शाला व पालक समिती ले स्कूले खोलने का निर्णय
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जिलाधीश शैलेश नवाल ने दी पत्रवार्ता में जानकारी
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23 के बाद तैयारियां पूरी करते हुए अपने हिसाब से शुरू कर सकते है काम
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विद्यार्थियों की सुरक्षा को पहली प्राथमिकता देना जरूरी
अमरावती/प्रतिनिधि दि.21 – राज्य सरकार द्वारा सोमवार 23 नवंर से स्कूलों व कनिष्ठ महाविद्यालयों को खोलते हुए कक्षा 9 वीं से 12 वीं की कक्षाओं में सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन कर पढाई-लिखाई का काम शुरू करने की अनुमति दी गई है. जिसके लिए प्रशासन की ओर से तमाम तैयारियां पूरी कर ली गयी है. साथ ही सभी शालाओं एवं वहां पढनेवाले बच्चों की पालक समिती को यह अधिकार दिया गया है कि, वे इस बारे में आवश्यक चर्चा करते हुए शालाओं को खोलने के संदर्भ में निर्णय ले तथा सैनिटाईजेशन एवं सोशल डिस्टंसिंग के संदर्भ में तमाम आवश्यक तैयारियों को पूरा करते हुए 30 नवंबर के बाद अगले कुछ दिनों में 9 वीं से 12 वीं की कक्षाओं में पढाई-लिखाई का काम शुरू किया जाये.
शनिवार की दोपहर अपने कक्ष में स्थानीय मीडिया के साथ ही जिले में सोमवार से शालाएं शुरू करने के संदर्भ में पत्रवार्ता के तहत जानकारी साझा करते हुए जिलाधीश शैलेश नवाल ने कहा कि, जारी शैक्षणिक सत्र में कोरोना संक्रमण के चलते सभी शालाएं व महाविद्यालय पूरी तरह से बंद है. पश्चात अक्तूबर व नवंबर माह के दौरान कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रित होती देखते हुए राज्य सरकार ने 23 नवंबर से शालाओं व महाविद्यालयों में कोरोना प्रतिबंधात्मक उपायों का पालन करते हुए 9 वीं से 12 वीं की कक्षाएं शुरू करने के बारे में निर्णय लिया एवं शालेय शिक्षा विभाग ने सभी शिक्षाधिकारियों, मुख्याध्यापकों व शिक्षकों के लिए आवश्यक दिशानिर्देश भी जारी किये. जिसके मद्देनजर जिला प्रशासन द्वारा तमाम बातों को लेकर अंतिम तैयारियां करनी शुरू की गई. किंतु इसी बीच कोरोना संक्रमण की रफ्तार एक बार फिर तेज हो गयी है. ऐसे में सरकार ने कुछ अतिरिक्त ऐहतियाती कदम उठाते हुए और अधिक जरूरी दिशानिर्देश जारी किये है.जिसके तहत कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए शालाओें में सैनिटाईजेशन व सोशल डिस्टंसिंग के संदर्भ में तमाम इंतजाम चाकचौबंद व चुस्त-दुरूस्त करने हेतु कहा गया है. साथ ही शाला व्यवस्थापन व पालक समिती को इस संदर्भ में अंतिम निर्णय लेने के अधिकार दिये गये है. इसके तहत अब उन्हें यह तय करना है कि, उनकी शालाएं कब से खुलेगी. साथ ही कक्षाओें का नियोजन किस तरह से होगा. इस समय जिलाधीश नवाल ने सभी शालाओं से आवाहन किया कि, वे अलग-अलग विषयों व कक्षाओं के लिए अलग-अलग दिन नियोजन करें. इसके अलावा ऑनलाईन कक्षाओं पर विशेष जोर दिया जाये एवं बाकी विषयों की ऑफलाईन पढाई करवायी जाये.
इस समय देश के कुछ शहरों व राज्यों का उदाहरण देते हुए जिलाधीश शैलेश नवाल ने कहा कि, आनेवाले वक्त में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के आने का खतरा दिखाई दे रहा है. लेकिन यदि सभी लोग अभी से सजग व सचेत रहते है, तो इस खतरे को टाला जा सकता है. इस खतरे के मद्देनजर प्रशासन द्वारा अपनी ओर से तमाम तैयारियां की जा रही है और अब दुबारा टेस्टिंग की संख्या को बढा दिया गया है. इसके साथ ही बिना मास्क लगाये बाहर घुमनेवाले लोगों के खिलाफ कडी व दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि, स्वास्थ्य संगठनों के मुताबिक ठंड के मौसम में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने का खतरा वैसे भी अधिक रहेगा. साथ ही इन दिनों हर ओर जिस तरह का भीडभाडवाला माहौल है और लोगबाग बिना मास्क पहने घुम रहे है, उसे देखते हुए कोरोना संक्रमण की रफ्तार और अधिक तेज होने की पूरी संभावना है. ऐसे में लोगों को ठंड के साथ-साथ कोरोना से बचाव के लिए भी तमाम जरूरी ऐहतियात बरतने होंगे.