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संत समाज ने किया राज्य सरकार का निषेध

 वारकरियोें की गिरफ्तारी पर जताया संताप

  •  विहिंप व बजरंग दल के अगुआई में आंदोलन

  • कलेक्टरेट पर हुआ शांतिपूर्ण प्रदर्शन

अमरावती/प्रतिनिधि दि.17 – पंढरपुर वारी की अनुमति को लेकर आवाज उठानेवाले राज्य के वरिष्ठ कीर्तनकार हभप बंड्यातात्या कराडकर को गिरफ्तार किये जाने तथा सभी नियमों का पालन करते हुए पंढरपुर वारी पर निकले वारकरियों की पुलिस द्वारा पारंपारिक पोशाख उतरवाने और भागवत धर्म पताका का अपमान किये जाने का निषेध करते हुए विश्व हिंदू परिषद प्रणित बजरंग दल की अगुआई में वारकरी संप्रदाय एवं संत समाज द्वारा राज्य सरकार का निषेध किया गया. साथ ही जिलाधीश कार्यालय के समक्ष शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के नाम जिलाधीश को एक ज्ञापन भी सौंपा गया.
आंदोलनकारियों का कहना रहा कि, राज्य के वरिष्ठ किर्तनकार बंड्या तात्या कराडकर को पुलिस दल द्वारा गिरफ्तार किये जाने और बीच रास्ते में वारकरियों की परंपरागत पोशाख उतरवाने के संदर्भ में की गई कार्रवाई को हिंदुत्व एवं महाराष्ट्र की संस्कृति का अपमान है. ऐसे में हिरासत में लिये गये सभी संतों व वारकरियों को तुरंत रिहा किये जाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे से वारकरी समाज की माफी मांगने और इस पूरे मामले की नैतिक जवाबदारी को स्वीकार करते हुए पंढरपुर में शासकीय पूजा हेतु नहीं आने की मांग भी की गई.
इस ज्ञापन में कहा गया है कि, महाराष्ट्र यह महान साधु-संतों की परंपरा रहनेवाली पुण्यभुमि है. इसी परंपरा के तहत वारकरी संप्रदाय और वारकरियों द्वारा प्रतिवर्ष की जानेवाली पंढरपुर वारी महाराष्ट्र की संस्कृति व उपासना पध्दति का अविभाज्य घटक है. सैंकडों वर्षों की यह परंपरा मुगलों व अंग्रेजोें के शासनकाल में भी कभी बाधित नहीं हुई, लेकिन महाराष्ट्र की महाविकास आघाडी सरकार ने इस मामले में मुगलों व अंग्रेजों को भी पीछे छोड दिया है और कोविड संक्रमण की वजह को आगे करते हुए धार्मिक परंपरा पर आघात करने का प्रयास किया जा रहा है.
इस संदर्भ में कहा गया कि, विगत वर्ष जुलाई माह के दौरान कोविड संक्रमण की रफ्तार लगातार बढ रही थी. जिसके चलते वारकरी समाज ने खुद पंढरपुर यात्रा व पैदल वारी को रद्द करने का निर्णय लिया था और सरकार के साथ पूरा सहयोग किया था. किंतु इस वर्ष अब कोविड संक्रमण की रफ्तार पूरी तरह से घट गई है और आम जनजीवन भी धीरे-धीरे पहले की तरह सामान्य होता दिखाई दे रहा है. जिसके लिए खुद राज्य सरकार द्वारा अनलॉक की प्रक्रिया को गतिमान करते हुए कई तरह की छूट दी गई है. किंतु वारकरियों सहित समूचे महाराष्ट्र के लिए श्रध्दा का विषय रहनेवाली पंढरपुर यात्रा और पैदल वारी पर तमाम तरह के प्रतिबंध कायम रखे गये है. यह सीधे-सीधे लोगों के धार्मिक मामले में सरकार का हस्तक्षेप है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि 