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1 मई से शुरू होगा समृध्दी महामार्ग

  • सीएम उध्दव ठाकरे का कथन

  • शिवणी-रसुलापुर परिसर पहुंचकर किया महामार्ग का मुआयना

  • पहले चरण में नागपुर से शिर्डी तक शुरू होगी आवाजाही

  •  अगले साल तक मुंबई तक यातायात होगा शुरू

अमरावती/प्रतिनिधि दि.५ – नागपुर से मुंबई के बीच तैयार किये जा रहे समृध्दी महामार्ग को आगामी छह माह में आम नागरिकों की आवाजाही के लिए खोल दिया जायेगा. साथ ही पहले चरण में 1 मई से नागपुर से शिर्डी के दरम्यान यातायात शुरू करने को अनुमति दी जायेगी. वहीं इसके बाद वर्ष 2022 के मई माह में इस महामार्ग से होते हुए मुंबई तक यातायात शुरू किया जायेगा. इस आशय का प्रतिपादन राज्य के मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे द्वारा किया गया.
सीएम उध्दव ठाकरे इस समृध्दी महामार्ग के काम का निरीक्षण करने हेतु शनिवार 5 दिसंबर को अमरावती जिले के नांदगांव खंडेश्वर तहसील अंतर्गत शिवणी-रसुलापुर गांव पहुंचे. जहां पर इस महामार्ग के चल रहे काम का निरीक्षण करते हुए उन्होंने उपरोक्त प्रतिपादन किया. साथ ही उन्होंने इस महामार्ग के काम को बेहतरीन बताते हुए कहा कि, यह राज्य सरकार के लिए बेहद महत्वाकांक्षी प्रकल्प है, और इस महामार्ग के पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाने के बाद नागपुर से मुंबई की 700 किलोमीटर की दूरी महज कुछ घंंटों में बडे सहज ढंग से पूरी की जा सकेगी.
बता दें कि, इस महामार्ग का निरीक्षण करने हेतु सीएम उध्दव ठाकरे गुरूवार की सुबह मुंबई स्थित मातोश्री बंगले से निकलकर विशेष विमान के जरिये नागपुर विमानतल पहुंचे. जहां से उनका विशेष हेलीकॉप्टर के जरिये नांदगांव खंडेश्वर तहसील के देउरवाडा में बनाये गये हेलीपैड पर आगमन हुआ. इस समय उनके साथ नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, जिला पालकमंत्री एड. यशोमति ठाकुर, वनमंत्री संजय राठोड, पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल व पूर्व विधायक प्रा. वीरेंद्र जगताप भी उपस्थित थे. यहां पर सर्वप्रथम प्रशासन की ओर से संभागीय राजस्व आयुक्त पीयूष सिंह व जिलाधीश शैलेश नवाल सहित कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने सीएम उध्दव ठाकरे की अगुवानी की. पश्चात सीएम उध्दव ठाकरे का काफीला सडक मार्ग के जरिये शिवनी-रसुलापुर परिसर पहुंचा और उन्होंने यहां पर चल रहे समृध्दी महामार्ग के काम का मुआयना किया. इस समय उन्होंने इस महामार्ग का निर्माण कर रहे महाराष्ट्र राज्य रास्ते विकास महामंडल के वरिष्ठ अधिकारियों से इस काम के संदर्भ में आवश्यक जानकारी लेते हुए उन्हें जरूरी दिशानिर्देश भी दिये. शिवनी-रसुलापुर गांव से होकर गुजर रहे समृध्दी महामार्ग के निर्माण कार्य का मुआयना करने के बाद सीएम उध्दव ठाकरे इस महामार्ग का हवाई सर्वे करते हुए औरंगाबाद हेतु रवाना हुए. जहां पर उनके द्वारा वैजापूर तहसील अंतर्गत गोलेवाडी गांव से होकर गुजरनेवाले समृध्दी महामार्ग का मुआयना किया गया.

