो गई है और अब इन वाहनों की बिक्री व पंजीयन नहीं किये जा सकते. जिसके पश्चात कई शोरूम संचालकों व वाहन विक्रेताओं ने इस विषय को लेकर विधायकों व सांसदों सहित केंद्रीय परिवहन मंत्रालय तक से गुहार लगायी, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. इसी दौरान फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाईल डीलर एसोसिएशन (फाडा) की ओर से इस विषय को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई. जिसमें मांग की गई है कि, कोविड एवं लॉकडाउन काल को देखते हुए जिस तरह से सरकार द्वारा ड्राईविंग लाईसेन्स तथा पासिंग व फिटनेस के नूतनीकरण हेतु समय बढाकर दिया गया है. उसी तरह बीएस-4 वाहनों की बिक्री व पंजीयन के लिए भी कुछ अतिरिक्त समय दिया जाये. याचिका में यहां तक कहा गया है कि, मार्च माह के अंतिम सात दिनों की ऐवज में वाहन विक्रेताओं को मात्र 15 दिनों के लिए वाहन पोर्टल पर बीएस-4 वाहनों के पंजीयन की अनुमति दी जाये, ताकि उस दौरान जितने भी वाहनों से बिक्री संबंधी व्यवहार हुए थे और जिनकी बुकींग हो चुकी थी, उन व्यवहारों को पूर्ण किया जा सके. किंतु अब तक इस पर कोई फैसला नहीं आया है. जिसकी वजह से बीएस-4 वाहनों की बिक्री व पंजीयन का काम रूका पडा है.
एक अनुमान के मुताबिक इस समय देश में बीएस-4 श्रेणीवाले करीब 68 हजार टूविलर व 15 से 20 हजार फोरविलर वाहन शोरूम में खडे है. जिनकी बिक्री लॉकडाउन काल की वजह से अटक गई है. वहीं अब केवल बीएस-6 श्रेणीवाले वाहनों की बिक्री व पंजीयन का काम चल रहा है. ऐसे में बीएस-4 श्रेणीवाले वाहनों को ग्राहक खरीदना भी नहीं चाह रहे. ऐसे में शोरूम संचालकों द्वारा बिना फायदा कमाये एक्स शोरूम कीमत पर इन वाहनोें के बिक्री तैयारी दर्शायी गई है और वाहनों के बिक्री व पंजीयन हेतु अनुमति मांगी जा रही है, ताकि करोडों रूपयों के नुकसान से बचा जा सके.

 

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