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मुर्तिकारों को सरकारी ‘गाईड लाइन’ का इंतजार

मुंबई के आदेशों पर निर्भर रहेगी गणेश मुर्तियों की उंचाई

  • फिलहाल छोटे आकार की अधिकाधिक मुर्तियां बनाने में लगे है मुर्तिकार

अमरावती/प्रतिनिधि दि.24 – पिछले वर्ष की तरह इस बार भी दस दिवसीय गणेशोत्सव पर कोरोना संक्रमण का प्रभाव रहेगा या नहीं, कोरोना विषाणु के प्रभाव के चलते इस बार गणेश मुर्तियों की उंचाई कितनी रहेगी यह अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है, इसी कारण सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाने के लिए सरकारी आदेशों का फिलहाल शहर के सभी मुर्तिकार और गणेश मंडलों के कार्यकर्ता इंतजार कर रहे है. पिछले वर्ष सरकार ने 4 फीट से ज्यादा गणेश प्रतिमाएं स्थापित न करने के आदेश सार्वजनिक गणेश मंडलों को दिये थे, लेकिन इस बार अभी तक इस तरह की कोई भी घोषणा सरकार की ओर से नहीं की थी. इस कारण अधिकतर मुर्तिकार फिलहाल घर-घर में स्थापित होने वाले गणेशजी की छोटी प्रतिमाएं ज्यादा से ज्यादा संख्या में बनाने को महत्व दे रहे है. वहीं कुछ मुर्तिकारों ने हर वर्ष उनके पास गणेश मुर्तियां बनाने वाले सार्वजनिक मंडलों से संपर्क कर उनकी सलाह पर 4 फीट की मुर्तियां बनाना शुरु कर दिया है.
अमरावती शहर हर वर्ष लगभग 600 से ज्यादा की संख्या में सार्वजनिक मंडलों में गणेशोत्सव मनाया जाता है. शहर में गणेशोत्सव मनाने की पुरानी परंपरा आज भी परकोटे के भीतर के निलकंठ गणेश मंडल, आझाद गणेश मंडल और अनंत गणेशोत्सव मंडल के साथ ही तारखेडा स्थित गणेश मंदिर और श्रीकृष्ण पेठ गणेश मंडल, खापर्डे बगीचा स्थित आझाद गणेश मंडल, रामपुरी कैम्प, पंचवटी, अंबापेठ, रवि नगर, मोती नगर आदि परिसर में बढती जनसंख्या के अनुसार सार्वजनिक रुप से गणेशोत्सव मनाने की परंपरा बढती गई. निलकंठ गणेश मंडल यह बरसों से सिंहासन आरुढ गणेश प्रतिमा स्थापित करता है और उसकी उंचाई पहले से ही 4 से 5 फीट के भीतर रहती है. वहीं आझाद गणेश मंडल में पौराणिक पध्दत के अनुसार गणेश मुर्तियां स्थापित होती है. इसकी उंचाई भी लगभग 5 से 6 फीट के करीब रहती है. अनंत गणेशोत्सव मंडल यह हर वर्ष अष्टविनायक में से एक गणेश मुर्ति स्थापित करता है. जिसकी उंचाई भी 5 फीट के करीब ही रहती है. इसके अलावा खापर्डे बगीचा स्थित न्यू आझाद मंडल यह पिछले कुछ वर्षों से विदर्भ के राजा की भव्य व आकर्षक प्रतिमा स्थापित करता था, लेकिन पिछले वर्ष कोरोना महामारी के चलते गणेशोत्सव पर लगाई गई पाबंदियों के चलते न्यू आझाद मंडल ने भी सामान्य रुप से गणेशोत्सव मनाया. शहर में ऐसे अनेकों गणेश मंडल है. जहां इससे पहले 8 से 10 फीट उंची गणेश मुर्तियां स्थापित होती थी. जिन्होंने पिछले वर्ष छोटी मुर्तियां स्थापित कर गणेशोत्सव मनाया था.
इस वर्ष अभी तक राज्य सरकार की ओर से गणेशोत्सव मनाने कोई गाईड लाइन घोषित नहीं की गइ है. आमतौर पर मुंबई के लिए जो गाईड लाइन स्थापित होती है वहीं राज्य के सभी सार्वजनिक मंडलों के लिए कायम रहती है. इस कारण मुंबई के लिए सरकार की ओर से कोैनसी गाईड लाइन घोषित होती है, इसपर सभी की नजरे लगी है. इसकारण फिलहाल अधिकतर मुर्तिकार घर घर में स्थापित होने वाली छोटी मुर्तियां अधिकाधिक संख्या में बनाने को महत्व दे रहे है. मुर्तिकारों का कहना है कि गणेशोत्सव 10 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है. अभी और दो सव्वादो महिने का समय उनके पास है. जब तक सरकार की ओर से गणेश मुर्तियों की उंचाई की गाईड लाइन घोषित नहीं होती तब तक वे छोटे आकार की अधिकाधिक मुर्तियां बनाने में अपना समय बीता रहे है. आने वाले 20 दिनों में भी सरकार ने गाईड लाइन घोषित की तो भी उतने समय में वे ऑर्डर के अनुसार शासन घोषित मुर्तियों की उंचाई योग्य मुर्तियां बना पायेंगे.

