राजेंद्र लॉज हादसे के लिए शाह मां-बेटा जिम्मेदार
मनपा व महावितरण के अधिकारियों की भी जवाबदेही
* संभागिय आयुक्त ने सीएमओ को भेजी है अपनी रिपोर्ट
* विगत मई माह में ही रिपोर्ट तैयार होकर हुई रवाना
* अब सीएमओं से संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश का इंतजार
* 30 अक्तूबर को हुआ था हादसा, 5 लोगों की मलबे में दबकर गई थी जान
अमरावती/दि.17 – विगत वर्ष 30 अक्तूबर को स्थानीय प्रभात टॉकिट के पास स्थित राजेंद्र लॉज की 3 मंजिला इमारत ढह गई थी और निचली मंजिल पर स्थित राजदीप एम्पोरियम नामक प्रतिष्ठान में काम कर रहे 5 लोग मलबे के नीचे दबकर मारे गए थे. इस हादसे के बाद उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्बारा दिए गए निर्देश के चलते तत्कालीन संभागीय राजस्व आयुक्त डॉ. दिलीप पांढरपट्टे की अगुवाई में जांच समिति का गठन करते हुए इस हादस की जांच शुरु की गई थी. ताकि हादसे के लिए जिम्मेदार रहने वाले लोगों की जवाबदेही तय की जा सके. पता चला है कि, स्थानीय संभागीय राजस्व आयुक्त कार्यालय में अपनी जांच पूरी करते हुए राजेंद्र लॉज हादसें से संबंधित अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को विगत मई माह में ही भेज दी है. जिसमें हादसे से जुडे सभी तत्थ्यों का अध्ययन करने और हादसे से संबंधित सभी लोगों के बयानदर्ज करने के उपरान्त यह निष्कर्ष निकाला गया है कि, इस हादसे के लिए पूरी तरह से राजदीप एम्पोरियम के संचालक हर्षल भरत शाह व उनकी मां जिम्मेदार है. जिन्होंने इमारत की जर्जर स्थिति के बारे में पता रहने के बावजूद भी इमारत की निचली मंजिल पर स्थित अपने प्रतिष्ठान राजदीप एम्पोरियम में निर्माण संबंधी दुरुस्ती का काम शुरु करवाया. जिसके बारे में काम शुरु करने से पहले महानगरपालिका से कोई अनुमति नहीं ली गई थी और खस्ताहाल इमारत में निचली मंजिल पर ठोंकपीट होने के चलते पहले से ही जर्जर हो चुकी इमारत भरभराकर नीचे गिर पडी और इमारत के भारी भरकम मलबे के नीचे दबकर 5 लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही संभागीय राजस्व आयुक्त कार्यालय द्बारा तैयार की गई इस गोपनीय रिपोर्ट में इस हादसे के लिए राजेंद्र लॉज के संचालक राहुल राजेंद्र जैन के साथ ही अस्पष्ट स्ट्रक्चरल ऑडिट देने वाले आर्किटेक चेतन प्रजापति, मनपा के उपअभियंता सुहास चव्हाण तथा महावितरण के शाखा अभियंता रवींद्र कालबांडे को भी जिम्मेदार माना गया है. ऐसे में अब सभी का ध्यान इस ओर लगा हुआ है कि, इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री कार्यालय द्बारा क्या फैसला लिया जाता है और हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों के लिए कौन सी कार्रवाई प्रस्तावित की जाती है.
