तीन काले कानून रद्द करने की मांग को लेकर सत्याग्रह आंदोलन
शहर व जिला ग्रामीण कांग्रेस का संयुक्त आयोजन
अमरावती प्रतिनिधि/दि.३१ – किसान अधिकार दिवस के उपलक्ष्य में शहर व जिला ग्रामीण कांग्रेस की ओर से शनिवार को केन्द्र सरकार के किसान व कामगार विरोधी अधिनियम के निषेध में इर्विन चौक में सत्याग्रह आंदोलन किया गया. इस समय किसान विरोधी तीनों कानून को रद्द करने की मांग की गई. सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती व स्व. इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में कांग्रेस पार्टी की ओर से आज हुतात्मा दिवस मनाया गया.
यहां बता दे कि केन्द्र की मोदी सरकार ने देश के किसानों पर भीख मांगने की नौबत लाकर खड़ी कर दी है. बड़े-बड़े व्यावसायियों को लाभ दिलाने के लिए यह काले अधिनियम लोकसभा में बहुमत के जोरो पर मंजूर करवाए है. इस काले कानून का कांग्रेस पार्टी निषेध जता रही है. जिला कांग्रेस कमिटी ग्रामीण के जिलाध्यक्ष बबलू देशमुख ने कहा कि जब तक किसान व कामगार विरोधी कानून वापस नहीं ले जाते तब तक कांगे्रस पार्टी आंदोलन करेगी. केन्द्र सरकार के काले अधिनियम का विरोध दर्शाने के लिए राज्यव्यापी महा वच्र्युअल रैली भी निकाली जायेगी.वहीं अगले सप्ताह में किसान व कांग्रेस कार्यकर्ता ट्रैक्टर रैली निकालकर तीव्र आंदोलन करेंगे. किसान अधिकार दिवस पर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष किशोर बोरकर ने कहा कि किसानो के खेत के लिए और उनको न्याय दिलाने के लिए ही यह आंदोलन किया गया है. किसानों को हर संभव न्याय दिलाने के लिए कांग्रेस पार्टी आंदोलन के जरिए निरंतर प्रयास करते रहेंगे. विधायक बलवंत वानखडे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का यह सत्याग्रह किसानों व कामगारो के लिए है. केन्द्र सरकार को जगाने के लिए यह किया जा रहा है. मौजूद सरकार ने विरोधी पार्टी के मतो का विचार न करते हुए केवल बहुमत के जोरों पर किसान व कामगार विरोधी विधेयक पारित किया है.
पूर्व विधायक वीरेन्द्र जगताप ने कहा कि भाजपा सरकार किसान व कामगार विरोधी है.केन्द्र सरकार ने यह तीनों काले कानून रद्द करने चाहिए अन्यथा कांग्रेस पार्टी सड़क पर उतरकर तीव्र आंदोलन करेगी. इस कानून के माध्यम से किसानों को बड़े उद्योगपतियों का गुलाम बनाने का षडयंत्र मोदी सरकार का है. केन्द्र सरकार का यह षडयंत्र खत्म करने के लिए कांग्रेस तीव्र आंदोलन करेगी. विधायक सुलभा खोडके ने कहा कि केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा लादे गये अन्यायकारक किसान अधिनियम को रद्द करने की मांग को लेकर कांग्रेस ने सत्याग्रह के माध्यम से जन आंदोलन शुरू किया है.
इस सत्याग्रह आंदोलन में जिला निरीक्षक अमोल देशमुख, बालासाहब हिंगणीकर, दयाराम काले, प्रदीप देशमुख, सुनील गावंडे, संजय लायदे, प्रकाश कालबांडे, अशोक जवंजाल, ज्ञानदेव बेले, डॉ. धनंजय देशमुख, गोपाल शिरभाते, राजा टवलारकर, रविन्द्र हरणे, संजय बेलोकार,प्रदीप देशमुख, अरविंद लंगोटे, प्रकाश पाथरे, अनिल देशमुख, विजय लिलहारे,आशिक अंसारी, मिर्जा बेग, बापुराव जवंजाल, हेमंत येवले,सुनील गावंडे, प्रदीप देशमुख, पंकज देशमुख, भैया मेटकर, बिट्टु मंगरूले, प्रमोद दालु, मिश्रीलाल झारखंडे, दिलीप कालबांडे,हरिदास नाथे, हरिभाऊ मोहोड, सुरेश आडे, मनोज रोंघे, राजेन्द्र काथरे,सतीश धोंडे, वीरेन्द्र जाधव, सिध्दार्थ बोबडे,बबलू बोबडे, विनायक गवई, विशाल भट्टड, समाधान दहातोंडे, नीरज कोकाटे, एड.सुभाष मनवर, शेख मुख्त्यार, महेन्द्र मालवीय, अरूण गणथडे, साहबराव भदे, दिलीप डाखोरे, परीक्षित जगताप, निलेश डांगे, हसन खां पठान आदि मौजूद थे.