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रेट कॉन्ट्रैक्ट की आड लेकर क्रीडा विभाग में करोडों का घोटाला

क्रीडा साहित्य विक्रेताओं ने पत्रवार्ता में लगाया आरोप

अमरावती/दि.12 – महाराष्ट्र मेें क्रीडांगण विकास योजनांतर्गत क्रीडा सहित्य, आउटडोर जिम व इनडोर जिम के साहित्य की खरीदी हेतु क्रीडा व युवक सेवा संचालनालय द्वारा पहली बार रेट कॉन्ट्रैक्ट पद्धति को अमल में लाया गया तथा दो वर्ष पहले पूरे राज्य में क्रीडा साहित्य की आपूर्ति का ठेका पुणे के सुमित स्पोर्ट्स प्रा. लि. को सौंपा गया था. परंतु इस रेट कॉन्ट्रैक्ट के तहत साहित्यों की कीमतें अनाप शनाप लगाते हुए बडे पैमाने पर आर्थिक गडबडी की गई और करोडों रुपयों का घोटाला गया गया. इस आशय का आरोप स्थानीय क्रीडा साहित्य विक्रेताओं द्वारा यहां बुलाई गई पत्रवार्ता में लगाया गया.
वॉलकट कम्पाउंड परिसर स्थित जिला मराठी पत्रकार भवन में बुलाई गई पत्रवार्ता में क्रीडा सहित्यों द्वारा कहा गया कि, जिले की कई जिप शालाओं में 2 वर्ष पूर्व आपूर्ति किया गया क्रीडा साहित्य जस का तस पडा हुआ है. क्योंकि खिलाडी विद्यार्थियों की आयु का विचार किये बिना क्रीडा साहित्य की आपूर्ति की गई. चूंकि जिले की विविध क्रीडा संस्थाओं व लाभार्थियों को यह साहित्य सरकार द्वारा विविध योजनाओं के तहत नि:शुल्क मिलता है. जिसकी वजह से लाभार्थियों द्वारा भी इसे लेकर कुछ भी नहीं कहा जाता. जबकि हकीकत में साहित्य का प्रात्याक्षिक दिखाने के बाद ही लाभार्थी संस्था को आवश्यक साहित्य लेने की स्वतंत्रता मिलनी चाहिए. पत्रवार्ता मेें यह आरोप भी लगाया गया कि, सरकार द्वारा तय किये गये रेट कॉन्ट्रैक्ट दर व प्रत्यक्ष बाजार में उपलब्ध साहित्य के दर में काफी अधिक फर्क पाया गया है. साथ ही सरकार द्वारा तय की गई आरसी दरों में उत्पादक के नाम का उल्लेख ही नहीं किया गया है. जिसके चलते बाजार में सस्ती दरों पर मिलने वाले साहित्यों को संबंधित ठेकेदार द्वारा सरकार द्वारा तय की गई रेट कॉन्ट्रैक्ट की उंची दरों पर सरकार को आपूर्ति की जा रही है. जिसकी आड लेकर अब तक करोडों रुपयों का घोटाला हो चुका है.
इस पत्रवार्ता में क्रीडा साहित्य विक्रेता प्रदीप कासट सहित याज्ञनिक बोकाडे (वर्धा), शुभम कापसे (जालना), अमित पोदार (मेरठ), दिपेश धनवाणी व नरेश गगवानी (नागपुर) उपस्थित थे.

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