अमरावतीमुख्य समाचार

जिले के सात गृह प्रकल्प महारेरा की ‘ब्लैक लिस्ट’ में

तय समय पर काम पूरा न करना और घर का ताबा न देना पडा महंगा

  •  महारेरा ने राज्य के 644 अधूरे गृहनिर्माण प्रकल्पों को किया ‘ब्लैक लिस्टेड’

  •  बिक्री, मार्केटिंग व विज्ञापन करने पर लगायी गई पाबंदी

अमरावती/प्रतिनिधि दि.31 – तय समय के भीतर गृह प्रकल्प का काम पूरा नहीं करने और ग्राहकों को समय पर फ्लैट व घर का ताबा नहीं देने के मामले को लेकर महाराष्ट्र स्थायी संपत्ति नियामक प्राधिकरण यानी महारेरा द्वारा समूचे राज्य में 644 गृह प्रकल्पों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है. जिसमें अमरावती शहर के भी 7 प्रकल्पों का समावेश है. ब्लैक लिस्टेड किये जाने के साथ ही महारेरा ने इन प्रकल्पों में किसी भी तरह की संपत्ति की बिक्री, विज्ञापनबाजी व मार्केटिंग करने पर पाबंदी लगायी है.
जानकारी के मुताबिक महारेरा द्वारा उन प्रकल्पों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है, जिनका निर्माण कार्य वर्ष 2017 व 2018 में पूर्ण हो जाना चाहिए था और ग्राहकों को उनके घर अथवा फ्लैट का ताबा मिल जाना चाहिए था. किंतु तय समयावधि के भीतर इन प्रकल्पों द्वारा अपने काम को पूरा नहीं किया गया. साथ ही इन प्रकल्पों को महारेरा की ओर से दिया गया पंजीयन भी खत्म हो गया. इस दौरान अमरावती के वर्ष 2017 में 2 तथा वर्ष 2018 में 5 प्रकल्पों का पंजीयन ‘एक्सपायर्ड’ होने की जानकारी महारेरा की वेबसाईट पर दर्ज हुई है. इसके अलावा महारेरा द्वारा ब्लैक लिस्टेड किये गये प्रकल्पों में सर्वाधिक 274 यानी 43 फीसदी प्रकल्प अकेले मुंबई महानगर परिसर के है. इसके पश्चात पुणे के 29 फीसदी यानी 189 प्रकल्पों का इस कार्रवाई में समावेश है. वहीं शेष 28 फीसदी यानी 181 प्रकल्प अमरावती, नागपुर, नाशिक, कोल्हापुर, औरंगाबाद व सातारा जैसे शहरों से है. इन प्रकल्पों का महारेरा में पंजीयन किया गया था और इन प्रकल्पों का वर्ष 2017 व 2018 में पूर्ण होकर ग्राहकों को घरों का ताबा देना अपेक्षित था, लेकिन ऐसा नहीं होने की वजह से महारेरा द्वारा इन प्रकल्पों को ब्लैक लिस्टेड करने की कार्रवाई की गई है. ब्लैक लिस्टेड किये गये कुल 644 में से 547 प्रकल्प 70 फ्लैट रहनेवाले छोटे प्रकल्प है. साथ ही 80 फ्लैट की बिक्री हो चुकी है. इन 644 प्रकल्पों में से 84 फीसदी प्रकल्पों का काम 2018 में पूर्ण होना अपेक्षित था. वहीं 16 फीसद प्रकल्पों की तय समयावधि 2017 तक ही थी.

  •  ‘महारेरा’ में 25604 प्रकल्प

पाई-पाई जोडकर घर खरीदने का सपना देखनेवाले ग्राहकों को कानूनी संरक्षण देने हेतु ‘रेरा प्राधिकरण’ की स्थापना करनेवाला महाराष्ट्र देश का सबसे पहला राज्य साबित हुआ और इस कानून पर वर्ष 2017 से अमल करना शुरू किया गया है. जुलाई 2020 में महारेरा अंतर्गत 25 हजार 604 प्रकल्पों तथा 23 हजार 999 एजेंटों का पंजीयन किया जा चुका था.

  • कार्रवाई से कडा संदेश

पाई-पाई जोडकर अपने लिए घर खरीदने का सपना देखनेवाले लोगों को जब उनके घर का ताबा सही समय पर नहीं मिलता, तो उन्हें काफी मानसिक तकलीफों का सामना करना पडता है. इससे पहले भवन निर्माण व्यवसायियों द्वारा समयसीमा का बिल्कुल भी पालन नहीं किया जाता था. अत: ऐसे व्यवसायियों को महारेरा ने अपनी कार्रवाई के जरिये एक कडा संदेश देने का प्रयास किया है. किंतु यह प्रकल्प कब पूरे होंगे और ग्राहकों को उनके घरों का ताबा कब मिलेगा, इसे लेकर महारेरा की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है.

  • क्रेडाई का कोई सदस्य ब्लैक लिस्टेड नहीं

‘महारेरा’ द्वारा की गई कार्रवाई के संदर्भ में जानकारी एवं प्रतिक्रिया हेतु संपर्क किये जाने पर भवन निर्माण व्यवसायियों के शीर्ष संगठन ‘क्रेडाई’ के अमरावती शाखा अध्यक्ष संजय पर्वतकर व सचिव रविंद्र गोरठे ने बताया कि, महारेरा की ओर से की गई कार्रवाई के बारे में उन्हें पता चला है. किंतु उस ब्लैक लिस्ट में क्रेडाई का कोई भी सदस्य शामिल नहीं है. इसके अलावा उस लिस्ट में तकनीकी कारणों के चलते जो नाम शामिल है, उन्हें लेकर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जा सकती. क्रेडाई पदाधिकारियों ने कहा कि, महारेरा ग्राहकों के हितों के लिए ही गठित किया गया है और भवन निर्माण व्यवसायियों द्वारा भी ग्राहकों के हितों को पूरी तरह से ध्यान में रखकर ही काम किया जाना चाहिए.

Related Articles

Back to top button