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एसडीओ नीलेश अपार फंसे एसीबी के जाल में

40 लाख रुपयों की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकडे गए

* अकोला में तो बच गए थे, दिंडोरी में पहला ही हाथ पडा भारी
अकोला/दि.29 – हाल ही में अकोला से तबादले पर नाशिक जिले के डिंदोरी में भेजे गए उपविभागीय अधिकारी डॉ. नीलेश अपार को 40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया. अकोला में उपविभागीय अधिकारी के तौर पर डॉ. नीलेश अपार की रहने वाली ‘अपार महिमा’ से सभी परिचित थे. लेकिन इसके बावजूद वे दो-तीन बार अकोला में एसीबी के हत्थे चढने से बाल-बाल बच गए. परंतु दिंडोरी जाने के बाद पहले ही सौदे में अटक गए और भ्रष्टाचार प्रतिबंधक विभाग ने उन्हें रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड लिया. जिसके बाद एसडीओ अपार के खिलाफ दिंडोरी पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज की गई.
मिली जानकारी के मुताबिक दिंडोरी तहसील के लखमापुर में एक कंपनी मालिक से जगह स्थायी करने की एवज में एसडीओ अपार ने 40 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. जिसकी शिकायत संबंधित व्यक्ति ने एसीबी से की थी और एसीबी ने मामले की जांच पडताल करने के बाद अपना जाल बिछाया और इस जाल में एसडीओ अपार 40 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ फंस गया.

* रिश्वत लेने में राजस्व विभाग सबसे अव्वल
बता दें कि, महाराष्ट्र में प्रशासकीय अधिकारियों द्बारा रिश्वत लेने का प्रमाण काफी अधिक बढ गया है और कई घुसखोर अधिकारी एसीबी के जाल में आए दिन फंसते रहते है. लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारियों की भ्रष्ट प्रवृत्ति खत्म होने का नाम ही नहीं लेती और एसीबी द्बारा की जाने वाली कार्रवाईयों से ऐसे अधिकारियों को कोई सबक लेने को भी तैयार नहीं. इसमें भी विशेष उल्लेखनीय है कि, राज्य के अन्य सरकारी महकमों की तुलना में राजस्व विभाग भ्रष्टाचार संबंधी मामलों में सबसे अव्वल है.

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