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शकुंतला ट्रेन के दुबारा दौडने की आस जागी

  • सांसद नवनीत राणा ने संसद में रेल मंत्री पीयूष गोयल के सामने उठाया मसला

  • मुर्तिजापूर के पूर्व नगराध्यक्ष नानकराम नेभनानी ने जताया सांसद राणा का आभार

अमरावती/प्रतिनिधि दि.६  – ब्रिटीशकाल के समय अमरावती जिले के अचलपुर से यवतमाल के बीच नैरोगेज रेल सेवा शुरू की गई थी. जिस पर चलनेवाली रेलगाडी को शकुंतला ए्नसप्रेस कहा जाता था. लेकिन आजादी पश्चात के वर्षों में समूचित रखरखाव एवं राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव रहने के चलते यह ट्रेन अब कालबाह्य हो गयी है तथा विगत अनेक महिनों से शकुंतला ट्रेन सेवा बंद पडी है. ऐसे में अमरावती जिले की सांसद नवनीत राणा ने अचलपुर से यवतमाल के बीच इस रेल लाईन पर स्थित कई गांवों को यातायात का सस्ता व सुलभ साधन उपलब्ध कराने हेतु शकुंतला ट्रेन को दुबारा शुरू करने की मांग संसद में केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल के सामने उठायी है. जिसके चलते ब्रिटीशकालीन शकुंतला ट्रेन के एक बार फिर से पटरी पर दौडने की आस जागती दिखाई दे रही है. बता दें कि, मुर्तिजापुर से होकर गुजरनेवाली इस रेलगाडी को यथावत शुरू रखने के लिए मुर्तिजापुर के पूर्व नगराध्यक्ष नानकराम नेभनानी विगत अनेक वर्षों से लगातार प्रयास कर रहे है. qकतु उन्हें क्षेत्र के किसी भी जनप्रतिनिधि का अब तक अपेक्षित सहयोग नहीं मिला है. वहीं दूसरी ओर इस रेल मार्ग पर पडनेवाले अमरावती सहित अकोला व यवतमाल जिले के गांवों के नागरिकों द्वारा भी विगत लंबे समय से इस रेलसेवा को शुरू किये जाने की मांग की जा रही है, ताकि उन्हें आवागमन एवं माल ढुलाई के लिए परिवहन का साधन उपलब्ध हो. इस बात से अवगत होते ही अमरावती की सांसद नवनीत राणा ने संसद में केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष शकुंतला ट्रेन को दूबारा शुरू करने का मसला उठाया. साथ ही इस नैरोगेज रेल्वे ट्रैक को ब्रॉडगेज में परिवर्तित करने की जरूरत भी प्रतिपादित की. जिस पर केंद्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल की ओर से सकारात्मक प्रतिसाद मिला है. इस बात से अवगत होते ही मुर्तिजापुर के पूर्व नगराध्यक्ष नानकराम नेभनानी ने सांसद नवनीत राणा के प्रति आभार जताते हुए उनका पुष्पगुच्छ देकर सत्कार किया.

आर्थिक विकास के लिए परिवहन सेवा का मजबूत रहना जरूरी

इन दिनों अपने कुछ निजी कारणों के चलते अमरावती में रह रहे पूर्व नगराध्यक्ष नानकराम नेभनानी से इस विषय को लेकर संपर्क किये जाने पर उन्होंने बताया कि, किसी भी क्षेत्र के विकास में वहां उपलब्ध आवागमन की सुविधाओं का बडा हाथ होता है. अचलपुर से यवतमाल के बीच शकुंतला रेललाईन पर पडनेवाले सैंकडों गांव के लोग लंबे समय तक इस रेल सेवा पर आश्रित रहे और बीते दिनों अचानक ही इस रेल सेवा को बंद कर दिया गया. जिससे इन गांवों की आर्थिक गतिविधियों का समीकरण गडबडा गया है. ऐसे में यह जरूरी है कि, आर्थिक मोर्चे पर बुरी तरह से पिछडे रहनेवाले पश्चिम विदर्भ में आवागमन के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाया जाये और यहां पर पुरानी सुविधाओं को चुस्त-दुरूस्त रखने के साथ ही नई सुविधाएं उपलब्ध करायी जाये. लेकिन क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उदासिनता के चलते यहां उल्टा काम हो रहा है. नया ढांचा तो बन नहीं रहा, बल्कि जो पुरानी सुविधाएं उपलब्ध है, उन्हें बंद किया जा रहा है. इसके तहत अचलपुर-यवतमाल शकुंतला ट्रेन सहित पूर्णा-खंडवा रेल सेवा इस समय बंद है. हालांकि पूर्णा-खंडवा रेल लाईन को ब्रॉडगेज में परिवर्तित किया जा रहा है, जिसके तहत पूर्णा से अकोला तक तो ब्रॉडगेज लाईन बनकर तैयार है, लेकिन अकोला से खंडवा के बीच ब्रॉडगेज का काम अधर में अटका पडा है. यदि इन दोनों रेल सेवाओं को जल्द से जल्द शुरू किया जाता है, तो क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मजबूत होने में निश्चित तौर पर मदद मिलेगी.

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