  • अगस्त में तीसरी लहर की संभावना ने बढाई धडकने

वर्तमान स्थिति में कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी धिमी हो गई है, शहर की बाजारपेठ सुबह से लेकर तो शाम 7 बजे तक शुरु है. इसी कारण मुर्तिकारों को लग रहा था कि इस वर्ष का गणेशोत्सव पूर्व की तरह मनाने के आदेश मिल जाएंगे, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि अगस्त महिने में कोरोना की तीसरी लहर आने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. हालांकि फिलहाल इस संभावित तीसरी लहर को लेकर अलग अलग स्वास्थ्य विशेषज्ञों की अलग अलग राय है, लेकिन कोरोना की यह संभावित तीसरी लहर ही सिरदर्द बनती जा रही है. संभावना है कि इसी कारण अभी तक मंत्रालय स्तर से गणेशोत्सव को लेकर कोई गाईड लाइन घोषित नहीं की गई.

फिलहाल सरकार ने गणेश मुर्तियों के उंचाईयों की गाईड लाइन घोषित नहीं की है. पिछले वर्ष 4 फीट की मुर्ति की उंचाई की शर्त सार्वजनिक मंडलों पर रखी गई थी. मेरे पास हर वर्ष ही निलकंठ मंडल, आझाद मंडल, अनंत मंडल जैसे पुराने गणेश मंडलों की ऑर्डर हर वर्ष ही रहती है. लगभग 8 से 10 सार्वजनिक मंडलों की मुर्ति के अलावा मैं अधिकतर घर घर में स्थापित होने वाली गणेश मुर्तियां बनाने पर लक्ष्य केंद्रीत करता हूं. इस कारण अभी तक गणेश मुर्तियों के उंचाई बाबत सरकार ने कोई आदेश नहीं दिया, लेकिन इसका उनके व्यवसाय पर कोई असर नहीं है.
गजानन सोनसले
मुर्तिकार, अमरावती

मुंबई में स्थापित होने वाली गणेश मुर्ति की उंचाई पहले 10 से 15 फीट की रहती थी. पिछले वर्ष कोरोना के चलते मुंबई में स्थापित होने वाले गणेश मुर्तियों की उंचाई 4 फीट तक सीमित की गई थी. वहीं नियम पूरे राज्य में लागू किया गया था. इस कारण अभी तक सरकार की ओर से कोई गाईड लाइन घोषित न हो जाने के कारण हमने कुछ मुर्तियां 4 फीट की और अधिकतर मुर्तियां घर घर में स्थापित होने वाली गणेशजी की बनाई है. आने वाले दिनों में सरकार ने घोषणा करने के बाद मुर्ति की जो लिमिट होगी, उस आकार में ऑर्डर के अनुसार मुर्तियां बनाने में कोई कठिनाई नहीं जाएगी.
दिपक विंचुरकर
मुर्तिकार, अमरावती

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