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40 हजार के करीब हुई बकरों की बिक्री
अमरावती/प्रतिनिधि दि.८ – सावन में संपूर्ण महीनेभर मांसाहार न करने वाले विदर्भवासियों ने पोले की कर के दिन करीबन 10 करोड़ रुपए का मटन फस्त किये जाने का अनुमान है. करीबन 40 हजार बकरों की बिक्री होने के साथ ही इस बार पाडवा (कर) विक्रेताओं के लिए आनंददायी रहा.
गत कुछ महीनों से कोरोना के कारण सर्वत्र चिंतामय दहशत का वातावरण है. इस पर अंडे खाने से, मांसाहार करने से कोरोना संसर्ग होने की अफवाह फैलायी गई. पश्चात सरकार को मांसाहार से कोरोना संक्रमण न होने की जनजागृति करनी पड़ी. कई सेलिब्रिटी ने भी इसमें समर्थन दिया. ऐसे वातावरण में शुरु की गई मांस बिक्री से पोले की कर के मुहूर्त पर मांस की काफी बिक्री हुई है. सावन महीने के कारण अनेकों ने महीनेभर बाद मांसाहार किया था. पोले के बाद आगामी गणेशोत्सव, पितृ पक्ष, अधिक मास आदि त्यौहारों को देखते हुए अनेकों ने पोले की कर के दिन जबर्दस्त मांसहार किया. गत कुछ वर्षों से मटन को काफी पसंद किया जा रहा है. चिकन की तुलना में मटन खाने वालों की संख्या बढ़ने लगी है. जिसका अनुमान सही मायने में पोले की कर के दिन लगाया गया. इस बार मटन की कीमत 650 रुपए प्रति किलो रही. मंगलवार की तरह ही बुधवार को भी मटन बिक्री बढ़ने की संभावना है.
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एपीएमसी में विक्रमी बिक्री
मंगलवार को कर व उसके बाद बुधवार ऐसे दो दिन मांसाहार करने के लिए अनुकूल रहने से बकरों की बिक्री बढ़ते हुए देखी गई. मंगलवार के दिन कर को ध्यान में रखते हुए नागपुर के सोमवारी मार्केट यार्ड से 2 करोड़ 50 लाख रुपए कीमत के बकरों की बिक्री हुई है. एपीएमसी को प्रत्येक व्यवहार के लिए 100 रुपए के पीछे 1 रुपए मिलते हैं. जिसके अनुसार 2 लाख 50 हजार रुपए एपीएमसी को मिले हैं. गत कुछ वर्षों बाद बड़े पैमाने पर बकरों की बिक्री होने का अनुमान लगाया गया है.