अमरावती प्रतिनिधि/दि.७ – राज्य सरकार द्वारा महाराष्ट्र कृषि उत्पन्न बाजार समिती चुनाव नियम 2017 में संशोधन करने हेतु नियमोें के मसौदे की अधिसूचना 9 दिसंबर 2020 को प्रकाशित की गई है. जिस पर 8 जनवरी 2021 तक प्राप्त होनेवाले आक्षेपों व सुझावों पर विचार-विमर्श किया जायेगा. अत: सभी संबंधितों ने तुरंत ही अपनी आपत्तियों व आक्षेपों को पणन महासंचालक महाराष्ट्र राज्य न्यु सेंट्रल बिल्डींग, तीसरी मंजिल, पुणे-411201 के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए. इस आशय का आवाहन अमरावती फसल मंडी के सेवानिवृत्त सचिव एड. वी. बी. हेरोले द्वारा किया गया है.
इस संदर्भ में यहां जारी प्रेस विज्ञप्ती में एड. हेरोले ने कहा कि, राज्य में बाजार समितियों में ग्राम पंचायत व सेवा सहकारी संस्थाओं से किसान प्रतिनिधि के तौर पर चुने गये व चुनकर आनेवाले सदस्यों के संदर्भ में काफी संभ्रमवाली स्थिति बन गयी है. बाजार समिती के कार्यक्षेत्र में रहनेवाली सभी ग्राम पंचायतोें के सदस्य 4 प्रतिनिधि चुनकर देते है. अलग-अलग प्रवर्ग से तथा सेवा सहकारी संस्था व विविध कार्यकारी संस्था पंच कमेटी के सदस्य सोसायटी निर्वाचन क्षेत्र से 11 प्रतिनिधि चुने जाते है. अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों के यह प्रतिनिधि यदि संबंधित ग्राम पंचायत या सोसायटी के सदस्य नहीं है, तो उन्हें बाजार समिती सदस्य रहने के लिए अपात्र घोषित किया जाता है. किसी भी प्रवर्ग के प्रतिनिधि के नाते सदस्य रहनेवाले अथवा सदस्य पद धारण करनेवाले या लाईसेन्स धारक व्यक्ति द्वारा प्रतिनिधि पद पर बने रहने के दौरान अथवा पद या लाईसेन्स धारण करने के दौरान ही सदस्य रहा जा सकता है, तथा पद व लाईसेन्स धारण करना बंद होने पर उसके द्वारा धारण किये गये पद को रिक्त मान लिया जाता है. ऐसा बाजार समिती के नियम में कहा गया है. इस हेतु बाजार समितियों एवं तथा संबंधित जनप्रतिनिधियों ने धारा 15 (1) में संशोधन करते हुए इस संभ्रमावस्था को दूर करने के लिए सरकार से निवेदन करना चाहिए, और इस संदर्भ में 8 जनवरी तक पणन महासंचालक को आपत्ति, आक्षेप व सुझाव भेजे जा सकते है.