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बर्ड फ्ल्यू के भय से घटी मुर्गियों की बिक्री

पोल्ट्री फार्म व्यवसायियों व मुर्गी विक्रेताओं में चिंता की लहर

  • कोरोना के बाद अब व्यवसाय पर बर्ड फ्ल्यू की मार

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१२ – गत वर्ष कोरोना काल के शुरूआती दौर में मुर्गियों का मांस सेवन करने से कोरोना की बीमारी फैलने की अफवाह उडी थी. जिसकी वजह से कई लोगों ने लंबे समय तक अंडे व मूर्गियों का सेवन करना बंद कर दिया था. इसके बाद लॉकडाउन काल के दौरान भी लंबे समय तक मुर्गी बिक्री का व्यवसाय लगभग ठप्प पडा रहा और अनलॉक की प्रक्रिया के बाद अब जैसे-तैसे कुक्कुट पालन व्यवसाय पहले की तरह पटरी पर लौट रहा है, तो इस व्यवसाय के सिर पर बर्ड फ्ल्यू का खतरा मंडराने लगा है.
बता दें कि, इस समय राज्य के कई जिलों में बर्ड फ्ल्यू की संक्रामक बीमारी का वायरस रहने की अधिकृत तौर पर पुष्टि हो चुकी है. साथ ही अमरावती जिले में भी कई पक्षी अज्ञात बीमारी की वजह से मारे जा चुके है. ऐसे में मांसाहार का शौक रखनेवाले लोगों में जबर्दस्त भय का आलम देखा जा रहा है और लोगबाग अब चिकन व अंडे खरीदने से बच रहे है. जिससे मुर्गियों और अंडे की मांग में जबर्दस्त कमी आ गयी है. ज्ञात रहे कि, इससे पहले अप्रैल से अगस्त माह के दौरान भी कोरोना संक्रमण काल के समय लोगोें ने मांसाहार करना छोड दिया था और उस वक्त चिकन के दाम 20 से 30 रूपये प्रति किलो तक जा पहुंचे थे. बावजूद इसके माल की आवक नहीं थी. ऐसे में पोल्ट्री फार्म व्यवसायियों को बडे पैमाने पर नुकसान का सामना करना पडा था. पश्चात अगस्त माह के बाद लॉकडाउन के धीरे-धीरे शिथिल होने के बाद कोरोना का भय भी काफी हद तक कम हुआ एवं चिकन व अंडे की खरीददारी बढने के साथ ही दाम पहले की तरह स्थिर हो गये. वहीं अब बर्ड फ्ल्यू की चर्चा शुरू हो गयी. जिसकी वजह से एक बार फिर कुक्कुट पालकों के समक्ष गंभीर किस्म की समस्याएं उत्पन्न हो रही है. इस समय समूचे राज्य में बर्ड फ्ल्यू की वजह से मुर्गियों सहित अन्य कई पक्षियों के मारे जाने की खबरें प्राप्त हो रही है. साथ ही दो दिन पूर्व बडनेरा शहर में 60 मुर्गियों के मृत होने की खबर सामने आयी है. जिसकी वजह से विगत दो दिनों के दौरान ही अमरावती शहर में चिकन व अंडों की मांग में काफी कमी आयी है. ऐसे में मूर्गी व अंडा विक्रेता व्यवसायियोें को एक बार फिर मंदी का डर सता रहा है.

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