* वैनगंगा- नलगंगा नदी जोडों परियोजना
* 426 किमी लंबी
* पश्चिम विदर्भ के 4 जिलों को लाभ
नागपुर/ दि. 28- वैनगंगा-नलगंगा नदी जोडों परियोजना से पश्चिम विदर्भ के चारों जिलों अमरावती,अकोला, बुलढाणा, वाशिम के किसानों को खूब लाभ होगा. स्वयं उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने इस परियोजना को विदर्भ के लिए वरदान कहा है. फडणवीस ने बताया कि योजना साकार होने पर विदर्भ के असिंचित क्षेत्र की 8 लाख 72 हजार हेक्टेयर खेती सिंचित हो जाएगी. इसे साकार करने 83647 करोड रूपए की लागत अपेक्षित है. फडणवीस ने यह जानकारी मंगलवार को राज्य विधानसभा में दी. गोसीखुर्द का पानी पहुंचेगा पश्चिम विदर्भ में. पानी अधिक रहने पर मराठवाडा को भी देने की घोषणा उपमुख्यमंत्री ने सदन में की.
* श्वेता महाले ने उठाया मुद्दा
इस बारे में चिखली की विधायक श्वेता महाले ने ध्यानाकर्षण के जरिए सदन में यह विषय उठाया था. उन्होंने पश्चिम विदर्भ के अधिकांश भागों में सिंचाई की सुविधा न होने और ऐसी किसी परियोजना के बारे में जानकारी चाही. उत्तर में फडणवीस ने सदन को बताया कि दोनों वैनगंगा और नलगंगा नदी को जोडा जाएगा. 426 किमी लंबी परियोजना का बडा क्षेत्र टनल से होकर गुजरेगा. इसलिए बहुत अधिक जमीन की आवश्यकता नहीं होगी. जितनी भी जमीन लगेगी उसके लिए सरकार उचित मुआवजा देगी.
* मराठवाडा तक देंगे पानी
फडणवीस ने बताया कि नागपुर, वर्धा,अमरावती, अकोला, बुलढाणा के साथ वाशिम को भी इस परियोजना में शामिल किया गया है. पानी को गडचिरोली से लेकर वाशिम, बुलढाणा तक पहुंचाया जायगा. संभव हुआ तो मराठवाडा के हिंगोली और परभणी को भी पानी पहुंचाया जायेगा.
* धन की कमी नहीं
फडणवीस ने स्पष्ट कर दिया कि परियोजना को निधि की कमी नहीं होने दी जाएगी. केन्द्र ने अगर इस परियोजना को फंड नहीं दिया तो राज्य सरकार खर्च करेगी. उन्होंने राजेन्द्र शिंगणे और हरीश पिंपले के प्रश्नों का भी उत्तर दिया. उन्होंने कहा कि पश्चिम विदर्भ की 55 प्रतिशत और पूर्व विदर्भ की 45 प्रतिशत खेती की सिंचाई इस परियोजना से हो सकेगी. उन्होंने दावा किया कि 83 हजार करोड का यह प्रकल्प पश्चिम विदर्भ की सूरते हाल बदल देगा. उल्लेखनीय है कि परियोजना की लागत हाल ही में उद्घाटित समृध्दि महामार्ग से दोगुनी है.