बता दें कि, राजेंद्र लॉज हादसे के मामले की जांच करते हुए संभागीय राजस्व आयुक्त कार्यालय द्बारा कुल 11 लोगों से पूछताछ करते हुए 7 माह में अपनी जांच रिपोर्ट तैयार की गई है. जिस समय यह हादसा घटित हुआ था. तब संभागीय आयुक्त के तौर पर डॉ. दिलीप पांढरपट्टे पदस्त थे. जिन्होंने हादसे के दो दिन बाद 1 नवंबर 2022 को ही एक बैठक बुलाई थी. जिसमें तत्कालीन मनपा आयुक्त डॉ. प्रवीण आष्टीकर, मनपा उपायुक्त भाग्यश्री बोरेकर व शहर अभियंता इकबाल खान उपस्थित थे. इसी सभा में संभागीय आयुक्त ने राजेंद्र लॉज की जर्जर इमारत के मालिक व किराएदारों को नोटीस देकर उनका स्पष्टीकरण मांगा था. पश्चात संभागीय आयुक्त के तौर पर आयी. डॉ. निधी पाण्डेय ने इस मामले की जांच को आगे बढाते हुए 12 पन्ने की गोपनीय रिपोर्ट तैयार करते हुए उसे मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दिया. 30 मई 2023 को सीएमओ हेतु भेजी गई इस रिपोर्ट के बारे में संभागीय आयुक्त कार्यालय की ओर से जबर्दस्त गोपनियता रखी गई थी. परंतु चूंकि आज से राज्य विधान मंडल का अधिवेशन शुरु हो रहा है. ऐसे में बहुत संभावना है कि, स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्बारा विधान मंडल में राजेंद्र लॉज हादसे से संबंधित मामले को जोरशोर से उठाया जा सकता है. ऐसे में कुछ विश्वसनीय सूत्रों के जरिए यह गोपनिय रिपोर्ट दैनिक अमरावती मंडल के हाथ लग गई और इस रिपोर्ट के मुताबिक संभागीय राजस्व आयुक्त ने राजेंद्र लॉज हादसे के लिए पूरी तरह से राजदीप एम्पोरियम के संचालक हर्षद भरत शाह व उनकी मां को जिम्मेदार ठहराया है. जिन्होंने राजदीप एम्पोरियम के मैनेजर रवींद्र परमार को अपने प्रतिष्ठान में निर्माण संबंधी दुरुस्ती का काम करने हेतु मजबूर किया था. इसके साथ ही इस रिपोर्ट में साफ तौर पर यह भी कहा गया है कि, राजेंद्र लॉज की इमारत का स्ट्रक्चरल ऑडिट करने वाले चेतन प्रजापति ने इमारत की स्थिति को लेकर स्पष्ट रिपोर्ट नहीं दी थी. वहीं मनपा के उपअभियंता सुभाष चव्हाण और महावितरण के शाखा अभियंता रवींद्र कालबांडे ने भी अपनी जिम्मेदारी को निभाने में काफी हद तक कोताही की. यदि इन सभी लोगों द्बारा अपनी जिम्मेदारी को सही ढंग से निभाया जाता. तो शायद राजेंद्र लॉज के हादसे वाली घटना को टाला जा सकता था और उस हादसे में 5 निरपराध लोगों की जान नहीं जाती.
* इन 5 लोगों की हुई थी मौत
राजेंद्र लॉज हादसे में राजदीप एम्पोरियम के मैनेजर रवींद्र परमार (साई नगर) सहित रिजवान शाह शरीफ शाह (उस्मान नगर), आरिफ मोहम्मद शेख रफीक (रहमत नगर), कमर इकबाल अब्दूल रफीक (रहमत नगर) व एक अन्य व्यक्ति की मौत हुई थी. साथ ही इस हादसे में आनंद नगर निवासी राजेंद्र रमेश्वर कदम नामक व्यक्ति घायल हुआ था.
* 7 लोग हुए थे नामजद
30 अक्तूबर 2022 को राजेंद्र लॉज की इमारत ढहकर घटित हुए हादसे के बाद स्थानीय सिटी कोतवाली पुलिस ने अपराधिक मामला दर्ज करते हुए राजदीप एम्पोरियम के संचालक हर्षद भरत शाह व उनकी मां, राजेंद्र लॉज के मालिक राहुल राजेंद्र जैन, ठेकेदार अब्दूल साजिद अब्दूल अजिज, कंसलटंट इंजिनियर विनोद जवाहर बोहरा, मनपा उपअभियंता सुहास नंदनकिशोर चव्हाण व सहायक अभियंता अजय रामभाउ विंचुरकर इन 7 लोगों को नामदज किया था. इसके बाद जांच में कोई प्रगती नहीं हो पाने के चलते तत्कालीन पुलिस आयुक्त ने मामले की जांच कोतवाली थाने की पीआई निलिमा आरज से हटाकर खोलापुरी गेट पुलिस स्टेशन के थानेदार गजानन तामटे को सौंप दिया था. वहीं दूसरी ओर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देष पर संभागीय राजस्व आयुक्त द्बारा भी राजेंद्र लॉज हादसे के मामले की जांच की जा रही थी. जिसकी रिपोर्ट विगत मई माह से राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के पास अगली कार्रवाई के लिए विचाराधीन पडी हुई है.