अमरावती जिले का सपूत कैलास दहिकर सीमा पर शहीद
मूलत: धामणगांव गढी के पिंपलखुटा का है निवासी
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हिमाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा पर हुई शहादत
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बलून कैम्प में हिटर की वजह से आग लगने के चलते मौत
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२४ – मूलत: अमरावती जिले के अचलपुर तहसील अंतर्गत पिंपलखुटा (धामणगांव गढी) गांव निवासी कैलास घनसा दहीकर भारतीय सेना में बतौर सैनिक कार्यरत थे और इस समय हिमाचल प्रदेश के कुल्लु-मनाली के निकट भारत-चीन सीमा पर तैनात थे. जहां पर बीती रात हुए एक हादसे में उनकी कर्तव्य पर तैनात रहने के दौरान मौत हो गयी. शहीद जवान कैलास दहीकर का शव कुल्लु-मनाली से चंदीगढ व नागपुर होते हुए अमरावती जिला स्थित उनके पैतृक गांव पिंपलखुटा लाने में करीब तीन दिन का समय लग सकता है. जिसके बाद शनिवार या रविवार को उनके पार्थिव पर उनके पैतृक गांव में पुरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा.
इस संदर्भ में अधिकारिक सुत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कुल्लु-मनाली के निकट भारतीय सीमा पर इस समय शून्य से भी कम तापमान चल रहा है. जहां पर मूलत: अमरावती जिले से वास्ता रखनेवाले भारतीय सेना के जवान कैलास दहीकर पुरी मुस्तैदी के साथ अपने कर्तव्य पर तैनात थे. चूंकि इस समय इस बॉर्डर पोस्ट पर तापमान काफी कम है. ऐसे में यहां पर ड्यूटी पूरी होने के बाद जवानोें को सोने के लिए एक गुब्बारेनुमा टेन्ट दिया जाता है. जो चारों ओर से पूरी तरह बंद रहता है. साथ ही तंबू के भीतर वातावरण गर्म रखने के लिए स्टोवनूमा हिटर जलाया जाता है. जानकारी के मुताबिक बीती रात अपनी खडी ड्यूटी पूरी करने के बाद सैनिक कैलास दहीकर रात्री विश्राम के लिए अपने टेन्ट में चले गये और हिटर जलाकर सो गये. गुरूवार के तडके शायद उनके पांव का धक्का उस स्टोवनुमा हिटर को लगा और हिटर अपने स्थान से नीचे गिर पडा. जिसकी वजह से उसमें जोरदार विस्फोट हुआ और टेन्ट में आग लग गयी. इस घटना में बुरी तरह से जलने और झूलस जाने की वजह से कैलास दहीकर की मौत हो गयी. यह जानकारी तुरंत ही बॉर्डर पोस्ट द्वारा सेना मुख्यालय को दी गई. जहां से अमरावती जिला प्रशासन व जिला सैनिक कल्याण अधिकारी कार्यालय को सूचित करते हुए यह जानकारी पिंपलखुटा गांव में रहनेवाले दहीकर परिवार तक पहुंचायी गयी.
इस घटना की पुष्टि करते हुए जिला सैनिक कल्याण अधिकारी लेफ्ट. रत्नाकर चरडे तथा परतवाडा के तहसीलदार मदन जाधव ने बताया कि, उन्हें इस संदर्भ में सेना विभाग व जिला प्रशासन की ओर से जानकारी मिल चुकी है. जिसके तहत बताया गया है कि, इस समय कुल्लु-मनाली में मौसम काफी प्रतिकुल है. ऐसे में दिवंगत सैनिक कैलाश दहीकर के शव को वहां से अमरावती लाने में करीब तीन दिन का समय लग सकता है और संभवत: आगामी शनिवार या रविवार को शव को यहां लाये जाने के बाद उस पर पुरे सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कराया जायेगा.
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शोक और सदमे में है दहीकर परिवार
जानकारी मिली है कि, कुल्लु-मनाली बॉर्डर पर इस हादसे का शिकार होनेवाले कैलास दहीकर का पांच वर्ष पुर्व ही विवाह हुआ था, और एक वर्ष पुर्व ही उन्हें कन्यारत्न की प्राप्ती हुई थी. उनके परिवार में पत्नी व बेटी के अलावा माता-पिता व भाई-बहन भी है. जो इस खबर के मिलने के बाद शोक और सदमे में है.
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मेलघाट के विधायक राजकुमार पटेल ने दी सांत्वना
इस खबर की जानकारी मिलते ही मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र के विधायक राजकुमार पटेल तुरंत ही धामणगांव गढी परिसर के पिंपलखुटा गांव पहुंचे. जहां पर उन्होंने शोक विव्हल दहीकर परिवार को सांत्वना दी. साथ ही कहा कि, सभी मेलघाटवासी इस कठीण समय में दहीकर परिवार के दु:ख में शामिल है और दहीकर परिवार को सरकार की ओर से तमाम आवश्यक सहायता व सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी.