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10 लाख विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति बंद

केंद्र की है योजना

* राज्य ने झटके हाथ
* आरटीई से मुफ्त मिल रही शिक्षा
यवतमाल/दि.28- अल्पसंख्यक समाज के पहली से दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को दी जाती प्री मेट्रिक स्कॉलरशिप अचानक बंद करने का अध्यादेश जारी होने से 10 लाख विद्यार्थियों में खलबली मची है. इस बीच राज्य के शिक्षा संचालक ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ दिया कि योजना केंद्र की है. उसी प्रकार शिक्षा का अधिकार अर्थात आरटीइ के जरिए निःशुल्क शिक्षा मिल रही है. उधर, विद्यार्थियों की तरफ से सवाल उठाया गया कि स्कॉलरशिप बंद करना था तो आवेदन मंगाये ही क्योें? विद्यार्थियों में रोष होने की भी जानकारी है.
* पहले मंगाई अर्जी
प्री मेट्रिक स्कॉलरशिप हेतु बार-बार आवाहन कर विद्यार्थियों से अर्जियां मांगी गई. बड़ी संख्या में आवेदन आये. योजना अंतर्गत प्रति वर्ष 1 हजार रुपए छात्रवृत्ति दी जाती. पहले आवेदन की अंतिम तिथि 31 अक्तूबर थी, उसे 5 नवंबर तक बढ़ाया गया था. अब शालेय स्तर पर प्रमाण होने के बाद नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर आवेदन रद्द करने का परिपत्रक जारी किया गया है.
* मुस्लिम, जैन, सिख को झटका
अल्पसंख्यक वर्गवारी में मुस्लिम, जैन, सिख, पारसी, बौद्ध, इसाई समाज के 2.85 लाख विद्यार्थियों का कोटा महाराष्ट्र हेतु तय किया गया था. किन्तु 3.82 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे. पिछले वर्ष 7.84 लाख विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति मंजूर हुई थी. जिससे इस बार विद्यार्थियोें की संख्या 10 लाख के करीब हो जाती, मगर सरकार ने अचानक योजना बंद कर दी. इस बारे में अध्यादेश जारी होने का समाचार है. उपरोक्त समाज के लोगों को झटका बताया जा रहा.

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