महामार्ग की ‘समृध्दी’ ने पकडी रफ्तार

औसत 37 प्रतिशत काम हुआ पूरा
विदर्भ के विकास का मार्ग प्रशस्त करनेवाले समृध्दी महामार्ग का काम कोरोना संकटकाल के दौरान भी रूका नहीं. बल्कि इसे और अधिक गति के साथ करना शुरू किया गया. ऐसे में आगामी डेढ-दो वर्ष के भीतर इस महामार्ग का काम पूरा होकर इसे आम नागरिकों की आवाजाही हेतु खोल दिये जाने का विश्वास व्यक्त किया जा रहा है. फिलहाल इस प्रकल्प का औसत 37 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.
ज्ञात रहें कि, नागपुर-मुंबई के बीच दूरी कम करने के साथ ही यात्रा में लगनेवाले समय की अवधि को घटाने के उद्देश्य से 31 जुलाई 2015 को तत्कालीन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्ववाली भाजपानीत सरकार द्वारा विधानसभा में नागपुर-मुंबई समृध्दि महामार्ग के निर्माण की घोषणा करते हुए प्रत्यक्ष काम की शुरूआत की गई. जिसके बाद वर्ष 2019 में हुए सत्ता परिवर्तन के बाद अस्तित्व में आयी ठाकरे सरकार ने भी इस महत्वाकांक्षी प्रकल्प की ओर विशेष ध्यान दिया और इसका नामकरण हिंदूहृदय सम्राट बालासाहब ठाकरे महाराष्ट्र समृध्दी महामार्ग किया गया. फिलहाल इस प्रकल्प के आवश्यक 8861.02 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है. जिसके मुआवजे के तौर पर 7424.37 करोड रूपये का वितरण किया जा चुका है.
इस प्रकल्प के सभी पांच डीपीआर पैकेज को पर्यावरण विभाग तथा डीपीआर पैकेज क्रमांक 2 व 5 को वन्यजीव सुरक्षा विभाग से मान्यता मिल गयी है. इस पूरे महामार्ग का निर्माण सुलभ करने की दृष्टि से इसे 16 पैकेज में विभाजीत किया गया है. जिसमें से 7 पैकेज विदर्भ परिसर में स्थित है. सितंबर 2022 तक यह काम पूरा हो जायेगा. ऐसा विश्वास महाराष्ट्र राज्य रास्ते विकास महामंडल (एमएसआरडी) के व्यवस्थापकीय संचालक पलकुंडवार द्वारा व्यक्त किया गया है. इस महामार्ग हेतु 1 जुलाई 2017 को नागपुर जिले की हिंगणा तहसील में जमीन खरीदी की प्रक्रिया शुरू की गई थी. पश्चात वाशिम जिले के कारंजा लाड तहसील तक जमीन खरीदी की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए इस महामार्ग के काम को गतिमान किया गया. साथ ही इस महामार्ग के अगले पडाव पर पडनेवाले जिलों में भी जमीन खरीदी की प्रक्रिया निपटायी गयी. जिसके तहत अब तक इस प्रकल्प हेतु लगनेवाली जमीन में से 99 प्रतिशत से अधिक जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है. ऐसी जानकारी सूत्रों से मिली है.

नागपुर-मुंबई समृध्दी महामार्ग

– कुल लंबाई – 710 कि.मी.
– मात्र आठ घंटे में नापी जा सकेगी दूरी
– 150 कि.मी. प्रति घंटे की रफ्तार को अनुमति
– 10 जिलों की 26 तहसीलों से होकर गुजरेगा हाईवे
– 393 गांवों आपस में जुडेंगे
– 10 शहरों का होगा विकास
– 55,335.32 करोड रूपये है प्रकल्प की लागत

प्रकल्प की प्रगती

– 93.72 फीसद जमीन को काम योग्य बनाया गया.
– मिट्टी भराई – 65.28 फीसदी
– जीएसबी – 54.92 फीसदी
– डीएलसी – 47.87 फीसदी
– पीक्यूसी – 32.02 फीसदी

 समृध्दी महामार्ग के फायदे

– महाराष्ट्र व दिल्ली, मुंबई औैद्योगिक कॉरीडोअर तथा वेस्टर्न डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोअर से जोडेगा.
– एक्सप्रेस वे उसके फीडर नेटवर्क के जरिये लोणार, शिर्डी, एलोरा व अजंता जैसे विभिन्न पर्यटन स्थल जुडेंगे.
– इस महामार्ग के जरिये विदर्भ व मराठवाडा के विकसनशिल क्षेत्रों में आर्थिक क्रीयाकलापों को गति मिलेगी.
– प्रत्येक कृषि समृध्दी नगर से करीब दो करोड लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है.

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