डेंग्यू, चिकन गुनिया व मलेरिया सहित मौसमी बुखार से तपा जिला
मौसम में बदलाव के चलते गत वर्ष की तुलना में इस बार बढे मामले
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सरकारी सहित सभी निजी अस्पताल बीमारों से हुए हाउसफुल
अमरावती/प्रतिनिधि दि.२५ – इस समय पूरा जिला डेंग्यू, चिकन गुनिया व मलेरिया सहित अन्य संक्रामक बीमारियों के मकडजाल में फंसा दिखाई दे रहा है और मौसम में लगातार होनेवाले बदलाव की वजह से गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष संक्रामक बीमारियों का प्रकोप कुछ अधिक दिखाई दे रहा है. जिसकी वजह से मरीजों की संख्या लगातार बढती जा रही है. इससे जहां एक ओर स्वास्थ्य व्यवस्था पर बोझ बढ रहा है, वहीं स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के जरिये किये जानेवाले उपाय कम पड रहे है.
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार फिलहाल जिले में डेंग्यू के 312, चिकनगुनिया के 41 तथा मलेरिया के 17 मरीज है. साथ ही विगत दो माह में इलाज के दौरान 11 मरीजों की मौत हुई है. जिनमें 6 डेंग्यू संक्रमितों का भी समावेश है. यह गत वर्ष की तुलना में काफी अधिक संख्या है. बारिश के मौसम की शुरूआत में लंबे समय तक वातावरण खुला रहने और बाद में जोरदार बारिश होने की वजह से डेंग्यू के मच्छरों की पैदावार बडे पैमाने पर हुई, ऐसा स्वास्थ्य महकमे का मानना है. वहीं दूसरी ओर विगत लंबे समय से स्वास्थ्य महकमे का पूरा फोकस कोविड प्रतिबंधात्मक उपाय योजनाओं की ओर है. ऐसे में अन्य संक्रामक महामारियों के चपेट में आनेवाले मरीजोें की ओर अनदेखी हो रही है. इसी के परिणाम स्वरूप विगत दो माह के दौरान संक्रामक बीमारियों की चपेट में आकर 11 लोगों की मौत हो गई. वहीं दूसरी ओर संक्रामक बीमारियों का प्रभाव लगातार बढने के बावजूद स्वास्थ्य महकमा इसके खिलाफ प्रभावी कदम उठाने में नाकाम रहा.
बता दें कि, संक्रामक बीमारियों की चपेट में आये जिले के कुल 312 मरीजों में से 118 मरीज मनपा क्षेत्र से है. वहीं अन्य मरीज ग्रामीण क्षेत्र से वास्ता रखते है. मनपा क्षेत्र में कम मनुष्यबल व आधी-अधूरी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के चलते प्रति वर्ष संक्रामक बीमारियों का फैलाव होता है. साथ ही रोग प्रतिबंधात्मक उपाय योजना करने को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग काफी हद तक उदासीन है. जिसकी वजह से शहर में इस समय डेंग्यू सहित चिकन गुनिया व मलेरिया की बीमारी बडे पैमाने पर फैल रही है. किंतु मनपा के पास सर्वसुविधायुक्त सुसज्जित दवाखाने नहीं है. ऐसे में नागरिकों को सरकारी व निजी अस्पतालों में भरती होते हुए अपना इलाज करवाना पड रहा है.
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प्रशासन की अक्षम्य अनदेखी
– इन संक्रामक बीमारियों से बचाव करने हेतु किसी भी तरह की जनजागृति नहीं की जाती है.
– कही पर भी फलक नहीं लगाये गये और पॉम्प्लेट नहीं बांटे गये.
– अब तक घर-घर जाकर भेंट देने और स्वास्थ्य सर्वे करने का अभियान भी शुरू नहीं किया गया है.
– मच्छरों का प्रादुर्भाव होने पर किससे संपर्क किया जाये, इसकी कोई जानकारी नहीं है.
– यदि किसी जागरूक नागरिक द्वारा प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया जाता है, तो उसके घर के आसपास अथवा मोहल्ले में फवारणी-धुवारणी करवा दी जाती है.
– शहर की पिछडी बस्तियों में डेंग्यू सहित संक्रामक बीमारियों का असर सबसे अधिक है. किंतु उन क्षेत्रों में कोई विशेष मुहिम नहीं चलायी जाती.
– दो माह से वेतन नहीं मिलने की वजह से सफाई कामगार मनपा के साथ सहयोग नहीं कर रहे. यह भी बढती असुविधा की मुख्य वजह है.
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फवारणी-धुवारणी है बंद
डेंग्यू की सबसे भयावह स्थिति इस समय अमरावती शहर में है. शहर के अधिकांश निजी व सरकारी अस्पताल मरीजों से हाउसफुल हो गये है. वहीं दूसरी ओर विगत दो माह से सफाई कामगारों का वेतन नहीं होने के चलते फवारणी व धुवारणी के काम बंद है.
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ग्रामीण क्षेत्र में ध्यान केंद्रीत रहने का दावा
वहीं जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. शरद जोगी ने कहा कि, इन दिनों डेंग्यू व चिकन गुनिया सहित अन्य संक्रामक बीमारियां बडे पैमाने पर ग्रामीण क्षेत्रों में भी फैल रही है. ऐसे में जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेमीफॉस दवाई का प्रयोग करते हुए फवारणी व धुवारणी जैसे उपायों पर काम किया जा रहा है.
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ऐसी है जिले में मरीजों की संख्या
डेंग्यू – 312
चिकन गुनिया – 41
मलेरिया – 17
कुल – 370
– इसमें से विगत दो माह के दौरान 11 लोगों की मौत हो चुकी है.