750 वर्षों की परंपरा रहनेवाली पैदलवारी को अनुमति दी जाये. साथ ही राज्य की 10 मानांकित पालखियों के 500 वारकरियों को तथा अन्य सभी पालखियों के साथ 3 से 4 वारकरियों को पंढरपुर यात्रा करने की अनुमति दी जाये. चाहे तो इसमें कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके लोगों की आरटीपीसीआर टेस्ट करते हुए उन्हेें यात्रा की अनुमति दी जाये. इसके बावजूद यदि सरकार को पैदल वारी से संक्रमण का खतरा महसूस होता है, तो पंढरपुर की यात्रा पर निकले वारकरी रास्ते में पडनेवाले गांव व शहरों से बाहर ही रूकेंगे.
इस भजन-कीर्तन आंदोलन के तहत जिलाधीश कार्यालय परिसर में वारी की स्मृति के तौर पर पांडुरंग वृक्ष लगाया गया, ताकि अगली पीढी को यह याद दिलाया जा सके कि, महाविकास आघाडी सरकार द्वारा 500 वर्ष से अधिक पुरानी परंपरा को खंडित करने के साथ ही संत समाज एवं वारकरियों की धार्मिक भावनाओं का दमन किया गया था.
इस आंदोलन में विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक पपू पीठाधीश्वर जीतेंद्रनाथजी महाराज सहित विहिंप के विदर्भ प्रांत मंत्री गोविंद शेंडे, अ.भा. श्री गुरूदेव सेवा मंडल के महासचिव जनार्दनपंत बोथे गुरूजी, महाराष्ट्र वारकरी महामंडल के जिलाध्यक्ष हभप श्यामबाबा निचत व सदस्य हभप प्रभुजी महाराज मदनकर, विहिंप के विभाग संयोजक संतोष गहरवाल, जिला धर्माचार्य प्रमुख शालीकराम खेडकर महाराज, गुरूदेव सेवा मंडल (गुरूकूंज मोझरी) के ग्रामगीताचार्य हभप रायजीप्रभू शेलोटकर, जिलाध्यक्ष अनिल साहू, महानगर अध्यक्ष दिनेशसिंह, जिला मंत्री बंटी पारवानी, जिला सहमंत्री रूपेश राउत, जिला कोषाध्यक्ष शरद अग्रवाल, सामाजिक समरसता जिला प्रमुख प्रा. राजीव देशमुख, जिला मठमंदिर प्रमुख दीपक महाराज पाठक, महानगर मंत्री चेतन पाटणकर, मातृशक्ति विभाग प्रमुख शुभदा पोतदार, मातृशक्ति प्रमुख अर्चना देवडिया, बजरंग दल के जिला संयोजक विपीन गुप्ता, जिला उपाध्यक्ष संजय नागपुरे, महानगर संयोजक उमेश मोवले, पूज्य पंचायत रामपुरी कैम्प के अध्यक्ष डॉ. इंदरलाल गेमनानी सहित सर्वश्री निलेश महाराज, बबन महाराज राउत, श्रीरामबाबा कुचे, मोहन महाराज वानखडे, श्याम नारायण महाराज, बाबाराव चरडे, विजय वडनेरकर, योगेश मोरघडे, प्रमोद कमलखेडे, सत्यप्रकाश गुप्ता, प्रकाश लुंगीकर, शंतनु भंडारकर, लीना शर्मा, नंदीनी शर्मा, सुमित साहू, धर्मेंद्र गुप्ता, दुर्गेश ठाकुर, श्रीरंग वडनेरकर, गुरूदयालसिंह बावरी, सिध्दू सोलंकी, आकाश पाली, निखिल विश्वकर्मा, शरद मानके, शिवम भिंडा, करण सोलंकी, चंदन गायकवाड, हेमंत बेदरकर, अमोल मोखडकर, सूरज प्रधान, सुमीत विश्वकर्मा, आकाश गुप्ता, यशपाल सलुजा, सनी दुधवानी, गौरव दहेले, मयूर जयस्वाल, कैलाश परदेसी, निलेश कुशवाह, सत्यजीत राठोड, निर्मल बजाज, मनीष जाधव, विशाल कुलकर्णी, कैलाश दंदे, धनराज ठाकुर, राहुल पवार आशिष बोधानी, लक्ष्य दौलतानी आदि उपस्थित थे.

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